Sunday, November 24, 2019

शरद पूर्णिमा पर गोमूत्र से आंख की दवाई कैसे बनाये




वन्देमातरम मित्रो--- अभी शरद पूर्णिमा आने वाली है ,इस रात्रि को गोमूत्र से दवाई बनाई जाती है
जो आंख का मोतिया बिंद
आंखों में चश्मा चढ़ा होना
या आंखों की अन्य समस्या को ठीक करता है।
विधि: शरद पूर्णिमा को ब्रह्ममुहूर्त   यानी  6 बजे सुबह तक का बछिया का गौमूत्र
लें  ,
यदि सँभव हो तो दो तीन दिन इस दौरान 50 ग्राम  त्रिफला  व पुनर्नवा थोड़ी सी बछिया को गुड़ के साथ खिलाएं  ।
और गोमुत्र को  शरद पूर्णिमा की रात्रि को खुले आसमान में तांबे के खुले मुहं के बर्तन में गौबर के उपलों की मन्द अग्नि से तकरीबन  रात्रि10pm से सुबह 4am तक मन्द अग्नि पर  गर्म करें ।
गर्म करते समय संभव हो तो  तुलसी की डंडी या निम की डंडी  से इसको घुमाते रहें ।
इस दौरान प्रभु सिमरन  करते रहें ।
अब इस सिद्ध किये हुवे गौमूत्र को ठंडा करके कांच के जार में रख लें ।
मान लें आपका सिद्ध किया हुवा गोमूत्र 2 लीटर बचा है तो  आपको
इसमे छोटी मक्खी का शहद  आधा लीटर
ओर बढ़िया चैत्री  गुलाब फूलों का बनाया हुवा गुलाब जल 2 लीटर मिला दें ।
ये कांच के बर्तन में रखनी हैं ।
आपका दिव्य नेत्र बिंदु  ओषधि तैयार है ।
1-1बून्द आंख में रात्रि को डालकर सोएं
इससे आंखों का चश्मा धीरे धीरे उतर जाता है और मोतियाबिंद ठीक हो जाता है ।
राजपाल भारत :9729129129
मित्रो जिनके पास देशी गौमाता है
वो जरूर बनाएं ।
पोस्ट को दूसरे गोपालक तक पहुंचाएं -धन्यवाद !!

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