पंचगव्य का प्रहार और COVID 19 की 100% हार...
एक एलोपैथिक डॉक्टर का अनुभव सुने
#गौमाता_राष्ट्रमाता घोषित कर #गौहत्या_बंद_करो_सरकार
https://www.facebook.com/1477177732562023/posts/2697118857234565/
पंचगव्य का प्रहार और COVID 19 की 100% हार...
एक एलोपैथिक डॉक्टर का अनुभव सुने
#गौमाता_राष्ट्रमाता घोषित कर #गौहत्या_बंद_करो_सरकार
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*#गौहत्या_बन्द_करे_सरकार*
*#गाय_बचेगी_देश_बचेगा*
*#गौमाता_राष्ट्रमाता*
*#Save_Cows_Save_Nation*
ANIMAL AGRICULTURE IS MAIN REASON BEHIND AIR & WATER POLLUTION - UN
**The Beef industry has contributed to more American deaths than all the wars of this century, all natural disasters, and all automobile accidents combined. If beef is your idea of "real food for real people" you'd better live real close to a real good hospital*
- Dr Neal Barnard,* M.D., F.A.C.C., is an American author, clinical researcher, and founding president of the Physicians Committee for Responsible Medicine (PCRM).
उद्धरण -
*"इस सदी के सभी युद्धों, सभी प्राकृतिक आपदाओं, और सभी ऑटोमोबाइल दुर्घटनाओं के संयुक्त मौतों के मुकाबले गौमाँस / बीफ उद्योग ने अधिक अमेरिकी मौतों में योगदान दिया है।*
*यदि गोमांस "वास्तविक लोगों के लिए वास्तविक भोजन" का आपका विचार है, तो आप वास्तविक रूप से एक वास्तविक अच्छे अस्पताल के करीब रहेगे ।*
*- उद्धरण अमेरिकन डॉ नील बर्नार्ड ,एम. डी., एफ. ए. सी. सी.*
[वह एक अमेरिकी लेखक, नैदानिक शोधकर्ता और जिम्मेदार चिकित्सा के लिए चिकित्सकों की समिति (पीसीआरएम) के संस्थापक अध्यक्ष हैं]
*भारत की आजादी की लड़ाई गाय से शुरू हुई* , जब मंगल पांडे ने कहा गाय की चर्बी की कारतूस मुह में नही दूंगा ..
जब *महात्मा गांधी से* *लार्ड माउंट बैटन ने पूछा गया कि वो आजाद भारत मे सबसे पहला काम क्या करेंगे , तो उन्होंने कहा* *गौहत्या बंदी* ..जो आज तक पूरा नही हुआ है
*गाय की हत्या एक संवैधानिक एवं धार्मिक पाप : सुप्रीम कोर्ट*
*2005 का सुप्रीम कोर्ट का जजमेन्ट*
*सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को तुरन्त गौहत्या बंदी करने के लिए कहा है*
- *2005 Supreme Court Judgement on Cow* -
https://www.exploremyindia.in/cow-slaughter-in-india-arguements-by/
*भारतीय संस्कृति गौ संस्कृती है -* संबंध बनाते है तो पूछते है गोत्र क्या है (गौत्र - गौ +त्र- आपके पूर्वजो ने कितनी गाय की रक्षा करी ,लडका लड़की की रक्षा के लायक है या नही )..
हिन्दू चोटी रखता है तो - वो भी गाय के खुर जैसी होनी चाहिए
हिन्दू धंधा करता है तो वो भी - *गोरख* *(गाय को रखने का ) धंधा* होना चाहिए ..अंग्रेजो ने इसका मतलब बदल दिया ...
संस्कृत में खिड़की को गवाक्ष ( गाय + आक्ष - मतलब खिड़की खुलने पर गाय के दर्शन हो) कहते है
कन्यादान करना हो तो गोदान
*योग , गाय (य+ग) - बिना गाय के योग नही*,क्योकि गाय ही सत्वगुन कि स्रोत है
*गोवर्धन,गौहाटी,गोरखपुर, गौव (पहले नाम था गौवन )*- सब गाय से ही नाम है
*गौवर्नमेंट* ( etymlogically government word comes from Gau/Cow, one who saves Cow/Gau is government .)
एक महाराज हुए जो सबको बोलते थे - गाय रखो- उनका नाम है *गुरु गौरख नाथ*
त्योहारों में *गौवर्धन (गौ वर धन - गाय का गौवर धन है )*
*गोबर गणेश -* हमारे देश मे गाय के गोबर को पूजा जाता है , गौवर्धन पर भी गाय के गोबर की पूजा होती है
*जप तप श्राद्ध हवन - कुछ भी गाय के बिना संभव नही है*
*भारत सोने की चिड़िया गाय के कारण थी* - *गाय के 1 किलो दूध में 55 रुपये का सोना होता है*, *गौमूत्र में सोना* गुजरात के वैज्ञानिक ने साबित किया है - Gujarat researchers find traces of gold in urine of Gir cows
https://indianexpress.com/article/cities/ahmedabad/gold-cow-urine-junagadh-agricultural-university-test-result-2882431/
*भारत बिना गाय के न आत्मा निर्भर बना है ना बनेगा -*
*बिना गाय के विकास , विनाश है.*
जिस प्रकार खाना हम मुह में डालते है तो पूरे शरीर का पोषण होता है ,उसी प्रकार *गाय की रक्षा से पूरे समाज, देश का विकास होगा* ।। और अगर खाना मुह में नही डालेंगे तो शरीर का पोषण नही होगा बल्कि खाना खराब जाएगा
*विडंबना यह है कि गाय को पूजने वाला देश आज गौमाँस की सबसे बड़ी मंडी बन चुका है* ..EINSTEIN PAIN WAVE THEORY -EPWT - डॉ बजाज ने ये साबित कर दिया है की गौहत्या से भूकंप आता है और ओजोन लेयर में छेद होता है।
वही दूसरी तरफ गाय के गोबर के कंडे पर 1 चमक घी डालने से 1 टन से भी ज्यादा ऑक्सीजन बनता है , ऐसा किसी और तरीके से नही होता (प्रदूषण खत्म)।
हमारे पूर्वजों ने कहा है कि - गौमूत्र,गौबर, गौदुग्ध, गौ घी का उपयोग करे तो हमारी सेहत अच्छी होगी ,लेकिन अगर हमने गाय का हिस्सा खाया तो विनाश होगा ( *गौचर भूमि* - हर गाँव मे गोचर भूमि है पर गाय नही, गाय सड़को पर है , गोचर भूमि पर कब्जा कर लिया है )
*ऐड़ी से चोटी तक कोई ऐसी बीमारी नही जिसका इलाज गाय के पास नही ( *पंचगव्य आयुर्वेद* चिकित्सा , गौविज्ञान केंद्र के पास गौमूत्र के 4 अमेरिकन पेटेंट है)...
