गाय ,प्रकृति और मानव का सुरक्षा कवच है. गणेशजी गाय के गौवर (गाय का वरदान) है, जो प्रथम देवता के रूप में पूजे जाते है.गणेशजी के पुत्र है -क्षेम (खुशी) और लाभ.जब गाय काटी जाती है तो देश की खुशी और लाभ दोनों कट जाते है.प्रकृति का सुरक्षा कवच ,देश का विकास, समृद्धि सभी कट जाता है.
गाय को गौवर जब धरती पर गिरता है तो धरती अन्न के रूप में औषधि देती है.उस अन्न को जो बोये वो भी सुरक्षित ,जो खाये वो भी सुरक्षित .पानी मे गाय के गौवर की राख डाले तो अमृत बन जाता (गंदे पानी को भी गौवर की राख डालकर पी सकते है).अन्न के कोठार में भी,अन्न को कीड़ो से बचाने के लिए गौवर की राख डाली जाती है ।
शादी के समय मे भी ये देखने के लिए की लड़का लड़की की रक्षा कर सकता है कि नही, उससे उसका गौत्र (गौ +त्र-गाय रक्षा-उसने और उसके पूर्वजो ने कितनी गाय की रक्षा करी) सबसे पहले पूछा जाता है .
ऐड़ी से चोटी तक कोई ऐसा रोग नही है जो गाय का पंचगव्य ठीक न कर सके.पंचगव्य से लाखो लोगो का कोरोना ठीक हो गया है.
लक्ष्मीजी गाय के गौवर में रहती है.जब लक्ष्मीजी पूजी जाती है (दीवाली ) उससे अगले दिन गाय के गौवर की पूजा होती है,गौवर्धन पूजा.गौवर्धन पूजा हमे यही संदेश देती है कि गाय बचेगी तो ही प्रकृति और संसार बचेगा ।।
इसीलिए गाय को माता कहा जाता है,किसी और जीव को नही ।
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
#गौमाता_राष्ट्रमाता
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