Sunday, May 26, 2019

श्री गौ माता के 108 नामो की नामावली

।।श्री गौ माता के 108 नामो की नामावली ।।
।। दोहा ।।
श्री गणपति का ध्यान कर जपो गौ मात के नाम ।
इनके सुमिरन मात्र से खुश होवेंगे श्याम ।।
1. कपिला
2. गौतमी
3. सुरभी
4. गौमती
5. नंदनी
6. श्यामा
7. वैष्णवी
8. मंगला
9. सर्वदेव वासिनी
10. महादेवी
11. सिंधु अवतरणी
12. सरस्वती
13. त्रिवेणी
14. लक्ष्मी
15. गौरी
16. वैदेही
17. अन्नपूर्णा
18. कौशल्या
19. देवकी
20. गोपालिनी
21. कामधेनु
22. आदिति
23. माहेश्वरी
24. गोदावरी
25. जगदम्बा
26. वैजयंती
27. रेवती
28. सती
29. भारती
30. त्रिविद्या
31. गंगा
32. यमुना
33. कृष्णा
34.राधा
35 . मोक्षदा
36. उतरा
37. अवधा
38. ब्रजेश्वरी
39. गोपेश्वरी
40.कल्याणी
41.करुणा
42. विजया
43. ज्ञानेश्वरी
44. कालिंदी
45. प्रकृति
46. अरुंधति
47. वृंदा
48. गिरिजा
49.मनहोरणी
50. संध्या
51. ललिता
52. रश्मि
53 . ज्वाला
54. तुलसी
55. मल्लिका
56 . कमला
57. योगेश्वरी
58. नारायणी
59. शिवा
60. गीता
61. नवनीता
62.अमृता अमरो
63. स्वाहा
64. धंनजया
65. ओमकारेश्वरी
66. सिद्धिश्वरी
67. निधि
68. ऋद्धिश्वरी
69. रोहिणी
70. दुर्गा
71. दूर्वा
72. शुभमा
73. रमा
74. मोहनेश्वरी
75. पवित्रा
76. शताक्षी
77. परिक्रमा
78. पितरेश्वरी
79. हरसिद्धि
80. मणि
81. अंजना
82. धरणी
83. विंध्या
84. नवधा
85. वारुणी
86. सुवर्णा
87. रजता
88. यशस्वनि
89. देवेश्वरी
90. ऋषभा
91. पावनी
92. सुप्रभा
93. वागेश्वरी
94. मनसा
95. शाण्डिली
96. वेणी
97. गरुडा
98. त्रिकुटा
99. औषधा
100. कालांगि
101. शीतला
102. गायत्री
103. कश्यपा
104. कृतिका
105. पूर्णा
106. तृप्ता
107. भक्ति
108. त्वरिता
~ दोहा ~
अनंत नाम गौ मात के सब देवो का वास।
सब भक्तो का आपके चरणों में विश्वास।।
इन नामो को नित्य पठन से रिद्धि सिद्धि घर आयेगी।
श्री कृष्ण राम कृपा से,सर्व देव कृपा हो जायेगी।।

जय गौ माता
जय गोपाल

लगातार_एक_महीने_में_पानीपत_कें_गौभक्तों_नें_गोवंश_से #भरी_हुई_चौथी_गाड़ी पकड़ी

#लगातार_एक_महीने_में_पानीपत_कें_गौभक्तों_नें_गोवंश_से भरी_हुई_चौथी_गाड़ी पकड़ी (24अप्रैल2019)

Source-
https://www.facebook.com/100006046657514/posts/2248560158688851/


आज दिनांक 24-4-2019 को पानीपत में गौभक्तों नें 20 गोवंश से भरा हुआ कंटेनर पकड़ा और 3 गौ-तस्कर जिसमें सभी गोवंश को गौ-तस्कर गोवंश को काटने के लिए उत्तर-प्रदेश ले जा रहे थें
सहयोगी गोभक्त प्रताप काबड़ी , रिंकू आर्य, प्रदीप भापरा, गौरव बजाज, गौरव पानीपत,विक्की , औमबीर,सुनिल परढ़ाणा,निरज बिनझौल, सुनील कपूर, कुनाल कपूर सेकडो गोभक्तो का सहयोग रहा |

