*गोपाष्टमी...*
*4 नवंबर2019*
*पूजन विधि*
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवके भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का महत्व है।
*आइए जानें कैसे मनाएं गोपाष्टमी पर्व?*
● गोपाष्टमी यानी कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन प्रात:काल में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करें।
● तत्पश्चात प्रात:काल में ही गायों को भी स्नान आदि कराकर गौ माता के अंग में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे आदि लगाकर सजाएं।
● इस दिन गायों को खूब सजाया-संवारा जाता है।
● इस दिन बछड़े सहित गाय की पूजा करने का विधान है।
● प्रात:काल में ही धूप-दीप, अक्षत, रोली, गुड़ आदि वस्त्र तथा जल से गाय का पूजन किया जाता है और धूप-दीप से आरती उतारी जाती है।
● इस दिन ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका भी पूजन करने का महत्व है।
● इस दिन सभी परिवार के लोग गौ यानी गाय की विधि विधान से पूजा करते हैं।
● इसके बाद गाय को चारा आदि डालकर उनकी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा करने के बाद कुछ दूर तक गायों के साथ चलते हैं।
● संध्याकाल में गायों के जंगल से वापस लौटने पर उनके चरणों को धोकर तिलक लगाने का महत्व है।
*गोपाष्टमी की हार्दिक बधाई...*
*4 नवंबर2019*
*पूजन विधि*
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवके भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने का महत्व है।
*आइए जानें कैसे मनाएं गोपाष्टमी पर्व?*
● गोपाष्टमी यानी कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन प्रात:काल में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करें।
● तत्पश्चात प्रात:काल में ही गायों को भी स्नान आदि कराकर गौ माता के अंग में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे आदि लगाकर सजाएं।
● इस दिन गायों को खूब सजाया-संवारा जाता है।
● इस दिन बछड़े सहित गाय की पूजा करने का विधान है।
● प्रात:काल में ही धूप-दीप, अक्षत, रोली, गुड़ आदि वस्त्र तथा जल से गाय का पूजन किया जाता है और धूप-दीप से आरती उतारी जाती है।
● इस दिन ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका भी पूजन करने का महत्व है।
● इस दिन सभी परिवार के लोग गौ यानी गाय की विधि विधान से पूजा करते हैं।
● इसके बाद गाय को चारा आदि डालकर उनकी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा करने के बाद कुछ दूर तक गायों के साथ चलते हैं।
● संध्याकाल में गायों के जंगल से वापस लौटने पर उनके चरणों को धोकर तिलक लगाने का महत्व है।
*गोपाष्टमी की हार्दिक बधाई...*
No comments:
Post a Comment