भगवान की सेवा, पृथ्वी का भ्रमण, सदा सत्यव्रत धारण करना, जितनी भी शिक्षा दीक्षा जगत में
जहाँ तक है, यह सारा पुण्य गौ माता को तृण देने मात्र से मिल जाता है।
जय गौमाता राष्ट्रमाता... माँ
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