दही

दही

परिचय :
          दही में प्रोटीन की क्वालिटी सबसे अच्छी होती हैं। दही जमाने की प्रक्रिया में बी विटामिनों में विशेषकर थायमिन, रिबोफ्लेवीन और निकोटेमाइड की मात्रा दुगुनी हो जाती है। दूध की अपेक्षा दही आसानी से पच जाता है।
दही पांच प्रकार की होती है।
1. मन्द
2. स्वादु
3. स्वाद्वम्ल
4. अम्ल
5. अत्यम्ल
1. मन्द दही : जो दही दूध की तरह अस्पष्ट रस वाला अर्थात आधा जमा हो और आधा न जमा हो, वह मन्द (कच्चा दही) कहलाता है। मन्द (कच्चे दही) का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से विष्ठा तथा मूत्र की प्रवृत्ति, वात, पित्त, कफ तथा जलन आदि रोग पैदा होते हैं।
2. स्वादु दही : जो दही अच्छी तरह से जमा हुआ हो, मधुर खट्टापन लिए हुए हो उसे स्वादु दही कहा जाता है। स्वादु दही नाड़ियों को अत्यन्त रोकने वाला और रक्तपित्त को साफ करने वाला होता है।
3. स्वाद्वम्ल दही : जो दही अच्छी तरह जमा हुआ मीठा और कषैला होता है। वह `स्वाद्वम्ल` कहलाता है। `स्वाद्वम्ल` दही के गुण साधारण दही के गुणों के जैसे ही होते हैं।
. अम्ल दही : जिस दही में मिठास नहीं होती है और खट्टापन ज्यादा होता है। वह दही अम्ल यानि खट्टा दही कहलाता है। अम्ल दही (खट्टा दही) पाचन शक्ति को बढ़ाने  वाला रक्तपित्त को बिगाड़ने वाला और रक्तपित्त तथा कफ (बलगम) को बढ़ाने वाला होता है।
5. अत्यम्ल दही : जिस दही को खाने से दांत खट्टे हो जाएं, रोंगटे खडे़ हो जाए और कंठ आदि में जलन हो, वह दही अत्यम्ल कहलाता है। यह दही पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला एवं गैस तथा पित्त (गर्मी) को पैदा करता है।
रंग : दही का रंग सफेद रंग का होता है।
स्वाद : यह खट्टा और मीठा होता है।
स्वरूप : दूध को गर्म करने के बाद उसे ठण्डा करके उसमें कुछ जमाने वाला पदार्थ डालकर दही बनता है। दही भी कई प्रकार का होता है, जैसे- मीठा दही, खट्टा दही, ज्यादा खट्टा दही।
स्वभाव : दही खाने से शरीर को ठण्डक और शीतलता महसूस होती है।
हानिकारक : खट्टा दही पित और बलगम को पैदा करता है। ज्यादा खट्टा दही खाने से दांत खट्टे होते हैं और शरीर के रोये खड़े हो जाते हैं, पेट में जलन भी होती है।
परहेज : दमा, श्वांस, खांसी, कफ, सूजन, रक्तपित्त तथा बुखार आदि रोगों में दहीं नहीं खाना चाहिए। रात को दही नहीं खाना चाहिए। दही में चीनी या शहद डालकर खाने से इसके गुण बढ़ जाते हैं।स्नेहा समुह
दोषों को खत्म करने के लिए : दही में नमक, जीरा और कालीमिर्च मिलाकर खाना ज्यादा लाभदायक है।
गुण : गर्म दिमाग वालों के लिए दही बहुत गुणकारी है। दही प्यास को रोकता है, दही की मलाई को सिर पर मसाज करने से वही फायदा मिलता जो घिया, लौकी के बीज से मिलता है। दही को अगर चेहरे पर लगाया जाये तो चेहरे की झांई, रूखापन और कालापन दूर होता है।