*हजारो लाखो लोगो ने गौमूत्र से कोरोना को हराया है* (सरकार अब क्लीनिकल ट्रायल भी कर रही है ,पंचगव्य से कोरोना ठीक करने का )
गौमाता राष्ट्रमाता क्यों हो इसके लिये भारत के संविधान को, नीति निर्धारण को और राष्ट्र माता के अभियान को समझना जरूरी है।
पूज्य गुरुदेव गौ गंगा कृपाकांक्षी गोपाल मणि जी महाराज जी द्वारा गौकथा गौजागृति के बाद 337 गौधामो कि स्थापना हुई इसके पश्चात लगभग 4.5 लाख से अधिक लोगो के घर मे प्रत्यक्ष गौमाता आयी और फिर सत्ता द्वारा गौमाता को पशु के अपमान से हटा माता का सम्मान देने के लिये 3 ऐतिहासिक आंदोलन तथा पूरे भारत के जिलों का प्रवास 1 वर्ष में किया गया साथ ही प्रदेश स्तरीय गोवर्धन जन जागरण रैलियां। कारण स्पष्ट है सनातनियो की मान्यता में गौमाता को माँ का सम्मान है और भारत सरकार ऐसा कर माता का सम्मान दे गौमाता को जिससे गौहत्या मुक्त भारत बने।
समस्त जनता ही माता माने तो सत्ता बनायेगी -
करोड़ो सनातनी गौ को माता मानते है और यह तो वो कई प्राचीन समय से मान रहे है लेकिन एक बात अलग है वो यह आप हमसे पूर्व में जिस गाय को माता कहा गया है उनको राम राज्य में माता का सम्मान था, अब गजट दिखाने को मत बोलना क्योंकि कृष्ण राज्य में भी माता का सम्मान था.. और इसकी पुष्टि और गजट तो श्री रामायण, श्रीमद्भागवत, भगवद्गीता, महाभारत आदि है।
और रही बात समस्त जनता जब माता मानेगी तो सरकार मानेगी तो इस वर्णशंकर जनता के बीच कभी भी पूर्ण जनता तो कोई भी बता पूर्णतः नही मानेगी लेकिन करोड़ो मानने वाले है, सभ्यता , संस्कृति है तो फिर इस तथाकथित लोकतंत्र में सुनवाई क्यों नही होती ?
और यदि किसी की बुध्दि में सरकार के माता मानने में फर्क नही दिखता तो वो पहले यूँही विरोध करते रहे तो वो पहले भारतीय कानून, संविद्धान, राष्ट्रीय प्रतीक, किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति का सम्मान का विषय समझे कि इन पदों पर जाते ही उनको इतनी ताकत क्यों मिलती है।
और एक बात स्मरण रहे आप हम निमित्त बने या ना बने गौमाता राष्ट्रमाता एक पवित्र विचार है और एक दिन पूर्ण भी होगा, हर घर मे गौमाता होगी, हर ग्राम में नंदी और गौ मंत्रालय होगा तथा गौरक्षा संवैधानिक और कानूनी अधिकार होगा।
जय गौमाता राष्ट्रमाता...माँ
गोबर से होगी सरकार को बंपर कमाई : 2 रूपये प्रति किलो की दर से राज्य सरकार खरीदेगी गोबर…..फिर किसानों को 8 रुपये प्रति किलो में बेचेगी गोबर से बना वर्मी कंपोस्ट
रायपुर 14 जुलाई 2020
राज्य सरकार पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी करेगी। भूपेश कैबिनेट की बैठक में आज इस बात का निर्णय लिया गया। इससे पहले कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अगुवाई में बनी मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने गोठान ग्राम में पशुपालकों से 1.50 रूपए प्रति किलो की दर से गोवंशी और भैसवंशी मवेशियों के गोबर क्रय की अनुशंसा की गई थी। मंत्रिपरिषद की बैठक में गोबर के क्रय की दर को 2 रूपए प्रति किलो परिवहन व्यय सहित करने का अनुमोदन किया गया।
राज्य सरकार प्रदेश में स्थापित गोठान में गोवंशीय और भैसवंशीय पशुपालक से गोठान समितियों के माध्यम से गोबर खरीदकर उससे वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने की योजना बनाने जा रही है। राज्य सरकार का मानना है कि इससे जैविक खेती को बढ़ावा के साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन, खुली चराई पर रोक, द्विफसली क्षेत्र के विस्तार के साथ ही पशुपालको को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
आज भूपेश कैबिनेट में इस बात का निर्णय लिया गया है कि गोधन योजना में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर किसानों को 8 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जायेगा। साथ ही लैम्पस एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के अल्पकालीन कृषि ऋण के अंतर्गत सामग्री घटक में जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) को शामिल करने का अनुमोदन आज कैबिनेट की बैठक में किया गया।
