हैप्पी दिवाली 💐🌹कडुवा सत्य💐🌹
मित्रों,
5 दिन के इस महापर्व में जहां हमने
सतयुग के समुद्रमंथन से निकले धन्वन्तरि जयंती ,
त्रेतायुग के रामचन्द्र जी के आगमन में दीपावली
द्वापर युग के कृष्ण जी द्वारा नरकासुर के वध को नरक चतुर्दशी के रूप में बहुत अच्छे से मनाया है।
यही हमारे सनातन धर्म की विरासत है। लेकिन अब हम किधर - कहाँ जा रहे है????
*आपको याद दिला दूं..*
*सन् 1947 में हिन्दू , दीपावली की राम-राम कहते थे...*
*सन् 1975 तक 'दीपावली की शुभकामनाएँ' कहने लगे...*
*फिर सन् 1990 में शुभ दीपावली बोलने लगे.....*
*सन् 2000 तक 'हैप्पी दिवाली' कहने लगे...*
*उसके बाद सन् 2010 तक आते आते 'दिवाली मुबारक' कहने लगे...*
*हिंदुओं का यही हाल रहा और ये समय रहते नहीं चेते तो*
*सन् 2025में 'शब-ए-दीप मुबारक' कहने के लिए खुद इस्लामिक राष्ट्र तैयार कर रहे है...*
*जागो हिन्दू जागो... !*
दुनिया का कोई भी मुस्लिम ,
दुनिया में कहीं भी अपने ईद के त्योहार पर "HAPPY EID" नही कहते।
वे "ईद मुबारक" ही कहेंगे ...
दुनिया के कोई भी ईसाई (क्रिश्चन) दुनिया में कही भी हो ... वे कभी भी क्रिसमस के दिन "HAPPY CHRISMAS" नहीं कहते।
वे "मेरी क्रिसमस" ही कहेंगे...
Happy DIWALI,
Happy NAVARATRI,
Happy Dashara
Happy Holi ...
Happy Bairhdey
Happy Anvarsri
ऐसे अंग्रेजी लंगोट लगाए हुए शब्द केवल हिंदु ही क्यों बनाते है ???...
शुभ दीपावली, दीपावली की शुभकामनाएँ....
शुभ दशहरा, दशहरे की हार्दिक शुभकामनाए....
शुभ नवरात्री, नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाए....
शुभ होली, होली की हार्दिक शुभकामनाए....
ये शब्द हमे पिछड़े हुए लगते हैं क्या???....
ऐसा क्यों?
तो, इसका एकमात्र कारण है ... धर्मशिक्षा का अभाव!
अगर धर्म की शिक्षा हमारे अंदर होती ... तो हम ऐसे पिछडे शब्द नही बोलते ....
अगर हम हिंदुओ मे धर्मशिक्षा होता तो हमे अपनी भाषा पर गर्व होता।
हमे सच मे धर्मशिक्षा की बहुत ज्यादा आवश्यकता है ....
याद रखें कि अपनी भाषा संस्कृति ही अपनी पहचान है,
हमे अपने धर्म में चल रहे इन गलत कार्यों को धर्म शिक्षा लेकर सुधारना होगा।
देश स्तर पर संस्कृत या शुद्ध हिंदी में नही तो कम से कम अपनी राज्यभाषा मातृभाषा मे भी शुभकामनाए दे सकते है....
मराठी लोग मराठी भाषा मे,
गुजराती लोग गुजराती भाषा मे,
बिहारी लोग बिहारी भाषा मे,
पंजाबी लोग पंजाबी भाषा मे ,
छत्तीसगढ़ के लोग छत्तीसगढ़ी में,
गर्व करो हिंदूओ, हम दुनिया के सबसे प्राचीन और सबसे महान सनातन वैदिक हिंदु धर्म मे जन्मे है.
संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन सबसे महान और सबसे ज्यादा ज्ञान देने वाली भाषा है।
वैज्ञानिक भी इस भाषा का प्रयोग करते है।
सभी भाषा का मूल संस्कृत है तो उसको बढावा दे....
🚩धर्मो रक्षति रक्षितः🚩
अपने धर्म की रक्षा करोगे तभी बच पाओगे।
जब कोई ईसाई
" शुभ क्रिसमस " नही कहता है
कोई मुस्लिम
" ईद की शुभकामनाएँ " नही कहता है
*फिर हिन्दुओं को ही "हैप्पी दीवाली" या "दीवाली मुबारक" कहने की बीमारी क्यों और कैसे लगी?*
बहुत से हिन्दू 25 दिसम्बर को खुद व अपने बच्चों को चर्च ले के जाते है।
बहुत से हिन्दू मुर्दों के मजारों पर जाकर माथा फोड़ते है।
उनसे एक सवाल ?????
दीपावली पर अगर कोई आपका ईसाई भाई ख़ुद व अपने बच्चों को मन्दिर प्रभु राम जी दर्शन करवाता दिखे तो ज़रूर बताना मुझे ....
जागो हिन्दुओ ,
हमारी संस्कार संस्कृति के अस्तित्व को जो नष्ट करने पर तुले है रोज़ धर्मांतरण करा रहे है उनका बहिष्कार करो या डुब मरो ....
*-शुभ दीपावली,* 🚩🚩
*दीपावली की राम राम*🚩🚩
*दीपावली की शुभकामनाएँ*🚩🚩
अपनी भाषा मे बोल कर सनातनी ही बने रहिये...
अन्यथा
घर के रहेंगे न घाट के!!!!!