दही का विभिन्न रोगों में उपयोग :
1. अपच: - दही में भुना हुआ पिसा जीरा, नमक और कालीमिर्च डालकर रोजाना खाने से अपच (भोजन न पचना) ठीक हो जाता है और भोजन जल्दी पच जाता है।
2. आधासीसी का दर्द:- यदि सिर दर्द सूर्य के साथ बढ़ता और घटता है तो इस तरह के सिर दर्द को आधासीसी (आधे सिर का दर्द) कहते हैं। आधासीसी (आधे सिर का दर्द) का दर्द दही के साथ चावल खाने से ठीक हो जाता है। सुबह सूरज उगने के समय सिर दर्द शुरू होने से पहले रोजाना चावल में दही मिलाकर खाना चाहिए।
3. बवासीर:- जब तक बवासीर में खून आता रहे तब तक केवल दही ही खाते रहें बाकी सारी चीजे बंद कर दें। इससे बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
4. बच्चों का भोजन:- दही, मां के दूध के बाद बच्चे का सबसे अच्छा भोजन होता है। बुल्गोरिया में जिन बच्चों को मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन बच्चों को खाने के लिए दही ही दिया जाता है।
5. हृदय रोग:-
उच्च रक्तदाब, मोटापा तथा गुर्दे की बीमारियों में भी दही खाने से बहुत लाभ होता है।
दही हृदय रोग (दिल का रोग) की रोकथाम के लिए बहुत अच्छा है। दही खून में बनने वाले कोलेस्ट्राल नामक घातक पदार्थ को मिटाने की ताकत रखता है। कोलेस्ट्राल नामक सख्त पदार्थ रक्त शिराओं में जमकर रक्त प्रवाह (खून को चलने) से रोकता है और उससे ओटोर ओस क्लीरोसिस नामक हृदय रोग (दिल का रोग) होता है। चिकने पदार्थ खाने वाले इसी के शिकार हो जाते हैं। अत: दही का प्रयोग बहुत ही उत्तम होता है।
6. बाल गिरने के कारण : जरूरत से ज्यादा दिमाग पर जोर पड़नजोर पड़ने से बाल ज्यादा गिरते हैं। औरतों में एक्ट्रोजन हार्मोन की कमी से बाल अधिक गिरते हैं। भोजन में लौह तत्व, विटामिन `बी` तथा आयोडीन की कमी से उम्र से पहले ही बाल गिरने लगते हैं। बालों को गिरने से रोकने के लिए दही से सिर को धोना चाहिए। दही में वे सभी तत्व होते हैं जिसकी स्वस्थ बालों को अधिक आवश्यकता रहती है। दही को बालों की जड़ों में लगायें और 20 मिनट बाद सिर को धोने से लाभ मिलता है।
7. फरास:- 1 कप दही में नमक मिलाकर मिला लें। इस दही को बालों में लगाने से सिर की फरास दूर हो जाती है।
8. फोड़े, सूजन, दर्द जलन:- अगर शरीर में फोड़े, सूजन, दर्द जलन हो तो पानी निकाला हुआ दही बांधे, एक कपड़े में दही डालकर पोटली बांधकर लटका देते हैं। इससे दही का पानी निकल जाएगा। फिर इसे फोड़े पर लगाकर पट्टी बांध देते हैं। 1 दिन में 3 बार पट्टी को बदलने से लाभ होता है।
9. आयूर्वेद ग्रुप
9. अनिद्रा:- दही में पिसी हुई कालीमिर्च, सौंफ, तथा चीनी मिलाकर खाने से नींद आ जाती है।
10. भांग का नशा:- ताजा दही खिलाते रहने से भांग का नशा उतर जाता है।
11. काली खांसी:- 2 चम्मच दही, 1 चम्मच चीनी तथा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कालीमिर्च को शहद में मिलाकर बच्चे को चटाने से बच्चों की काली खांसी मिट जाती है।
12. बालों का झड़ना:- खट्टे दही को बालों की जड़ों में लगाकर थोड़ी देर मालिश करने के बाद उसे ठण्डे पानी से धो लें। इससे बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
13. बालों को काला करना:-
आधा कप दही में 10 पिसी हुई कालीमिर्च और 1 नींबू निचोड़ मिला लें और इसे बालों पर लगाकर 20 मिनट तक रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें। इससे बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
100 मिलीलीटर दही में 1 ग्राम बारीक पिसी हुई कालीमिर्च को मिलाकर सप्ताह में एक बार सिर को धोयें और बाद में गुनगुने पानी से सिर को धो डालें। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है और बालों में कालापन और सुन्दरता देखने को मिलती है।
14. गंजेपन का रोग:- दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसको सिर में लगाने से सिर की गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
15. अफारा (पेट में गैस का बनना):- दही की छाछ (दही का खट्टा पानी) को पीने से अफारा (पेट की गैस) में लाभ होता है।
16. रतौंधी: दही के पानी में कालीमिर्च को पीसकर आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी के रोग में आराम आता है।
17. जीभ की प्रदाह और सूजन:-
दही में पानी मिलाकर रोजाना गरारे करने से जीभ की जलन खत्म हो जाती है।   
दही के साथ पका हुआ केला सूर्योदय (सूरज उगने से पहले) से पहले खाने से जीभ में होने वाली फुन्सियां खत्म हो जाती है।
18. कब्ज:- दही का तोड़ (खट्टा पानी) पीने से कब्ज हट जाती है।
19. सिर की रूसी:- गाय के दही के पानी से बालों की जड़ो में रोजाना मालिश करने से सिर की रूसी कम हो जाती है।स्नेहा समुह
20. कैंसर कर्कट रोग:- दही के लगातार सेवन करने से कैंसर होने की संभावना नहीं रहती।
21. मुंह के छाले:- मुंह में छाले होने पर रोज सुबह मुंह के छालों पर दही मलने से लाभ होता है।
22. दस्त:-
100 मिलीलीटर दही में आधे केले को मिलाकर खाने से दस्त में लाभ मिलता है।
गाय या बकरी के दूध से जमी हुई दही में पकी हुआ बेल का गूदा मिलाकर खाने से पुराने दस्त में लाभ मिलता है।
दही में तालमखाने डालकर खाने से दस्त में लाभ मिलता है।
मां के दूध के न पचने के कारण आने वाले दस्त में दही का तोड़ यानी खट्टा पानी पिलाने से लाभ मिलता है।
23. शरीर की दुर्गन्ध:- शरीर से दुर्गन्ध आने पर दही और बेसन मिलाकर शरीर पर मलने से शरीर की दुर्गन्ध नष्ट हो जाती है।
24. खूनी अतिसार:- दही के साथ हंसपदी लेने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) में आराम होता है।
25. आंव रक्त (पेचिश):- अगर पेचिश पुराना हो गया हो तो उसके लिए बेलपत्थर के गूदों को दही में डालकर खाने से रोगी को लाभ मिलता है।
26. अग्निमान्द्य (हाजमे की खराबी):- दही और जीरा को नमक और पिसी हुई कालीमिर्च के साथ मिलाकर खाने से अपच (भोजन का न पचना) और अग्निमान्द्य (भूख का कम लगना) ठीक हो जाता है।
27. प्रदर रोग: दही के साथ हंसपदी खाने से प्रदर रोग ठीक हो जाता है।‘
. प्यास अधिक लगना:- दही में गुड़ मिलाकर खाने से बादी की प्यास मिट जाती है तथा भोजन के बाद लगने वाली तेज प्यास कम होती है।
29. मोटापा को कम करने के लिए:- दही को खाने से मोटापा कम होता है।
30. जुकाम:- खट्टे दही के अन्दर गुड़ और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से नया और पुराना हर तरह का जुकाम ठीक हो जाता है।
. नींद न आना (अनिद्रा):- दही में सौंफ, चीनी और पिसी हुई कालीमिर्च मिलाकर खाने से नींद अच्छी आती है।
32. पेट के कीड़े:- दही में असली शहद मिलाकर 3-4 दिन तक दिन में सुबह और शाम पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
33. नकसीर (नाक से खून आना):-दही की लस्सी बनाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग नहीं होता है।
दही और मिश्री को एक साथ मिलाकर उसके अन्दर लाल फिटकरी के चूर्ण को डालकर खाने से नाक से खून आना बंद हो जाता है।
लगभग 125 ग्राम दही को 250 मिलीलीटर पानी में डालकर इसमें 1 ग्राम फिटकरी मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) आना रूक जाता है।
दही में 4 कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) ठीक हो जाती है।
34. चेहरे की झांई के लिए:-
जब त्वचा रूखी और काली हो जाये, जगह-जगह चेहरे पर दाग, धब्बे पड़ जायें और मुंहासों से चेहरा भयानक हो जाये तो चेहरे और पूरे शरीर पर उबटन की तरह दही से मालिश करें। फिर 5 मिनट के बाद नहा लें।
दही में बेसन को मिलाकर चेहरे पर लगा लें और सूखने के बाद ठण्डे पानी से धो लें। ऐसा करने से चेहरे का रंग साफ हो जाता है। सूरज की किरणों से चेहरे पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव भी दही लगाने से दूर हो जाते हैं। चेहरे को साफ करने के लिए दही या नारंगी का रस मिलाकर प्रयोग करे तो यह भी एक अच्छा क्लिंजर (क्लिंजिग मिल्क) की तरह की काम करता है। दही के प्रयोग से त्वचा में रंगत आ जाती है। मुंहासों के लिए दही में चावल का आटा मिलाकर लगाया जाये तो मुंहासे ठीक हो जाते हैं।
. खुजली:- शरीर में जहां पर खुजली हो वहां पर दही को लगाने से खुजली दूर हो जाती है।
36. उच्चरक्तचाप:- दही में ग्लूकोज मिलाकर खाते रहने से कुछ दिनों में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) ठीक हो जाता है। औषधि सेवन-काल तक और कुछ न खायें। यदि दही खाने से शरीर में अकड़न और आलस्य महसूस हो तो ग्लूकोजयुक्त चाय पी सकते हैं।
37. हाथ-पैरों की जलन:- दही के तोड़ (खट्टे पानी) से मालिश करने से हाथ-पैरों की जलन समाप्त हो जाती है।
38. गुल्यवायु हिस्टीरिया:- दही और मट्ठा का सेवन हिस्टीरिया के रोगियों को लाभकारी होता है।
39. नहरूआ (स्यानु):- दही में कलौंजी को बारीक पीसकर नहरूआ के घाव पर लगाने से रोग नष्ट हो जाता है।
40. दाद के रोग:- दही में बेर के पत्ते पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
41. होठों की लाली के लिए:- दही के मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर लगाने से होठ लाल हो जाते हैं।
42. आग से जलने पर: बरगद की कोंपल (मुलायम पत्तियां) को पीसकर दही में मिलाकर जले हुए भाग पर लगाने से लाभ होता है।
43. नाभि का हटना (टलना):- 500 ग्राम दही में 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी मिलाकर रोजाना खायें। इस मिश्रण को नाभि के स्थान पर लाकर खाने से नाभि अपना स्थान नहीं छोड़ती है। *आयुवँद ऊपचार वषॉ 9920732545*

