Saturday, November 23, 2019

बीमार पड़ने से पहले आयुर्वेदिक उपचार

बीमार पड़ने के पहले , ये काम केवल आयुर्वेद ही कर सकता है,,,,,

1--केंसर होने का भय लगता हो तो रोज़ाना कढ़ीपत्ते का रस पीते रहें,,,
2-- हार्टअटेक का भय लगता हो तो रोज़ना अर्जुनासव या अर्जुनारिष्ट पीते रहिए,,
3-- बबासीर होने की सम्भावना लगती हो तो पथरचटे के हरे पत्ते रोजाना सबेरे चबा कर खाएँ,,,,
4-- किडनी फेल होने का डर हो तो हरे धनिये का रस प्रात: खाली  पेट पिएँ,,,
5-- पित्त की शिकायत का भय हो तो रोज़ाना सुबह शाम आंवले का रस पिएँ,,,
6-- सर्दी - जुकाम की सम्भावना हो तो नियमित कुछ दिन गुनगुने पानी में थोड़ा सा हल्दी चूर्ण डालकर पिएँ,,,,
7-- गंजा होने का भय हो तो बड़ की जटाएँ कुचल कर नारियल के तेल में उबाल कर छान कर,रोज़ाना स्नान के पहले उस तेल की मालिश करें,,,
8-- दाँत गिरने से बचाने हों तो फ्रिज और कूलर का पानी पीना बंद कर दें,,,,
9-- डायबिटीज से बचाव के लिए तनावमुक्त रहें, व्यायाम करें, रात को जल्दी सो जाएँ, चीनी नहीं खाएँ , गुड़ खाएँ,,,
10--किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो रोज़ाना भोजन के दो घन्टे पूर्व 20 या 25 मि. ली. अश्वगन्धारिष्ट ,200 मि. ली. पानी में मिला कर पिएँ,,,,
         
    किसी बीमारी का भय नहीं हो तो भी -- 15 मिनिट अनुलोम - विलोम,  15 मिनिट कपालभाती, 12 बार सूर्य नमस्कार करें,,,,
          स्वयं के स्वास्थ्य के लिए इतना तो करें,,,,,

स्वस्थ रहने के लिए धन नहीं लगता, थोड़ी स्फूर्ति, थोड़ी जागरूकता व थोड़ा परिश्रम लगता है,
ॐ जी

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