Sunday, May 26, 2019

गाय के सभी अंगों से निकलने वाली ऊर्जा मनुष्य के लिए सर्वोत्तम फल देने वाली होती है

गाय के सभी अंगों से निकलने वाली ऊर्जा मनुष्य के लिए सर्वोत्तम फल देने वाली होती है,चाहे वो-

1-गाय के माथे से बहने वाला पसीना हो,जिसे गरोचन कहते है,
2-और चाहे दूध हो जो मनुष्य के बाल्य अवस्था में और व्रद्धावस्था में बड़ा सुपाच्य होने से कल्याणकारी होता है।
3- और गौ मूत्र हो जो अनगिनत ओषधि में उपयोगी है,जिससे मनुष्य के लगभग सभी रोगों में लाभ मिलता है।
4-या चाहे गोबर हो, जो सभी मनोकामना पूर्ति के यज्ञों में सर्व सिद्धि प्रदान को उपयोगी है।
5- और चाहे गाय का घी हो,जो मनुष्य की बल बुद्धि और पुरुष को पुरुषार्थ और स्त्री की स्त्रार्थ प्रदान करने में पूर्ण सक्षम है।
6-गाय की स्नान करने से सभी तीर्थों में जाकर जल चढ़ाने से भी अधिक पूण्य लाभ मिलता है।
7-गाय के खुरों पे जमी धूल को प्रतिदिन अपने मस्तक पे लगाने से सभी तीर्थों की यात्रा पे जाकर जो पूण्य धूल मिलती है,उससे अधिक फल गाय के खुर यानि गोचरण रज से प्राप्त होती है।
7- गाय का दान महाकल्याण कारी होता है,सभी दोषों को हरने वाला होता है।जिस मनुष्य के रोग या पाप बल से उसे प्राप्त होने वाले सभी दोष से उसकी म्रत्यु सहज नहीं मिल रही हो,उसका हाथ लगवाकर किसी सात्विक व्यक्ति को गाय दान करने से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है।यो यहाँ ये ध्यान रखें की-गाय किसी भी सात्विक व्यक्ति को ही दान में दे,न की लालची ब्राह्मण हो।अन्यथा इस दान का उत्तम फल नहीं प्राप्त होगा।
8-प्रातः और साय को यदि कोई मनुष्य गाय के नेत्रों के दर्शन करता है,तो उसे अद्धभुत शांति की प्राप्ति होती है।
9-गाय के शरीर पर अपने हाथों से मालिश करने से,अनगिनत तीर्थों में झाड़ू पोछा सफाई करने भी अधिक शुभ फल मिलता है और जितनी भी उस मनुष्य में नकारात्मक दोष हैं,उसे गौ स्पर्श से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होकर उसका कल्याण होता है।
9-गाय के सींगों पे हाथ फेरने से व्यक्ति के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है,क्योकि गाय के सींग सभी संकटों का निवारण है।
और जो ये सोचते है की-यदि गाय में ये सब सामर्थ्य है,तो वो अपनी रक्षा क्यों नहीं कर पाती है? तो उत्तर है कि- जिस परिवार में गाय रही है,उस परिवार के सारे दोष अपने में लेकर स्वयं अपना बलिदान देकर उस परिवार के पापो का निवारण करती है।यो इसे मारने वाले को महापातकी कहते है।उसका दोष कभी नहीं मिटता है।
यो अनगिनत गुणों के कारण गाय में ये गुण ही देवी और देव बनकर निवास करते है।

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