माना जा रहा है कि गोबर से ना सिर्फ पशुपालकों को बेहतर कमाई होगी, बल्कि राज्य सरकार भी इससे कमाई करेगी।
माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी को साधुवाद
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एक कार्य बाकी उसे पूरा करवा देवे माननीय महोदय जी बड़ी कृपा होगी ।
जो बच्चे वेटरनरी कोर्स ट्रेनिग का कोर्स पूरा कर लिए उन्हें जॉइनिंग देवे । वेटनरी में दवाइयों की कमीशन खोरी पर प्रतिबंध लगा कर अच्छी दवाइया पशुपालन विभाग में सप्लाई हो ।।
गौ तस्करी बन्द करवाये आज हर जिले से गौ तस्करी चरम सीमा पर है ।।
पशुपालन विभाग ICU में है ना ईलाज है ना डॉक्टर । एक्सीडेंट गौवंशो के लिये एम्बुलेंस अधिकारीओ ने डाकर लगा दी है ।।।
हमे विश्वास है आप पर और आप एक गौसेवक है और हम सभी गौसेवकों की मांग को पूरा करे ।।।
गौमाता बने राष्ट्रमाता #गौहत्या_बन्द_करो_सरकार
गाय ,प्रकृति और मानव का सुरक्षा कवच है. गणेशजी गाय के गौवर (गाय का वरदान) है, जो प्रथम देवता के रूप में पूजे जाते है.गणेशजी के पुत्र है -क्षेम (खुशी) और लाभ.जब गाय काटी जाती है तो देश की खुशी और लाभ दोनों कट जाते है.प्रकृति का सुरक्षा कवच ,देश का विकास, समृद्धि सभी कट जाता है.
गाय को गौवर जब धरती पर गिरता है तो धरती अन्न के रूप में औषधि देती है.उस अन्न को जो बोये वो भी सुरक्षित ,जो खाये वो भी सुरक्षित .पानी मे गाय के गौवर की राख डाले तो अमृत बन जाता (गंदे पानी को भी गौवर की राख डालकर पी सकते है).अन्न के कोठार में भी,अन्न को कीड़ो से बचाने के लिए गौवर की राख डाली जाती है ।
शादी के समय मे भी ये देखने के लिए की लड़का लड़की की रक्षा कर सकता है कि नही, उससे उसका गौत्र (गौ +त्र-गाय रक्षा-उसने और उसके पूर्वजो ने कितनी गाय की रक्षा करी) सबसे पहले पूछा जाता है .
ऐड़ी से चोटी तक कोई ऐसा रोग नही है जो गाय का पंचगव्य ठीक न कर सके.पंचगव्य से लाखो लोगो का कोरोना ठीक हो गया है.
लक्ष्मीजी गाय के गौवर में रहती है.जब लक्ष्मीजी पूजी जाती है (दीवाली ) उससे अगले दिन गाय के गौवर की पूजा होती है,गौवर्धन पूजा.गौवर्धन पूजा हमे यही संदेश देती है कि गाय बचेगी तो ही प्रकृति और संसार बचेगा ।।
इसीलिए गाय को माता कहा जाता है,किसी और जीव को नही ।
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
#गौमाता_राष्ट्रमाता
प्रश्न- गौमाता को घास चरने से हटाने पर कोई पाप लगता हैं क्या?
उत्तर:- एकदा तु चरन्ती गां वारयामास वै भवान्।
तेन पापाविपाकेन निरयद्वारदर्शनम्।।
अर्थात्: राजा जनक जी ने यमराज से पूछा कि मैं जगदम्बा सीता का पिता, राजा श्री राम का ससुर, ज्ञानियों में श्रेष्ठ हूं फिर मुझे नरक क्यों लाया गया?
यमराज बोले सुन राजा ध्यान से सुन-
" एक बार आप रथ पे स्वार होकर नगर से बाहर जा रहे थे उस समय आपके अंग रक्षकों ने आपके मार्ग पर घास चर रही गौमाता को हटा दिया था। और आपने अपने अंगरक्षकों का विरोध नहीं किया। इसी कारणवश भगवान शिव द्वारा रचित दण्डं-विधान के अनुसार आपको कुछ समय नरक में बिताना होगा"।
स्त्रोत:- पद्म पुराण पाताल खण्ड अध्याय १८/११
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
#मांसाहार_की_देन_भुखमरी
भारत एक ऐसा देश जो अपने खाने पीने के लिए मशहूर था और है भी लेकिन फिर भी भारत भुखमरी सूचकांक में 102 वें नम्बर पर है, इसका कारण क्या है ?
वैसे तो भुखमरी के बहुत सारे कारण है लेकिन इनमें एक ऐसा मुख्य कारण है जिसकी तरफ लोगों का ध्यान कम ही जाता है और वह कारण है #मांसाहार ।।
हर रोज लाखों पशुओं को मनुष्य अपनी जीभ के स्वाद के लिए काट देता है लेकिन कभी इसके पीछे के नुकसान को नही देखता है ।।
जिस भारतवर्ष में कभी दूध की नदियां बहा करती थी आज वहां के लोग एक एक प्याले दूध के लिए तंग हो रहे हैं, इससे बड़ी शर्म की बात क्या होगी ?