Nice Video on Agriculture Solution, Cow and Carbon Farming

Agriculture solution with cow, and carbon farming -Marin project

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=10158379200180968&id=6851405967

Hopes of Cow Lovers from Modi in 2019 Elections


Hopes of Cow Lovers from Modi in 2019 Elections

Link of Questions raised with Modiji on Twitter


Tomorrow is Voting in Haryana, Delhi NCR. I & Other Cow savers r voting BJP & MODI with following genuine hopes. Hope Modi will look into our genuine demands for benefit of nation.
Bharat was once golden sparrow, that was because of saving cows.Bharat has been only country in world which has used Golden coins as currency (Gold in Zebu Cow urine has been proved by scientists. All Zebu/Desi Cow products, panchgavya-milk,curd,ghi,cow urine, cow dung, have gold)
We Cow savers r voting BJP with hope that at least-
1.BJP will ban cow slaughter thru out India, as asked by SC (To prevent Natural disasters (Dr Bajaj's Einstein Pain Wave EPW theory which says slaughtering of cow responsible for earth quakes & Ozone holes. Prevent Pollution- UN has confirmed meat production is main reason of air & Water Pollution ).Hope govt will execute this ban strictly, not just lip service.
2.Promote Cow based Zero budget organic farming to prevent people from deadly diseases &save environment (Main reason of deadly diseases like cancer r Pesticides & chemical fertilizers , cowdung manure will produce food which makes one healthy and keep soil also healthy)
3.Instead of importing Fertilizers and giving subsidy on Urea DAP, govt gives that benefit directly to farmers,govt will promote  Organic farming, Govt buy Cowdung from farmers.
4. There is huge land which our ancestors left for Cow (GOCHAR BHUMI), but we r illegally acquiring that.Scriptures say taking panchgavya( milk,curd,ghi,coding,cow urine) makes one healthy but acquiring Cow's land is harmful for nation. By giving Cows land to Cow, Keeping cow will be easy, cow will not roam on road,&  Save environment..Scientifically it has been proved that saving cow brings enough rain for crops
5.There hv been cases when Cow Slaughterers who have been found guilty , & did illegal cow slaughtering have been rewarded ( Akbar , alwar;Akhlak UP).Beef in Biryani was caught in Muh,Haryana but no action. Request govt to not play politics in such cases and let law to take it's course.
6. Some media promoting Cow Slaughtering openly (but Cow slaughtering is prohibited).They r hurting feelings of Cow Savers & Hindus. Some time media promote fake news about Cow Savers & intentionally attribute all crimes to them (Faridabad case, fight was on seat). Govt shud take strict action against them,as it hampers Nation image & Cow savers image as well.
7. Keep price of Milk not based on fat but based on Quality of Milk.
8.Promote Cow pathy or Panchgavya Ayurved. India has 5 patents of Cow urine, it is found useful in curing Cancer.Cow cud cure all diseases from head to toe.
Hope Modi government will not let down cow savers and promise to strictly save cows as this will in turn contribute to true long term development & growth of whole nation & farmers too.

Brut India's Video against Cow

Reply to Brut india....they published video against cow

 Check out @SaveGomata’s Tweet: https://twitter.com/SaveGomata/status/1124212731358302208?s=09

A cow visits Veetbhadraswamy temple and rang the bell

A cow visits Veetbhadraswamy temple and rang the bell

The temple is famous for fulfilling devotees wishes.

https://t.co/cP0Dxj9dT1

Check out @GauPrem’s Tweet:

https://twitter.com/GauPrem/status/1124557202625220610?s=09

गाय के सभी अंगों से निकलने वाली ऊर्जा मनुष्य के लिए सर्वोत्तम फल देने वाली होती है

गाय के सभी अंगों से निकलने वाली ऊर्जा मनुष्य के लिए सर्वोत्तम फल देने वाली होती है,चाहे वो-

