Sunday, May 26, 2019

मोदी जी को पत्र-पंचगव्य चिकित्सा पद्धतीको राजाश्रय मिले


प्रधान सेवक,
परम आदरणीय,
श्री नरेन्द्र मोदी साहेब 
विषय -पंचगव्य चिकित्सा पद्धतीको राजाश्रय मिले*


महोदय २०१४ मे जबसे आपने यह पद संभाला है,, गोसेवक और गोभक्तोकी *पंचगव्य चिकित्सा पद्धती* **को राजाश्रय मिलनेकी आशा बढ गयी है और २०१९ के बाद तो ये सपना जरुर पुरा करोगे यह आशा है और आप निराश नही करोगे...... *पंचगव्य कॅन्सर उपचार थेरापी* एक अत्यंत उपयुक्त चिकीत्सा पद्धती है...देशमे एक तरफ रासायनिक खाद,घातक रासायनिक कीटकनाशक दवाईया,जहरिले पेस्टीसाईड ईनका प्रयोग दिन ब दिन बढ रहा है,, उससे अन्न, फल, सब्जीया, दुध, पाणी,मे विषेले तत्व अधीक मात्रा मे पाए जा रहे है, ऐसे दुषीत खाद्यपदार्थ, धुम्रपान, मद्यपान, मांसादी,विदेशी गायका दुध/घी का सेवन, गुटखा, तंबाखू, आदी विषेले मुखवास,,, टीव्ही, मोबाईल, कॉम्प्युटर, आदी उपकरणो द्वारा फैलनेवाली रेडीओधर्मीता के दुष्परिणाम और अनेक कारणोसे *केन्सर पिडीतो की संख्या* दिन प्रती दिन तेजीसे बढ रही हे.           केन्सर उपचार की आधुनीक चिकीत्सा पद्धती ईतनी महंगी,दर्दनाक एवम भयंकर दुष्परिणाम युक्त है,, मध्यम और निम्न अर्थव्यवस्था मे जिने वाला *आम आदमी तो बिना ईलाज के ही दम तोड देता ह**............. .................ऐसे अधंकारमय और निराशा मय जिवनमे एक आशा, एक उजाला पंचगव्य आयुर्वेद केन्सर चिकीत्सा पद्धती हो सकती है... ईस पद्धतीमे भारतीय देशी गायका ताजा गोबर, गोमुत्र, दुध, दही और घी इन पाच तत़्वोका ऊपयोग किया जाता है,, यह उपचार पद्धती एकदम सस्ती, सहज सुलभ उपलब्ध एवम दुष्परिणाम रहीत है. अनेक प्रगत रास्टोके संशोधनमे गोमुत्र मे केन्सर विरोधी घटक पाया गया है,, पंचगव्य मे केन्सर मिटानेकी अदभुत क्शमता है आधुनीक केन्सय चिकित्सा मे केमोथेरपी, रेडीएशन थेरापी आदी उपचार के फायदे कम और दुष्परिणाम ज्यादा है, ईसके साथ अगर पंचगव्य थेरापी का उपयोग किया जाय तो दुष्परिणाम कम होते है. रुग्ण को शांती एवम प्रसन्नता का अनुभव मिलता है.... ईसलिए आधुनीक एवम पौराणिक चिकीत्सकोने आपसी इगो -अहंकार छोडकर मानव सेवा के महान कार्य मे एकजुट होकर संशोधन मे सहयोग करे तो कॅन्सर चिकीत्सा मे आश्चर्य जनक परिमाण मिल सकते है........................... अखिल भारतीय क्रुषी गो सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम पंचगव्य कॅन्सर उपचार थेरापी के प्रेरणास्थान श्री केशरीचंदजी मेहता जी के मार्गदर्शन एवम गुरुभगवंतो के क्रुपा आशीर्वाद से वाघलधरा (गुजरात )मे आर् एम् डी पंचगव्य कॅन्सर होस्पीटल २००८मे शुरु हुवा,, ८० बेडका भव्य होस्पीटल, भोजनशाला, गोशाला, मंदिर, देरासर, आदी सभी सुविधा युक्त श्री विमलनाथ प्रभुके पावन सानीध्य मे कार्यरत है,,                     श्री केशरीचंदजी के मार्गदर्शन और श्री जयुभाई और बिपीनभाई(वैद्यराज ) ईनके सानीध्य मे मुझे केन्सर रूग्णसेवा का लाभ मिला.       यह अमुल्य और अत्यंत असरदार थेरापी सारे विश्व मे फैले, सभीको सहज सुलभ उपलब्ध हो, ईस भावनासे मै ईसके प्रचार एवम प्रसार कार्य मे जुडा हु,,, पंतप्रधान, आरोग्य मंत्री, एम पी, एम एल ए, दानशूर व्यक्ती हर प्रांतमे वाघलदरा जैसा पंचगव्य कॅन्सर होस्पीटल निर्माण करनेमे सहायक बने तो सारे विश्व मे भारत का नाम बढेगा, ईसमे गोसेवा, रुग्ण सेवा, जनसेवा, वैय्यावच सेवा आदी का पुण्यका लाभ मिलेगा। .      क्रुपया सहयोग और दानकी भावना रखे तो यह महान कार्य आसान हो सकता है,, शासनमे शामील मंत्री महोदय, एम पी, एम एल ए, आदी घटक भी ईस भारतीय पावन चिकीत्सा पद्धती के बढा़वा हेतु शासन द्वारा सहयोग करे यही प्रार्थना 🙏👏डॉ बन्सीलाल जैन, आयुर्वेद पंचगव्य चिकित्सक,,९४२२७७४५७९,,,,,,,, क्रुपया  यह मेसेज अपने सभी ग्रुपमे फारवर्ड करे 🙏👏

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