Sunday, May 15, 2022

हिन्दू रक्षा की बात करने वाले भाई पहले जान ले की हिन्दू कौन है और भारत कहा है

 हिन्दू रक्षा की बात करने वाले भाई पहले जानले की हिन्दू कोन है और भारत कहा है


माधव दिग्विजय में भी हिन्दू शब्द को कुछ इस प्रकार उल्लेखित किया गया है :-


 ओंकारमन्त्रमूलाढ्य

 पुनर्जन्म द्रढ़ाश्य: ।

 गौभक्तो भारत:

 गरुर्हिन्दुर्हिंसन दूषकः ।


अर्थात : वो जो " ओमकार " को ईश्वरीय धुन माने , कर्मों पर विश्वास करे , *गौ-पालक रहे* , तथा बुराइयों को दूर रखे, वो हिन्दू है !


हिंदु धर्म /सनातन धर्म के 5 स्तंभ है (गकार, ग से शूरू होने वाले) - गीता,गंगा,गायत्री,गुरु,गाय


और पाँचो खतरे में है - 

#गीता के बारे में कोई जानता नही,

#गंगा का प्रदूषण होरहा है,

# गायत्री का कोई जाप नही करता,

#गुरु में वैसे ही मीडिया ने विश्वास उठा दिया है और 

#गौमाता ख़त्म होने की कगार पर है (केवल 2 करोड़ वेद लक्षणा देसी गोवंश बचा है भारत मे, गाय के खत्म होने से मनुष्य जाति खत्म होजाएगी)


गीता, गंगा (गंगा की उत्पत्ति गो-मुख से होती है), गायत्री (गाय +त्रि ) ,गुरु (गुरु गाय है,गाय गुरु है) को भी गाय का ही रूप बताया है


गीता - सर्वोपनिषदो गावो , दोग्धा   गोपाल नन्दन:, पार्थो वत्स: सुधीर्भोक्ता , दुग्धं  गीतामृतं महत् || 

सभी उपनिषद गायों के समान हैं ; गोपाल नन्दन (श्री कृष्ण ) इन गायों के रखवाले के समान हैं ; बुद्धिमान अर्जुन बछड़े के समान हैं जो इन गायों का दुग्धपान करते हैं और भगवद् गीता इन गायों के दूध के समान है ।


जन्म लेने से मृत्यु तक हिन्दु धर्म के 16 संस्कार गाय के बिना पूरे नही होते । यहां तक कि पूजा,हवन, ज्योति में भी गाय का घी ही प्रयोग में लेना होता है (शास्त्र अनुसार, भैस बकरी के घी से पूजा हवन निषेध है शाश्त्रो में)..अगर हम बाजार में जाकर पूजा के घी के खरीदे (सस्ते से सस्ता), तो वो गाय की चर्बी का ही घी होगा.. हैम अंदाजा लगा सकते है हिंदुओ का कितना पतन होगया है..


हिन्दू अगर 1 रु भी गौरक्षा में रोज नही लगा सकता तो उसपर धिक्कार है ..एक गाय पर रोज 50 रु का खर्च होता है, जो हिन्दू घर मे नही रकह सकते गाय वो गोसेवा करे ..


सभी युगों में युद्ध गाय बचाने के लिए ही हुआ है -


# परशुराम ने गौसेवा के लिए ही, पृथ्वी से गौहत्यारे राजाओं को हटाया .

#*सीता* धरती की बेटी है .शास्त्र अनुसार पृथ्वी गाय का रूप लेकर हमेशा भगवान के पास जाती है. तो इस प्रकार सीता भी गाय की बेटी के कारण गाय हुई .और उसकी सुरक्षा के लिए ही राम रावण का युद्ध हुआ

#*महाभारत* का युद्ध जमीन के बंटवारे पर हुआ, धरती गाय का ही प्रतीक है

#यहा तक की *आजादी की लड़ाई* भी गाय से शुरू हुई जब मंगल पांडे ने कहा कि वो गाय की चर्बी मुह में नही दे सकता ..याद रहे कहा गाय की चर्बी के कारण आजादी की लड़ाई शुरू होगई, और अंग्रेजो को भारत से निकाला..नही तो हम *वसुधैव कुटुम्बकम* में विश्वास रखते है.. वही दूसरी तरफ़ आज हिन्दू भारत वासी गाय के खून को शरीर मे लगवाकर गौरवान्वित हो रहे है ..


भारत कहा है

जब अज्ञात वास में दुर्योधन के ढूढने पर भी पांडव न मिले तो दुर्योधन ने *गंगा पुत्र भीष्म पितामह* से पूछा की *भारत (अर्जुन)* कहा मिलेगा. तब भीष्म पितामह ने उत्तर दिया *जहा कि गाय स्वस्थ है वही भारत (अर्जुन) मिलेगा* ..ये उत्तर हम सब हिंदुओ और भारत वासियों के लिए है , की भारत बचाना है तो गाय बचानी पड़ेगी..दुर्योधन को पता चलागया की विराट राज्य की गाय स्वस्थ है वही अर्जुन भारत मिलेगा


तब दुर्योधन ने गाय को मारना शुरू किया,ताकि अर्जुन उसे बचाने आये और वो फिर पांडवो को वनवास भेजदे..जैसे ही ये समाचार अर्जुन के पास पहुचा तो उनकी नपुंसकता खत्म होगई (अर्जुन को श्राप मिला था नपुंसकता का और वो नाच सिखाते थे विराट राज्य में) और वो गाय को बचाने की तैयारी करने लगे. लोगो ने अर्जुन को समझाया कि आज आखिरी दिन है अज्ञातवास का आप काल दुर्योधन से युद्ध करलेना ..पर अर्जुन ने कहा कि गाय को बचाने के लिए वो ऐसे कई वनवास कर सकता है ..

उसके बाद जब अर्जुन गाय को बचाने के लिए दुर्योधन से युद्ध करने लगा तो दुर्योधन ने अज्ञात वास टूटने का हवाला दिया ..फिर भीष्म ने कहा कि कुछ क्षण पहले ही अज्ञातवास खत्म होगया है ..


*बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार।*

*निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार॥ 192॥रामचरितमानस बालकाण्ड*


भावार्थ-

ब्राह्मण, गो, देवता और संतों के लिए भगवान ने मनुष्य का अवतार लिया। 

भगवान गाय को बचाने के लिए धरती पर अवतार लेते है ..

राम का जन्म गाय की खीर से हुआ (श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया..गौभक्ति के कारण श्रृंगी ऋषि के सिर पर सींग थे)


भगवान कृष्ण ने नंगे पैर गाय चराई .. और भगवान कृष्ण गौव्रती थे- पहले गाय को खिलाते फिर खुद खाते, जब गाय बैठती तब वो खुद बैठते, गाय पानी पीती जब वो पानी पीते. भगवान कृष्ण रोज 1 लाख गाय का दान देते, जब वो द्वारका में थे . भगवान कृष्ण ने ही गोवर्धन (गाय का वर्धन करना,बढ़ाना) का नारा दिया और गौरक्षा के लिए प्रेरित किया.उन्होंने सब पूजा छोड़ कर गौवर्धन/गौसेवा करने की ही प्रेरणा दी.

और आज हम गाय को पशु समझ बैठे है..


*#गाय बचेगी हिन्दू बचेगा,देश बचेगा*

*#गौमाता_राष्ट्रमाता*