1-गाय के माथे से बहने वाला पसीना हो,जिसे गरोचन कहते है,
2-और चाहे दूध हो जो मनुष्य के बाल्य अवस्था में और व्रद्धावस्था में बड़ा सुपाच्य होने से कल्याणकारी होता है।
3- और गौ मूत्र हो जो अनगिनत ओषधि में उपयोगी है,जिससे मनुष्य के लगभग सभी रोगों में लाभ मिलता है।
4-या चाहे गोबर हो, जो सभी मनोकामना पूर्ति के यज्ञों में सर्व सिद्धि प्रदान को उपयोगी है।
5- और चाहे गाय का घी हो,जो मनुष्य की बल बुद्धि और पुरुष को पुरुषार्थ और स्त्री की स्त्रार्थ प्रदान करने में पूर्ण सक्षम है।
6-गाय की स्नान करने से सभी तीर्थों में जाकर जल चढ़ाने से भी अधिक पूण्य लाभ मिलता है।
7-गाय के खुरों पे जमी धूल को प्रतिदिन अपने मस्तक पे लगाने से सभी तीर्थों की यात्रा पे जाकर जो पूण्य धूल मिलती है,उससे अधिक फल गाय के खुर यानि गोचरण रज से प्राप्त होती है।
7- गाय का दान महाकल्याण कारी होता है,सभी दोषों को हरने वाला होता है।जिस मनुष्य के रोग या पाप बल से उसे प्राप्त होने वाले सभी दोष से उसकी म्रत्यु सहज नहीं मिल रही हो,उसका हाथ लगवाकर किसी सात्विक व्यक्ति को गाय दान करने से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है।यो यहाँ ये ध्यान रखें की-गाय किसी भी सात्विक व्यक्ति को ही दान में दे,न की लालची ब्राह्मण हो।अन्यथा इस दान का उत्तम फल नहीं प्राप्त होगा।
8-प्रातः और साय को यदि कोई मनुष्य गाय के नेत्रों के दर्शन करता है,तो उसे अद्धभुत शांति की प्राप्ति होती है।
9-गाय के शरीर पर अपने हाथों से मालिश करने से,अनगिनत तीर्थों में झाड़ू पोछा सफाई करने भी अधिक शुभ फल मिलता है और जितनी भी उस मनुष्य में नकारात्मक दोष हैं,उसे गौ स्पर्श से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होकर उसका कल्याण होता है।
9-गाय के सींगों पे हाथ फेरने से व्यक्ति के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है,क्योकि गाय के सींग सभी संकटों का निवारण है।
और जो ये सोचते है की-यदि गाय में ये सब सामर्थ्य है,तो वो अपनी रक्षा क्यों नहीं कर पाती है? तो उत्तर है कि- जिस परिवार में गाय रही है,उस परिवार के सारे दोष अपने में लेकर स्वयं अपना बलिदान देकर उस परिवार के पापो का निवारण करती है।यो इसे मारने वाले को महापातकी कहते है।उसका दोष कभी नहीं मिटता है।
यो अनगिनत गुणों के कारण गाय में ये गुण ही देवी और देव बनकर निवास करते है।

6 पेटेंट गौमूत्र के जिससे पूरी दुनिया में भारतीय गौमाता की ताकत गूंजती है

6 पेटेंट गौमूत्र के जिससे पूरी दुनिया में भारतीय गौमाता की ताकत गूंजती है - शेयर करें

भारतीय गाय पर यह 6 पेटेंट जो कैंसर से लेकर DNA तक को ठीक करने के लिए अमेरिका और चीन ने ले रखे इस बात का प्रमाण है कि भारत के लोगो से लेकर यहाँ की सरकार गाय की हत्या होने दे रही है ताकि अंतराष्ट्रीय माफिया गौ के गव्यों के आधार पर दवा से लेकर बाजार खड़ा करें।
और जो मूर्ख मैकॉले मानस की औलादें गौमूत्र ओर हँसा करती है है वो इन पेटेंट को सर्च कर अपना फफूंद वाला मुहँ बंद रखे।

*सर्च करें -* *_इन भारतीय गाय पर इन 6 पेटेंट को_*

1️⃣  US Patent - 6896907 BE
https://patents.google.com/patent/US6896907B2/en

2️⃣ US patent - 6410059
https://patents.google.com/patent/US6410059B1/en

3️⃣  US patent - 7718360
https://patents.google.com/patent/US7718360B2/en

4️⃣  US patent - 7235262
https://patents.google.com/patent/US7235262B2/en

5️⃣  US patent - 7297659
https://patents.google.com/patent/US7297659B2/en

6️⃣  China patent - 100475221
https://patents.google.com/patent/CN100475221C/en

जय #गौमाता #राष्ट्रमाता... वन्दे मातरं...
जय #राजीववाद

Farmer sobbing while selling cow

Farmer sobbing while selling cow


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https://twitter.com/HatindersinghR/status/1127042046152208385?s=09


Let's Start The Day With This Video Of  A Farmer Family Selling Their Cow Due To Financial Crisis,

The Farmer Meeting Him One Last Time Before The New Owner Takes Her With Him.
His Younger Brother Too Sobbing On The Side.

Can't Imagine The Bonding Between The Family And Cow.
😥 https://t.co/D51iCp11tC

दूध का मसला है क्या?

दूध का मसला है क्या?

भारतीय दिनचर्या ने दूध का बहुत अधिक महत्व है यहां दूध का उपयोग जी भर कर किया जाता है। दूधका उत्पादन गाय और भैंस से होता है जो  मुख्यतः गांव देहात में रहती है।

शहरों के बड़ा होने से गांव छिटक कर शहरों से दूर चले गए हैं। इसमे व्यापारी के लिए एक बड़ी संभावना उभर कर आ गयी है।व्यपारी को तो दरार दिखनी चाहिए वो उसका इंडिया गेट तो अपने आप बना ही लेता है।

यह बड़ी स्थापित बात है कि दूध निकाले जाने के साथ ही बैक्टीरियल एक्टिविटी होने के कारण अपने आप विघटित होने लगता है और साधारण तापमान पर दूध को घंटे डेढ़ घंटे के अंदर अंदर रसोईघर में पहुंच जाना चाहिए गर्म होने के लिए।

लेकिन हमने अपनी टाउन प्लानिंग इतने बेकार तरीके से की है कि सेक्टर मोहल्ले वालों के घूमने और कुत्ते हंडाने के लिए बड़े बड़े पार्क तो बना दिये हैं लेकिन आबादी के साथ पांच दस्य एकड़ जमीन बचा कर नही रखी जिसे गौपालकों के लिए रिजर्व किया जाता और सभी लोग लोकल रहते हुए अपने सामने दूध का आनंद ले सकते।