आगे बढ़ने से पूर्व एक बार स्वामी दयानन्द के विचार इस विषय पर जान लेते हैं, सत्यार्थ प्रकाश के दसवें समुल्लास में स्वामी दयानन्द जी लिखते हैं कि
"जो-जो बुद्धि का नाश करने वाले पदार्थ हैं उन का सेवन कभी न करें और जितने अन्न सड़े,बिगड़े दुर्गन्धादि से दूषित,अच्छे प्रकार न बने हुए और मद्य,मांसाहारी म्लेच्छ कि जिन का शरीर मद्य,मांस के परमाणुओं ही से पूरित है उनके हाथ का न खावें ।
जिस में उपकारक प्राणियों की हिंसा अर्थात् जैसे एक गाय के शरीर से दूध,घी,बैल,गाय उत्पन्न होने से एक पीढ़ी में चार लाख पचहत्तर सहस्र छः सौ मनुष्यों को सुख पहुंचता है वैसे पशुओं को न मारें, न मारने दें ।।
जैसे किसी गाय से बीस सेर और किसी से दो सेर दूध प्रतिदिन होवे उस का मध्यभाग ग्यारह सेर प्रत्येक गाय से दूध होता है,कोई गाय अठारह और कोई छः महीने दूध देती है,उस का भी मध्य भाग बारह महीने हुए ।
अब प्रत्येक गाय के जन्म भर के दूध से २४९६० (चौबीस सहस्र नौ सौ साठ) मनुष्य एक बार में तृप्त हो सकते हैं। उसके छः बछियां छः बछड़े होते हैं उन में से दो मर जायें तो भी दश रहे ।
उनमें से पांच बछड़ियों के जन्म भर के दूध को मिला कर १२४८०० (एक लाख चौबीस सहस्र आठ सौ) मनुष्य तृप्त हो सकते हैं। अब रहे पांच बैल, वे जन्म भर में ५००० (पांच सहस्र) मन अन्न न्यून से न्यून उत्पन्न कर सकते हैं। उस अन्न में से प्रत्येक मनुष्य तीन पाव खावे तो अढ़ाई लाख मनुष्यों की तृप्ति होती है ।
दूध और अन्न मिला कर ३७४८०० (तीन लाख चौहत्तर हजार आठ सौ) मनुष्य तृप्त होते हैं ।
दोनों संख्या मिला के एक गाय की एक पीढ़ी में ४७५६०० (चार लाख पचहत्तर सहस्र छः सौ) मनुष्य एक वार पालित होते हैं और पीढ़ी परपीढ़ी बढ़ा कर लेखा करें तो असंख्यात मनुष्यों का पालन होता है। इस से भिन्न बैलगाड़ी सवारी भार उठाने आदि कर्मों से मनुष्यों के बड़े उपकारक होते हैं तथा गाय दूध में अधिक उपकारक होती है परन्तु जैसे बैल उपकारक होते हैं वैसे भैंसे भी हैं। परन्तु गाय के दूध घी से जितने बुद्धिवृद्धि से लाभ होते हैं उतने भैंस के दूध से नहीं। इससे मुख्योपकारक आर्यों ने गाय को गिना है। और जो कोई अन्य विद्वान् होगा वह भी इसी प्रकार समझेगा। बकरी के दूध से २५९२० (पच्चीस सहस्र नौ सौ बीस) आदमियों का पालन होता है वैसे हाथी, घोड़े, ऊंट, भेड़, गदहे आदि से भी बड़े उपकार होते हैं। इन पशुओं को मारने वालों को सब मनुष्यों की हत्या करने वाले जानियेगा। देखो! जब आर्यों का राज्य था तब ये महोपकारक गाय आदि पशु नहीं मारे जाते थे । तभी आर्य्यावर्त्त वा अन्य भूगोल देशों में बड़े आनन्द में मनुष्यादि प्राणी वर्त्तते थे। क्योंकि दूध, घी, बैल आदि पशुओं की बहुताई होने से अन्न रस पुष्कल प्राप्त होते थे। जब से विदेशी मांसाहारी इस देश में आके गो आदि पशुओं के मारने वाले मद्यपानी राज्याधिकारी हुए हैं तब से क्रमशः आर्यों के दुःख की बढ़ती होती जाती है। क्योंकि-
नष्टे मूले नैव फलं न पुष्पम्
जब वृक्ष का मूल ही काट दिया जाय तो फल फूल कहां से हों ?"
कितनी सुंदर और तथ्यात्मक बात लिखी है स्वामी जी ने और अगर देखा जाए तो गाय,भैंस आदि पशु जो इतने सारे मनुष्यों को भोजन करवाने में समर्थ हैं उनकी हत्या मात्र कुछ लोगों के जीभ के स्वाद के लिए कर दिया जाए तो भुखमरी होना लाजिमी है ।।
अगर समाज की तरफ देखें तो समाज को भी मांसाहार बुरा नही दिखता है क्योंकि समाज के प्रभावशाली लोगों को मांस कुछ ज्यादा ही पसन्द आता है और जिस समाज के प्रभावशाली लोग ही उल्टे रास्ते चलते हो तो उसको सुधा मार्ग कौंन दिखाएं ?
