जय जय श्री राधे!
हमारे बृजमंडल की महानतम विभूति पूज्यश्री रमेश बाबा जी महाराज के बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है!बाबा बरसाना मान मंदिर में विराजते हैं!
बाबा ने गत लगभग 63 वर्षों से बृज नहीं छोड़ा; वे कहीं बाहर नहीं जाते,पर पूरी दुनिया में भक्त उनसे असीम प्रेरणा पाते हैं...कोई उन्हें राधाजी,तो कोई ललिता सखी का अवतार बताता है।बृज की प्राचीन संस्कृति को पुनः स्थापित करने में उनका अद्वितीय योगदान रहा है! उन्होंने ब्रज के पर्वतों को माफिया दलों द्वारा खनन से बचाया है और अनेक कुंडों का जीर्णोद्धार कराया है! ब्रज सहित पूरे देश के लगभग 32 हज़ार गांवों में बाबा के द्वारा प्रेरित प्रभात-फेरियां चल रही हैं!बाबा बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी हैं; जब बोलते हैं तो बड़े-बड़े पीठाधीश्वर सुनने को बाध्य होते हैं; जब खरज के स्वरों में गरज कर मधुर राग-रागनियों में गाते हैं,तो सबका हृदय झनझना जाता है! बाबा ने श्रीमद्भागवत के कई निष्काम कथावाचकों की सृष्टि की है!वे किसी को दीक्षा नहीं देते,पर अनेकानेक भक्त उन्हें अपना गुरु मानते हैं!(इस दास पर भी बाबा की अत्यधिक कृपा रही है!और मुझे संगीत भी सिखाया है!)बाबा इस समय सब सम्प्रदायों से ऊपर उठे हुए,परमहंस अवस्था में हैं!...हाल ही में बाबा के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आई थी!अब ठीक हैं,फिर भी आपमें से जिन्होंने इनके दर्शन अबतक ना किये हों,तो तुरंत कर लीजिए,क्योंकि ऐसी महान आत्माएं बार बार शरीर नहीं धरतीं!ऐसे महात्माओं के दर्शन मात्र से कल्याण हो जाता है!
बाबा द्वारा संचालित बृज चौरासी कोस की 40-दिवसीय निःशुल्क यात्रा इस वर्ष 10 अक्टूबर से प्रारंभ होगी,जिसमें लगभग 12 से 15 हज़ार यात्री होते हैं;अखंड कीर्तन होता रहता है,हर लीला स्थली की महिमा बताई जाती है!उसमें भी सम्मिलित होकर चौरासी के चक्र से बचकर अपना जीवन सार्थक करें!
हमारे बृजमंडल की महानतम विभूति पूज्यश्री रमेश बाबा जी महाराज के बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है!बाबा बरसाना मान मंदिर में विराजते हैं!
बाबा ने गत लगभग 63 वर्षों से बृज नहीं छोड़ा; वे कहीं बाहर नहीं जाते,पर पूरी दुनिया में भक्त उनसे असीम प्रेरणा पाते हैं...कोई उन्हें राधाजी,तो कोई ललिता सखी का अवतार बताता है।बृज की प्राचीन संस्कृति को पुनः स्थापित करने में उनका अद्वितीय योगदान रहा है! उन्होंने ब्रज के पर्वतों को माफिया दलों द्वारा खनन से बचाया है और अनेक कुंडों का जीर्णोद्धार कराया है! ब्रज सहित पूरे देश के लगभग 32 हज़ार गांवों में बाबा के द्वारा प्रेरित प्रभात-फेरियां चल रही हैं!बाबा बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी हैं; जब बोलते हैं तो बड़े-बड़े पीठाधीश्वर सुनने को बाध्य होते हैं; जब खरज के स्वरों में गरज कर मधुर राग-रागनियों में गाते हैं,तो सबका हृदय झनझना जाता है! बाबा ने श्रीमद्भागवत के कई निष्काम कथावाचकों की सृष्टि की है!वे किसी को दीक्षा नहीं देते,पर अनेकानेक भक्त उन्हें अपना गुरु मानते हैं!(इस दास पर भी बाबा की अत्यधिक कृपा रही है!और मुझे संगीत भी सिखाया है!)बाबा इस समय सब सम्प्रदायों से ऊपर उठे हुए,परमहंस अवस्था में हैं!...हाल ही में बाबा के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आई थी!अब ठीक हैं,फिर भी आपमें से जिन्होंने इनके दर्शन अबतक ना किये हों,तो तुरंत कर लीजिए,क्योंकि ऐसी महान आत्माएं बार बार शरीर नहीं धरतीं!ऐसे महात्माओं के दर्शन मात्र से कल्याण हो जाता है!
बाबा द्वारा संचालित बृज चौरासी कोस की 40-दिवसीय निःशुल्क यात्रा इस वर्ष 10 अक्टूबर से प्रारंभ होगी,जिसमें लगभग 12 से 15 हज़ार यात्री होते हैं;अखंड कीर्तन होता रहता है,हर लीला स्थली की महिमा बताई जाती है!उसमें भी सम्मिलित होकर चौरासी के चक्र से बचकर अपना जीवन सार्थक करें!
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