खैर कोई बात नही अब हमारे पास और बहुत जुगाड़ विकसित हो चुके हैं जैसे हाइड्रोजन पर ऑक्साइड, फोर्मलिन,कास्टिक जिनके द्वारा विषम मौसम में दूध को लगा कर उसे ट्रेवल कराया जा सकता है।

मैने 1998 में एक डेयरी प्रॉसेसिंग प्लान्ट में ट्रेनिंग की और मैं यह सोच कर हैरान था के रोहतक शहर के दूध की पूर्ति बीकानेर और दिल्ली मदर डेयरी सेआए हुए टैंकर्स पूर्ति करते थे।

फिर ये रोहतक वाले अपनी गाय भैंस का क्या करते हैं। दो तीन गाड़ियां सिम्बोलिक रूप से इधर उधर घूम कर दूध एकत्र करके लाती थी।मेरी ड्यूटी वहीं लगी हुई थी जहां से दूध आता था सो दूध ढोने वाले टैंकर्स और उनके ड्राइवर्स से मेरी पहचान हो गयी।

दिल्ली में दूध थोड़ी न उत्पादन हो रहा है लेकिन मदर डेयरी का टैंकर रोहतक को दूध पिला रहा है। इस दूध को उठा कर घूमने फिरने में ही सब गड़बड़झाला है।

आबादी के साथ गौपालक और गाय को इंटेग्रेट करने से सारा समाधान हो सकता है लेकिन नही इसमे कॉरपोरेट का इंटरेस्ट हर्ट होता है। आम जन मजबूत नही होना चाहिए।

मिल्क प्लांटों में दूध के साथ केवल बदतमीजी और बदमाशी होती है। इसमें इतना गड़बड़ सौदा है कि पंजाब से चले दूध के टैंकर जिनके सैंपल दिल्ली में फेल जो जाते हैं वो दूध फेंकते थोड़ी न है वो रोहतक हिसार या कहीं और जा कर पास हो जाते हैं।

आज दूध केवल बीमारी बांटने का सबब बना दिया गया है। गाय सड़क पर फिर रही है, आप जितना मर्जी दूध आर्डर कर दीजिये पनीर आर्डर कर दीजिए आपको मिलेगा।

कहाँ से ला रहे हैं, बताते हैं पाउडर से बनाते हैं, पाउडर की पूछो तो कहते हैं कि वेंडर से खरीदा है, वेंडर की पूछ लो तो कहते हैं कि तुम गद्दार हो, देश मे डिस्टर्बेंस फैलाना चाहते हो।

अबे हरामियों पशुपालक मर रहा है, पशु मर रहे हैं तुम्हारा मार्किट साइज बढ़ता जा रहा है, उत्पादन और खपत में इतना बड़ा गैप है। सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया है कृषि मंत्रालय और फ़ूड प्रोसेसिंग मंत्रालय ने जिसमे कृषि मंत्रालय से बताया है कि देश मे।दूध का उत्पादन इतना होता है , दूसरे मंत्रालय ने बताया हुआ है के हम डेली इतना प्रोसेस करके दूध सप्लाय करते हैं। दोनों में फर्क घातक और सर फोड़ू स्तर का है।

देश के सारे साइंसदान मुहं में दही जमा कर मोटी तनख्वाह और  फैसिलिटीज का एंजॉय करने में जीवन बिता रहे हैं,मोटे मोटे रिसर्च पेपर छाप कर ईगो बड़ी कर रखी है एवेरेस्ट से ऊंची। एक लीटर दूध की कीमत पशुपालक को क्या मिलनी चाहिए यहां तक अभी कोई स्पष्ठ तौर पर नही पहुंच पाया है।

देसी गाय जीरो डिग्री तापमान से लेकर 48 डिग्री तापमान तक खुले में रह कर भूसा खा कर 2 लीटर दूध देती है उसको ये घाटे का सौदा बताते हैं। दूसरी तरफ जो ये गाय बताते हैं उसको पालने में किसान घुस जाता है उसके दूध को पी कर उपभोक्ता घुस जाता है।

गाय सड़क पर है,किसान बेहाल, पशुपालक खत्म सिंह और ये कागजी शेर कहते हैं हम दूध उत्पादन में नम्बर वन।

अब नई स्कीम लाये हैं फोर्टीफिकेशन मतलब केवल बड़ा कॉरपोरेट ही दूध बेच पायेगा क्योंकि और किसी के बस का ही नही है तकनीक को मैनेज करना। विटामिन आएंगे बाहर से।

सभी वेंडर्स का FSSAI पंजीकरण मतलब बन्दर रोटी खायेगा बिल्लियां केवल मुहं ताकेंगी। व्यवस्था को इतना कॉम्प्लेक्स ही क्यों बनाया के इन सब रफडों की जरूरत पड़ रही है।

टाउन प्लानिंग वालों को पहले पकड़ो, सालों ऐसे शहर ही क्यों बसाते हो जो प्राइमरी उत्पादक से दूर हो जाएं।

सब समस्याओं का सरल इलाज है लोकल उत्पादन लोकल खपत, पंचकूला का दूध पंचकूला के आस पास से आना ही सुनिश्चित किया जाए। ताकि लोग खुद अपना क्वालिटी कंट्रोल विकसित कर सकें।

इससे प्राइमरी उत्पादक को रेस्पेक्ट रिवॉर्ड और रिकॉग्निशन तीनों सुनिश्चित किये जा सकेंगे। गांव और शहर एक दूसरे के पूरक बन जाएंगे और ये देश बसा रहेगा।

Petition filed by Famous Lawyer Vibhor Anand ji with PMO, to seek justice for thousands of Gorakshaks killed in 1966 protest

Petition filed by Famous Lawyer Vibhor Anand ji with PMO, to seek justice for thousands of Gorakshaks killed in 1966 protest

5000 Hindu Sadhus were brutally murdered by Indira Feroz Gandhi on 7th November 1966 in front of the parliament.

They are awaiting Justice even after 53 years. Petition filed with @PMOIndia seeking SIT probe.