अब भी अगर सरकार और समाज जागरूक हो जाए और समस्त बूचड़खानों को बन्द करवा दिया जाए तो भारत से भुखमरी मिटने में समय ना लगेगा ओर मैं प्रत्येक व्यक्ति से निवेदन करूँगा की अगर एक निरीह प्राणी का मांस खाना छोड़ कर उसका दूध पीओ और भारत के जो लाखों लोग हर रोज भूखें सोते हैं थोड़ा उनकी तरफ भी ध्यान दो
सीधी सी बात है अगर आप मांस खाते हो तो समझ लो कि आपके कारण एक निर्दोष प्राणी की हत्या हुई है और कोई भूखा सोया है और अगर आप मांस खाना छोड़ कर गाय आदि पशुओं को पालोगे तो आप खुद भी रोजगार पाओगे ओर भारतवर्ष और पूरे विश्व से भुखमरी भी समाप्त करने में अहम भूमिका निभाओगे 🙏🙏
मांस खाना छोड़ो और भुखमरी मिटाने में सहायता करो
जय आर्य जय आर्यावर्त्त
देख तेरे संसार की हालत
क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान।।
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
जब देश के पुराने जमाने मे राजा महाराजा जड़ी बुटी मिर्च मसाला आदि का व्यापार करते थे तो हमारा 1 रुपया था ओर दुनिया के 80 रुपए!!!आज का राजा गौमाश का व्यापार करता है इसलिए हमारे 80 ओर दुनिया का 1 रुपया हे
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
पहले मंदिरों, घर की पवित्रता के लिये गौमूत्र का छिड़काव किया जाता था आज मदिरा (सैनिटाइजर) से किया जा रहा है।।
घोर कलयुग
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
#गौमाता_राष्ट्रमाता
गौहत्या रोकने का उपाय
उठो भारत के नर नारियो हुंकार भरो।
गौमाता को राष्ट्र माता स्वीकार करो।।
गौहत्या का कलंक भारत के माथे से मिटाना हैं ,
पुनः राष्ट्र को विश्व गुरु बनाना है।
1966 में धर्म सम्राट करपात्रीजी महाराज के नेतृत्व में गौहत्या बंदी आंदोलन को 2016 में 50 वर्ष पुरे हो रहे हैं।उस आंदोलन में हजारो गौभक्तो ने प्राणों की आहुति दि थी ।उन शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिये गौमाता को राष्ट्र माता के पद पर सुशोभित करवाने हेतु ।
।। महा जन आंदोलन ।।
दिनाँक 28 फरवरी 2016 रविवार को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पूज्य गोपाल मणि जी महाराज एंव देश के पूज्य सन्तों के सानिध्ये में।
जिसमे देश के सभी राज्यो से हजारो गौभक्तो ने हिश्सा लेंगे ।
भारत के ऋिषयों ने पूरे देश और दुनिया को एक परिवार या घर के रूप में देखा है। घर बनता ही माँ से है। इस देश में राष्ट्र गीत भी है राष्ट्र गान भी है राष्ट्र पक्षी भी है राष्ट्र पशु भी है राष्ट्रपिता भी हैै। लेकिन हमारे राष्ट्र रूपी घर में राष्ट्र माता नही है
इसलिए गो माता को राष्ट्र माता बनाओ। वेदों में लिखा है
गोस्तु मात्रा न विद्यते
गाय की बराबरी कोई नही कर सकता। उस गो माता के लिए हमे किसी मंदिर बनाने की जरूरत नही है गो माता के घर पहुंचते ही वह घर मंदिर बन जाता है
गो माता को वो सम्मान दो जो हम भगवान को देते हैं ।
आप एक दिन आकर गो रक्षा के लिए खडे हो जाओ ।
भारत सरकार एंव राज्य सरकार से हमारी निम्न पांच मांगे है।
1. गौ माता को राष्ट्रमाता के पद पर सुशोभित करे एंव गौ मंत्रालयों का अलग से गठन हो।
2. रासायनिक खादो पर प्रतिबंध लगे,गोबर की खाद का उपयोग हो,गोबर गैस का चूल्हा जलाने एंव गोबर गैस को सी.न.जी गैस में परिवर्तन कर मोटर गाड़ी चलाने में उपयोग हो।
4 . 10 वर्ष तक के बालक-बालिकाओ को सरकार की और से भारतीय गाय का दूध नि:शुल्क उपलब्ध हो,किसानो को गाय अनुदान में दी जाये,प्रत्येक गाँव में भारतीय नंदी(सांड)की व्यवस्था हो।
4. जर्सी आदि विदेशी गायों पर पूर्ण प्रतिबंध उसके दूध की विकृति को सार्वजनिक किया जाये,गोचरान भूमि गौवंश के लिये ही मुक्त हो।
5.गौ-हत्यारों को मृत्यु दण्ड दिया जायें।
ये जानकारी भारतीय गोक्रांति मंच तमिलनाडु चेन्नई के गोवत्स राधेश्याम रावोरिया ने दी।
गौमाता राष्ट्रमाता के चरणों में,हमारा कोटी-कोटी वंदन।
गौ हत्या यानि एक देवी की हत्या
ये सिर्फ गौ हत्या नहीं ,एक देवी कि हत्या है ,राष्ट्र माता की हत्या है
वेदों में ‘गोघ्न‘ या गायों के वध के संदर्भ हैं और गाय का मांस परोसने वाले को महापापी और अति दुष्ट कहा गया है
वेदों में गाय को अघन्या या अदिती – अर्थात् कभी न मारने योग्य कहा गया है और गोहत्यारे के लिए अत्यंत कठोर दण्ड के विधान भी है
गाय का यूं तो पूरी दुनिया में ही काफी महत्व है, लेकिन भारत के संदर्भ में बात की जाए तो प्राचीन काल से यह भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है। चाहे वह दूध का मामला हो या फिर खेती के काम में आने वाले बैलों का। वैदिक काल में गायों की संख्या व्यक्ति की समृद्धि का मानक हुआ करती थी। दुधारू पशु होने के कारण यह बहुत उपयोगी घरेलू पशु है।
गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है। यह बीमारों और बच्चों के लिए बेहद उपयोगी आहार माना जाता है। इसके अलावा दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं। दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनाता है। गाय का घी और गोमूत्र अनेक आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के काम भी काम आता है। गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे उत्तम खाद है। गाय के मरने के बाद उसका चमड़ा, हड्डियां व सींग सहित सभी अंग किसी न किसी काम आते हैं। फिर भी गौ माता की हत्या क्यूँ
अन्य पशुओं की तुलना में गाय का दूध बहुत उपयोगी होता है। बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है, वहीं गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है। माना जाता है कि भैंस का बच्चा (पाड़ा) दूध पीने के बाद सो जाता है, जबकि गाय का बछड़ा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछल-कूद करता है।
गाय न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है वरन मरने के बाद भी उसके शरीर का हर अंग काम आता है। गाय का चमड़ा, सींग, खुर से दैनिक जीवनोपयोगी सामान तैयार होता है। गाय की हड्डियों से तैयार खाद खेती के काम आती है। फिर भी गौ माता की हत्या क्यूँ
भारत में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है। यही कारण है कि दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों आदि से श्रृंगार किया जाता है।
प्राचीन भारत में गाय समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। युद्ध के दौरान स्वर्ण, आभूषणों के साथ गायों को भी लूट लिया जाता था। जिस राज्य में जितनी गायें होती थीं उसको उतना ही सम्पन्न माना जाता है। कृष्ण के गाय प्रेम को भला कौन नहीं जानता। इसी कारण उनका एक नाम गोपाल भी है।
कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तो आज भी रीढ़ है। दुर्भाग्य से शहरों में जिस तरह पॉलिथिन का उपयोग किया जाता है और उसे फेंक दिया जाता है, उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना होगा ताकि हमारी ‘आस्था’ और ‘अर्थव्यवस्था’ के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। आओ आज एक प्रण लें और गऊ माता की रक्षा के उन पापियों से सब मिलकर लड़ें ,
गौहत्या रोकने के आदर्श ऐवम व्यवहारु उपाय
० गौमाता के गुणो बारे में संपूर्ण जानकारी समाज प्राप्त करवाना ताकी गौमाता का सन्मान बढे.
१ गौसंवर्धन & एम्ब्र्यो ट्रान्सफर (दूध उत्पादन बढ़ावा )
२ चारागाह (गौचर )का विकास & दूध बढ़ाने वाली ऐवम गुण बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधि को बढ़ावा .
३ जलसंचय को बढ़ावा
४ गोबर (बायो ) गैस प्लांट्स & आर्गेनिक खेती
५ पंचगव्य & गौमूत्र औषधि द्वारा सर्व भयानक बीमारी को मिटाना
६ गोबर & गौमूत्र द्वारा कास्मेटिक & डोमेस्टिक प्रोडक्ट को बढ़ावा देकर रोजगारी निर्माण.
७ अग्निहोत्र का चिकित्सा & खेती में उपयोग .
८ बैल का खेती के इलावा जनरेटर, वाटर टरबाइन पंप ,आटा चक्की जैसे कई नए उपयोग .
९ अमूल जैसी डेरी उद्योग को सीधे रस्ते पे लाना.
१० मंदिर को दान बंध कर के ऊपर के उपायो के लिए दान कर के गौमाता को आत्म निर्भर बनाना.
११ गौमाता के दूध & गौमूत्र के ज्यादा दाम प्राप्त हो. समजदार हिंदुस्तानी नागरिक पुरे देश में यह उपाय फैलाकर इस रास्ते पे चल कर गौहत्या बंध करवा सकता है.
प्लीज सारे दोस्तों ऐवम ग्रुप में यह बात फैलाओ.
जय हो गौ मैया की .
जैसे दूध में घी होता है पर वो निकालने के लिए पहले
उसको दही बनाओ बाद में
मक्खन फिर गर्म करने से घी निकलता है.
जैसे तिल में से तेल निकलता है .बाजरा में से नहीं .
ऐसे ही
गौहत्या कानून से या हथियार से या नारा लगाने से बंध नहीं होगी.
ऊपर बताये गए सुजाव पर काम करने से १००% रिजल्ट मिलेगा.गौहत्या के लिए जाने अनजाने में हिन्दू ही जिम्मेदार है.गौमाता के गुणों को जान कर उसका फायदा उठाकर गौमाता और हिंदुस्तान को सुखी बनाओ.
आपका प्यारा मित्र
गोवत्स राधेश्याम रावोरिया
** गौहत्या रोकने का उपाय नंबर १० ##
फालतू धार्मिक खर्च -दान (मंदिर )को बंध करके गौमाता के गुणों का प्रचार एवं गौहत्या रोकने के सही तरीको पर काम कर गौमाता का सन्मान और देश समृद्ध बनाना ##
#हमारे धर्म में लिखा गया है की (धर्म -अर्थ-काम-मोक्ष) यह सब हमारे धर्म के चार स्तम्भ है और यह सब गौमाता में मोजूद है.
#गौमाता की सेवा से ३३ कोटि देवी-देवता प्रसन रहते है.कोई मंदिर या तीर्थ जाने की जरूर नहीं है.सिर्फ गौसेवा .
