*गाय के गोबर का भस्म*
अगर आप गौ-भस्म को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ भस्म ( राख ) आपके लिए कितनी उपयोगी है । साधू -संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे । जब गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी यह आप सोच सकते है । आपको एक लीटर पानी में 10-15 ग्राम यानि 3-4 चम्मच भस्म मिलाना है , उसके बाद भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये फिर इसे पी लेना है । इससे सारे पानी की अशुद्धि दूर हो जाएगी और आपको मिलेगा इतने पोषक तत्व । यह लैबोटरी द्वारा प्रमाणित है ।
* तत्व रूप / ELEMENT FORM
१. ऑक्सीजन O = 46.6 %
२. सिलिकॉन SI = 30.12 %
३. कैल्शियम Ca = 7.71 %
४. मैग्नीशियम Mg = 2.63 %
५. पोटैशियम K = 2.61 %
६. क्लोरीन CL = 2.43 %
७. एल्युमीनियम Al = 2.11 %
८. फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
९. लोहा Fe = 1.46 %
१०. सल्फर S =1.46 %
११. सोडियम Na = 1 %
१२. टाइटेनियम Ti = 0.19 %
१३. मैग्नीज Mn =0.13 %
१४. बेरियम Ba = 0.06 %
१५. जस्ता Zn = 0.03 %
१६. स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 %
१७. लेड Pb = 0.02 %
१८. तांबा Cu = 80 PPM
१९. वेनेडियम V=72 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. ज़िरकोनियम Zr 38
आक्साइड रूप :-
१. सिलिकाँन डाइऑक्साइड -
SIO2 = 64.44%
२. कैल्शियम ऑक्साइड
CaO =10.79 %
३. मैग्नीशियम ऑक्साइड
MgO = 4-37 %
४. एल्युमीनियम ऑक्साइड
AI2O3 = 3.99%
५. फास्फोरस पेंटाक्साइड
P2O5 = 3.93%
६. पोटेशियम ऑक्साइड
K2O = 3.14 %
७. सल्फर ऑक्साइड
SO3 = 2.79%
८. क्लोरीन CL=2.43 %
९. आयरन ऑक्साइड
Fe2O3=2.09%
१०. सोडियम ऑक्साइड
Na2O = 1.35 %
११. टाइटेनियम ऑक्साइड
TiO2 = 0.32%
१२. मैंगनीज ऑक्साइड
MnO = 0.17 %
१३. बेरियम ऑक्साइड
BaO = 0.07 %
१४. जिंक ऑक्साइड
ZnO = 0.03%
१५. स्ट्रोंटियम ऑक्साइड
SrO = 0.03%
१६. लेड ऑक्साइड
PbO = 0.02%
१७. वेनेडियम ऑक्साइड
V2O5 = 0.01 %
१८. कॉपर ऑक्साइड
CuO = 0.01%
१९. जिरकोनियम ऑक्साइड
ZrO2 =52 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. रुबिडियम ऑक्साइड
शायद आपको मेरी बात समझ में आ चुकी होगी कि शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह गोबार की भस्म कितनी उपयोगी है ।
इसको बनाने का तरीका है यह प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के बाद देशी गाय के गोबर बिना जमीन पर स्पर्श किये किसी कुचालक टोकरी ( प्लास्टिक को छोड़कर ) सूर्योदय से पूर्व गाय के नीचे से लेना होता है । इसके बाद इसे किसी और सुचालक बांस की टोकरी या घास की टोकरी से दबाकर पतला करके तीन घंटे के लिए छोड़ दें जब इसका रस सूख जाए । तो इसके सूखे उपले को घी की बत्ती से जलाकर भस्म बनायीं जाती है ।
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