Sign and support us in this fight 👇.

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मोदी जी को पत्र-पंचगव्य चिकित्सा पद्धतीको राजाश्रय मिले


प्रधान सेवक,
परम आदरणीय,
श्री नरेन्द्र मोदी साहेब 
विषय -पंचगव्य चिकित्सा पद्धतीको राजाश्रय मिले*


महोदय २०१४ मे जबसे आपने यह पद संभाला है,, गोसेवक और गोभक्तोकी *पंचगव्य चिकित्सा पद्धती* **को राजाश्रय मिलनेकी आशा बढ गयी है और २०१९ के बाद तो ये सपना जरुर पुरा करोगे यह आशा है और आप निराश नही करोगे...... *पंचगव्य कॅन्सर उपचार थेरापी* एक अत्यंत उपयुक्त चिकीत्सा पद्धती है...देशमे एक तरफ रासायनिक खाद,घातक रासायनिक कीटकनाशक दवाईया,जहरिले पेस्टीसाईड ईनका प्रयोग दिन ब दिन बढ रहा है,, उससे अन्न, फल, सब्जीया, दुध, पाणी,मे विषेले तत्व अधीक मात्रा मे पाए जा रहे है, ऐसे दुषीत खाद्यपदार्थ, धुम्रपान, मद्यपान, मांसादी,विदेशी गायका दुध/घी का सेवन, गुटखा, तंबाखू, आदी विषेले मुखवास,,, टीव्ही, मोबाईल, कॉम्प्युटर, आदी उपकरणो द्वारा फैलनेवाली रेडीओधर्मीता के दुष्परिणाम और अनेक कारणोसे *केन्सर पिडीतो की संख्या* दिन प्रती दिन तेजीसे बढ रही हे.           केन्सर उपचार की आधुनीक चिकीत्सा पद्धती ईतनी महंगी,दर्दनाक एवम भयंकर दुष्परिणाम युक्त है,, मध्यम और निम्न अर्थव्यवस्था मे जिने वाला *आम आदमी तो बिना ईलाज के ही दम तोड देता ह**............. .................ऐसे अधंकारमय और निराशा मय जिवनमे एक आशा, एक उजाला पंचगव्य आयुर्वेद केन्सर चिकीत्सा पद्धती हो सकती है... ईस पद्धतीमे भारतीय देशी गायका ताजा गोबर, गोमुत्र, दुध, दही और घी इन पाच तत़्वोका ऊपयोग किया जाता है,, यह उपचार पद्धती एकदम सस्ती, सहज सुलभ उपलब्ध एवम दुष्परिणाम रहीत है. अनेक प्रगत रास्टोके संशोधनमे गोमुत्र मे केन्सर विरोधी घटक पाया गया है,, पंचगव्य मे केन्सर मिटानेकी अदभुत क्शमता है आधुनीक केन्सय चिकित्सा मे केमोथेरपी, रेडीएशन थेरापी आदी उपचार के फायदे कम और दुष्परिणाम ज्यादा है, ईसके साथ अगर पंचगव्य थेरापी का उपयोग किया जाय तो दुष्परिणाम कम होते है. रुग्ण को शांती एवम प्रसन्नता का अनुभव मिलता है.... ईसलिए आधुनीक एवम पौराणिक चिकीत्सकोने आपसी इगो -अहंकार छोडकर मानव सेवा के महान कार्य मे एकजुट होकर संशोधन मे सहयोग करे तो कॅन्सर चिकीत्सा मे आश्चर्य जनक परिमाण मिल सकते है........................... अखिल भारतीय क्रुषी गो सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम पंचगव्य कॅन्सर उपचार थेरापी के प्रेरणास्थान श्री केशरीचंदजी मेहता जी के मार्गदर्शन एवम गुरुभगवंतो के क्रुपा आशीर्वाद से वाघलधरा (गुजरात )मे आर् एम् डी पंचगव्य कॅन्सर होस्पीटल २००८मे शुरु हुवा,, ८० बेडका भव्य होस्पीटल, भोजनशाला, गोशाला, मंदिर, देरासर, आदी सभी सुविधा युक्त श्री विमलनाथ प्रभुके पावन सानीध्य मे कार्यरत है,,                     श्री केशरीचंदजी के मार्गदर्शन और श्री जयुभाई और बिपीनभाई(वैद्यराज ) ईनके सानीध्य मे मुझे केन्सर रूग्णसेवा का लाभ मिला.       यह अमुल्य और अत्यंत असरदार थेरापी सारे विश्व मे फैले, सभीको सहज सुलभ उपलब्ध हो, ईस भावनासे मै ईसके प्रचार एवम प्रसार कार्य मे जुडा हु,,, पंतप्रधान, आरोग्य मंत्री, एम पी, एम एल ए, दानशूर व्यक्ती हर प्रांतमे वाघलदरा जैसा पंचगव्य कॅन्सर होस्पीटल निर्माण करनेमे सहायक बने तो सारे विश्व मे भारत का नाम बढेगा, ईसमे गोसेवा, रुग्ण सेवा, जनसेवा, वैय्यावच सेवा आदी का पुण्यका लाभ मिलेगा। .      क्रुपया सहयोग और दानकी भावना रखे तो यह महान कार्य आसान हो सकता है,, शासनमे शामील मंत्री महोदय, एम पी, एम एल ए, आदी घटक भी ईस भारतीय पावन चिकीत्सा पद्धती के बढा़वा हेतु शासन द्वारा सहयोग करे यही प्रार्थना 🙏👏डॉ बन्सीलाल जैन, आयुर्वेद पंचगव्य चिकित्सक,,९४२२७७४५७९,,,,,,,, क्रुपया  यह मेसेज अपने सभी ग्रुपमे फारवर्ड करे 🙏👏