जय श्री राम
मित्रों,
5 दिन के इस महापर्व में जहां हमने
सतयुग के समुद्रमंथन से निकले धन्वन्तरि जयंती ,
त्रेतायुग के रामचन्द्र जी के आगमन में दीपावली
द्वापर युग के कृष्ण जी द्वारा नरकासुर के वध को नरक चतुर्दशी के रूप में बहुत अच्छे से मनाया है।
यही हमारे सनातन धर्म की विरासत है। लेकिन अब हम किधर - कहाँ जा रहे है????
*आपको याद दिला दूं..*
*सन् 1947 में हिन्दू , दीपावली की राम-राम कहते थे...*
*सन् 1975 तक 'दीपावली की शुभकामनाएँ' कहने लगे...*
*फिर सन् 1990 में शुभ दीपावली बोलने लगे.....*
*सन् 2000 तक 'हैप्पी दिवाली' कहने लगे...*
*उसके बाद सन् 2010 तक आते आते 'दिवाली मुबारक' कहने लगे...*
*हिंदुओं का यही हाल रहा और ये समय रहते नहीं चेते तो*
*सन् 2025में 'शब-ए-दीप मुबारक' कहने के लिए खुद इस्लामिक राष्ट्र तैयार कर रहे है...*
*जागो हिन्दू जागो... !*
दुनिया का कोई भी मुस्लिम ,
दुनिया में कहीं भी अपने ईद के त्योहार पर "HAPPY EID" नही कहते।
वे "ईद मुबारक" ही कहेंगे ...
दुनिया के कोई भी ईसाई (क्रिश्चन) दुनिया में कही भी हो ... वे कभी भी क्रिसमस के दिन "HAPPY CHRISMAS" नहीं कहते।
वे "मेरी क्रिसमस" ही कहेंगे...
Happy DIWALI,
Happy NAVARATRI,
Happy Dashara
Happy Holi ...
Happy Bairhdey
Happy Anvarsri
ऐसे अंग्रेजी लंगोट लगाए हुए शब्द केवल हिंदु ही क्यों बनाते है ???...
शुभ दीपावली, दीपावली की शुभकामनाएँ....
शुभ दशहरा, दशहरे की हार्दिक शुभकामनाए....
शुभ नवरात्री, नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाए....
शुभ होली, होली की हार्दिक शुभकामनाए....
ये शब्द हमे पिछड़े हुए लगते हैं क्या???....
ऐसा क्यों?
तो, इसका एकमात्र कारण है ... धर्मशिक्षा का अभाव!
अगर धर्म की शिक्षा हमारे अंदर होती ... तो हम ऐसे पिछडे शब्द नही बोलते ....
अगर हम हिंदुओ मे धर्मशिक्षा होता तो हमे अपनी भाषा पर गर्व होता।
हमे सच मे धर्मशिक्षा की बहुत ज्यादा आवश्यकता है ....
याद रखें कि अपनी भाषा संस्कृति ही अपनी पहचान है,
हमे अपने धर्म में चल रहे इन गलत कार्यों को धर्म शिक्षा लेकर सुधारना होगा।
देश स्तर पर संस्कृत या शुद्ध हिंदी में नही तो कम से कम अपनी राज्यभाषा मातृभाषा मे भी शुभकामनाए दे सकते है....
मराठी लोग मराठी भाषा मे,
गुजराती लोग गुजराती भाषा मे,
बिहारी लोग बिहारी भाषा मे,
पंजाबी लोग पंजाबी भाषा मे ,
छत्तीसगढ़ के लोग छत्तीसगढ़ी में,
गर्व करो हिंदूओ, हम दुनिया के सबसे प्राचीन और सबसे महान सनातन वैदिक हिंदु धर्म मे जन्मे है.
संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन सबसे महान और सबसे ज्यादा ज्ञान देने वाली भाषा है।
वैज्ञानिक भी इस भाषा का प्रयोग करते है।
सभी भाषा का मूल संस्कृत है तो उसको बढावा दे....
🚩धर्मो रक्षति रक्षितः🚩
अपने धर्म की रक्षा करोगे तभी बच पाओगे।
जब कोई ईसाई
" शुभ क्रिसमस " नही कहता है
कोई मुस्लिम
" ईद की शुभकामनाएँ " नही कहता है
*फिर हिन्दुओं को ही "हैप्पी दीवाली" या "दीवाली मुबारक" कहने की बीमारी क्यों और कैसे लगी?*
बहुत से हिन्दू 25 दिसम्बर को खुद व अपने बच्चों को चर्च ले के जाते है।
बहुत से हिन्दू मुर्दों के मजारों पर जाकर माथा फोड़ते है।
उनसे एक सवाल ?????
दीपावली पर अगर कोई आपका ईसाई भाई ख़ुद व अपने बच्चों को मन्दिर प्रभु राम जी दर्शन करवाता दिखे तो ज़रूर बताना मुझे ....
जागो हिन्दुओ ,
हमारी संस्कार संस्कृति के अस्तित्व को जो नष्ट करने पर तुले है रोज़ धर्मांतरण करा रहे है उनका बहिष्कार करो या डुब मरो ....
*-शुभ दीपावली,* 🚩🚩
*दीपावली की राम राम*🚩🚩
*दीपावली की शुभकामनाएँ*🚩🚩
अपनी भाषा मे बोल कर सनातनी ही बने रहिये...
अन्यथा
घर के रहेंगे न घाट के!!!!!
जय श्री राम
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