#इस के दूध ,गौमूत्र,गोबर बहुत उपयोगी है.इसका सही इस्तमाल आरोग्य-धन देता है
# गौसेवा से हमारे वंश की निरंतर वृद्धि होती है.#
# गौसेवा से सात्विक बुद्धि से गौलोक में स्थान मिलता है ##हमारे धर्म में लिखा है की जिस भूमि पर गौमाता का एक बूँद लहू का गिरता है वहां किया हुवा जप,तप ,दान-पुण्य सब व्यर्थ जाता है .पहले इसको बंध करवाओ.फिर दूसरा सोचो.##हमारे धर्म में ५०% दान गौमाता के लिए बाद में दूसरे जीवो के लिए (सही दिशा की गौसेवा से मनुष्य भी सुखी रहेगा सात्विक बुद्धि की वजहसे )करो.
##गौमाता देवी-देवता की भी माता है.समजो जरा.#
हमारा बड़े मंदिरो में दिया दान सरकार लेकर मस्जिद,मदरसा के खर्च करती है .अब तो समजो सोचो.
##सार-गौमाता को स्वावलम्बी बनने के लिए दान करो.गौहत्या बंध करने में योगदान करके महापुण्य कमाओ.
इस उपयोगी जानकारी को पूरी ताकत से समाज में फैलाये.अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान हो.
मित्रो ,
मैँ अक्सर देखता हुँ कि
ज्यादातर हिँदू भाई अपने जीवन मेँ मँदिर बनाने या मँदिरोँ मे दान देने मेँ बहुत धन खर्च करते हैँ ।।
हो सकता है उनके विचार मेँ ये पुण्य कर्म हो ।।
लेकिन मेरे विचार
थोडे अलग हैँ
जिस देश मे भूख से मरने वालोँ की सँख्या लाखोँ मेँ हो ।
जिस देश मेँ एक तरफ गौ को माता कहकर पूजा जाता है और दूसरी तरफ उसी गौ माता को सडकोँ पर आवारा छोड दिया जाता हो,
जहाँ से उन्हेँ कत्लखाने मेँ पहुँचा दिया जाता है ।।
ऐसी सूरत मेँ मँदिर बनाना या मँदिरोँ मे दान देना कहाँ का पुण्य है
ये एक गँभीर सवाल है ।।
मेरा मानना है कि उसी धन से अगर अच्छी सी गौशालाऐँ बनाई जायेँ
तो उससे बडा कोई पुण्य नहीँ है उससे बडा कोई मँदिर नहीँ है
उससे बडा कोई दान नहीँ है ।।
गौशालायेँ बनाने से गौमाता की सेवा के साथ-साथ
दूध से दही मक्खन घी पनीर
गोबर से गोबर गैस साबुन अगरबती और जैविक खाद
गोमूत्र से औषधियाँ बनाकर देश के विकास मे सहयोग किया जा सकता है ।।
बडे स्तर पर काम करने से
कटते हुये गौवँश की रक्षा होगी ।
कृषि उत्पादन विषमुक्त होगा । लाखोँ बेरोजगार लोगोँ को रोजगार मिलेगा ।।
श्री राजीव दिक्षित जी भी ये कहते थे कि गौ माता की सेवा और रक्षा ही
भारत की रक्षा है ।।
आपका क्या विचार है मित्रोँ ? अपने विचारोँ से जरुर अवगत करवायेँ ।।
***गौहत्या रोकने के उपाय नंबर ९ *****
**AMUL जैसी डेरी उद्योग को सही रस्ते पर लाना **
#क्या आप जानते हो की गौहत्या और डायबिटिक,हार्ट,कैंसर जैसी बीमारिया अमूल डेरी की वजह से बढ़ी है.#
पहले हमारा देश गौपालक था.लेकिन अमूल ने उसको बादमे पशुपालक (भेंस)और बाद में सुवरपालक (HF ,जर्सी जैसे विदेशी सुवर के जीन्स वाले जनावर देश को बर्बाद करने लाये) बनाया .source .govt of gujarat .
#१९८७-२००७ के २० साल में न्यूज़ीलैंड के डेरी साइंटिस्ट keith woodford ने रिसर्च में प्रूव किया था की विदेशी जनावर में BCM -७ नामक ज़हर है जो रोगप्रतिकारक शक्ति को खत्म करता रहता है.और देश के गर्म और नमी युक्त वातावरण मे यह टी.बी.और जेडी बुसोलोसिस बिमारी से पीडीत रहती है इस के दुघ मे परु(pus cell)पाया जाता है.फिरभी अमूल के संस्थापक सुवर-वर्गीस कुरियन ने इसको प्रोत्साहन देना चालू रखा और अभी भी अमूल के चेयरमैन यही कर रहे हे.विदेश में देशी गौमाता सर्वाधिक दूध देती है (गिर गाय ६२ लीटर/दिन काँकरेजी ,ओंगोल गाय ४५ l/d देती है .क्या अमूल देश के लोगोको बीमार करने लिए विदेशी ताकत का हत्था बना हुवा है. CBI से इसकी जांच करवाओ. यह लोग अमृत समान गौमाता के दुघ,गौमूञ,गोबर के गुणो को जनता को नही बताते.
*#विदेशी जनावर माता नहीं पुतना मौसी है याद रखो #
## कोई देशप्रेमी NGO इस पर सुप्रीम कोर्ट में केस कर के इस विदेशी जनावर को देशनिकाल दिलवाएगा क्या ?
##pasteurization & homogenization दूध के सारे विटामिन्स खत्म कर देता है.२ दिनों का बासी दूध तामसी हो जाता है.अमूल पशआहार मे हडडी का चुरा मिलाता है.जिससे जनावर-गाय बिमार होते हे.फिर ऊस को ऐंटीबायोटिक का डोझ देके और जहरीला बनाते हे.अमूल दुघ छोडो.गौशाला की देशी गाय का दुघ जयादा दाम देके पीओ और स्वस्थ, मस्त जीओ.