गौ पालक किसान ठाकुर कमल सिंह जी को पदमश्री

महामहिम  राष्ट्रपति जी के द्वारा " पदम श्री" 2019 से विभूषित  "गौ पालक किसान  ठाकुर कमल सिंह चौहान जी को  बहुत-बहुत शुभकामनाएं  भारत के सभी किसानों को गर्व है.......... ##भारतीय किसानों के लिए मिसाल पेश की हमारे किसान श्री कमल सिंह चौहान जीने हरियाणा में ऑर्गेनिक खेती एवं बेबी कॉर्न एक्सपोर्ट करके अनूठी मिसाल पेश की भारत के राष्ट्रपति द्वारा पदम श्री सम्मान से विभूषित ठाकुर कमल सिंह चौहान जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं साथ ही भारतीय किसानों के लिए एक नायाब उदाहरण पेश किया भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि बेहद आवश्यक अंग है इसलिए भारत में किसानों की अहम भूमिका समाज एवं सरकार को समझना चाहिए जय जवान जय किसान का नारा तभी बुलंद होगा जब देश में ऑर्गेनिक खेती होगी देश समृद्ध होगा भारत भूमि में विषय ले केमिकल युक्त रसायन से खेतों को बचाया जाए तभी जाकर देश की धरती सोना उगले गी आधुनिकता में हमारी जमीन है सोना की जगह विश्व गर्ल रही है जिससे आए दिन कैंसर मधुमेह हॉट की बीमारियां किडनी लीवर से संबंधित हजारों बीमारियां रही है इसलिए हमें केमिकल मुक्त भारत ऑर्गेनिक युक्त भारत बनाना होगा और गाय की शरण में किसान को जाना होगा उसके गोबर और गोमूत्र के मिश्रण से एक गाय से 1 एकड़ खेती का प्रावधान किसान को समझना होगा तभी जाकर देश समृद्ध होगा स्वस्थ होगा रोजगार युक्त होगा भ्रष्टाचार मुक्त होगा विषैले केमिकल से सावधान रहें.......... हम सभी किसानों को बहुत बहुत गर्व है भारतीय किसान ऐसे ही कीर्तिमान स्थापित करते रहें बहुत-बहुत शुभकामनाएं आज दिल्ली में माननीय ठाकुर कमल सिंह चौहान जी को सम्मान करने का अवसर प्राप्त हुआ जय जवान जय किसान स्वस्थ भारत से समृद्ध भारत रोजगार युक्त भारत भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की प्रकल्प में हम सब से भागी बने वंदे मातरम गौरक्षा हेल्पलाइन टीम दिल्ली व्हाट्सएप नंबर 9999092304 8800130057

Cow therapy cures cancer, claims GoVigyan Anusandhan Kendra

Cow therapy cures cancer, claims GoVigyan Anusandhan Kendra

Chaitanya Deshpande | TNN | May 7, 2019, 12:56 IST

Source-
https://timesofindia.indiatimes.com/city/nagpur/cow-therapy-cures-cancer-claims-govigyan-anusandhan-kendra/articleshow/69208319.cms

NAGPUR: Entering the debate on curing cancer using ‘cow therapy’, the GoVigyan Anusandhan Kendra (GVAK), an institute dedicated to scientific research on cow-based lifestyle, has claimed that cow therapy cures cancer.

Officials of the institute, based at
Deolapar, 88km from Nagpur, brought some patients, many case studies, scientists and doctors from various central laboratories before the media on Monday. They countered the statement by oncologists of Tata Memorial Center, Mumbai, that there was not a shred of evidence to show that cow urine or other cow-based products are useful in cancer treatment.


A team of doctors from Tata Memorial Centre had slammed BJP’s Bhopal candidate Sadhvi Pragya Thakur for ‘misguiding’ patients after she claimed to have beaten cancer through a combination of cow urine and other cow products. Cow therapy includes consumption of distilled form of cow urine (Gaumutra Ark) along with a range of tablets and powders made of cow milk, curd, ghee, and cow dung.

“We have hundreds of case studies from last 20 years to show that cancer has been cured completely by these cow-based products,” said Vaidya Nandini Bhojraj, dean of GVAK. “Just like any other doctor practicing modern medicines, we can claim that cow therapy offers a near-normal, peaceful, painless and progressive life for cancer patient,” she said.


President of GVAK Dr Hemant Jambhekar claimed that the institute has proper documentation of many patients declared officially ‘cancer free’ by Rashtra Sant Tukdoji Regional Cancer Hospital & Research Centre, Nagpur, after undergoing treatment at GVAK.


“We have case studies with us. Many patients were referred for chemotherapy and radiation. They came to us when their cancer was in second or third stage. Most of them were cured. These include patients of breast cancer, oesophagus cancer, oral cancer, and cervix cancer,” he said.

Eighty-five-year-old Parvatibai Burde, a patient of cervix cancer, claimed before the media that she was cured by cow therapy. “I was diagnosed with cancer in 2016, when I was 83. After six cycles of radiation, I refused that painful treatment and came to GVAK. Here, I am undergoing only cow-therapy from last three years and I am absolutely fine,” she said. Seventy-year-old Shalini Tarsekar, who had breast cancer, also shared a similar experience.


Dr Mahendra Darokar, senior principal scientist, who leads the department of Molecular Bio-Prospection at Central Institute of Medicinal and Aromatic Plants (CIMAP), a Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) affiliate institute, said cow urine has its own anti-cancer activity. “It has been proven that cancer-like lifestyle based diseases are due to free radicals and we need antioxidants to nullify them,” he said. Dr Darokar added cow urine is way better than alkaline water, which is gaining huge popularity in modern medicine these days.


Coordinator of GVAK Sunil Mansinghka said they have five international patents on this subject. “Our research work provided us amazing results. It is not only us who were impressed with the results but the entire world had to take notice of our research. US and China have awarded us patents for our research on cow urine as medicines for humans,” he said.