अमूल ने हिंदुस्तानी परंपरा के मुतबिग घी बंनाने की जगह मलाई(milk क्रीम) को डायरेक्ट गर्म करके नकली घी (butter oil )बेच के भारतीयों को हार्ट पेशेंट बनाया है.
*#विदेश में भारतीय गाय के दूध का दाम विदेशी जनावर से ३ गुना है.क्या देश के गौपालक और जनता के बारे में अमूल नहीं सोचेगी. *#
*#एक कहावत हे कि जेसा अन्न वेसा मन.*#
तामसी(भेंस)और झहरीला(विदेशी जनावर)का दुध से देश के लोग मतलबी और लागणीविहीन बनने के साथ कमजोर,निस्तेज,निवीर्य बन रहै है.गुजरात और देश में बच्चो में कुपोषण ,बालमृत्यु बढ़ी है उसमे अमूल का अहम योगदान है. इसलिए देसी गाय का दूध नमिले तोभी अमूल का त्याग करो.
# इस उपयोगी जानकारी को पूरी ताकत से समाज में फैलाये.अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान हो. #
***गौहत्या रोकने का उपाय नंबर ८ ***
बैल संचालित जनरेटर,वाटर टरबाइन पंप,आटा चक्की,तेल निकालने का कोल्हू ,गियर वाला हाई स्पीड बैल गाड़ी जैसे अनेक विविध प्रयोग
दोस्तों आज ज्यादातर किशान बैल रखने को तैयार नहीं है क्यों की खेतीबाड़ी में साल में १महिने से ज्यादा उपयोगिता नहीं होती और बैठे बैठे खिलाना पड़ता है.
*पर इसकी शारीरिक ताकत को अन्य उपयोग जैसे की इलेक्ट्रिसिटी की पीक डिमांड के टाइम पुरे हिंदुस्तान के बेलो को जनरेटर और पॉवरग्रिड के साथ जोड़ दिया जय तो १ बैल दिन की २५-३० यूनिट इलेक्ट्रिसिटी पैदा करने की ताकत रखता है.हिदुस्तान में तो करोडो है.उनके गोबर को गैस बनाकर भी इलेक्ट्रिसिटी पैदा की जा सकती है.और गोबर की स्लरी से आर्गेनिक खाद बनाया जा सकता है.कुछ तो नया करो.
१०० फ़ीट तक पानी हो तो डीजल इंजन की जगह वाटर टरबाइन पंप चलाया जा सकता है .पानी का लेवल ज्यादा हो तो जलसंचय & सजीव खेती द्वारा पानी का लेवल बढ़ाया जा सकता है.
बैल से आटा चक्की ,तेल निकालने का कोल्हू गियर वाला बैल गाड़ी (स्पीड ३५ km/hr) यह सब चला कर इलेक्ट्रिसिटी & डीजल की खपत करके विदेशी मुद्रा बचाकर पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है.
****इस उपयोगी जानकारी को पूरी ताकत से समाज में फैलाये.अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान हो.****
*** गौहत्या रोकने के उपाय नंबर ७ ***
** अग्निहोत्र का चिकित्सा ऐवम खेती में उपयोग.**
क्या आप जानते हो की सूखे गोबर के कंडे जापान कंटेनर भर भर के राजस्थान से मंगवा रहा है.क्यों की उधर वातावरण बहुत प्रदूषित हो गया है.जर्मनी और अन्य देश भी इसपर बहुत रिसर्च कर रहे है.
अग्निहोत्र वातावरण (हवा पानी )शुद्धिकरण के साथ एटॉमिक रेडिएशन की असर को कम करता है.बरसात लाने मे भी सहायक है.यह विज्ञानिको ने सिद्ध किया है. ***अग्निहोत्र में सूर्योदय ऐवम सूर्यास्त के समय मिटटी या तांबे के पिरामिड जैसे बर्तन में गोबर के कंडे के साथ हवन सामग्री और अक्षत चावल को गाय के घी में भिगो कर मंत्रोच्चार के साथ आहुति देने से अग्नि के गुण हमारे में आते है.भयंकर बीमारी जैसे की cancer ,HIV जैसी अनेक बीमारिया ठीक होती है.खेतीबाड़ी में यह करने से फसल जंतु मुक्त और उत्पादन बढ़ता है.यह अनुशंधान से सिद्ध हुवा है.***
**इससे घरमे पॉजिटिव ऊर्जा बढ़ने से मन की शुद्धि होती है.मेरी पत्नी रोज शाम को अग्निहोत्र करती है.आप भी अपने घर में यह करे.और दिव्य अनुभूती करे.**
***गौहत्या रोकने के उपाय नंबर ६ ***
**गोबर और गौमूत्र के द्वारा कॉस्मेटिक & डोमेस्टिक प्रोडक्ट से रोजगारी निर्माण और गौ स्वावलम्बन से समृद्ध हिंदुस्तान का निर्माण **
क्या आप जानते हो की गौमूत्र से बना फिनायल (पोछे के लिए लिक्विड )वर्ल्ड बेस्ट फिनायल है क्यों की गौमूत्र वर्ल्ड बेस्ट एंटीसेप्टिक ,एंटीबैक्टीरियल,एंटीवायरल है.*
इनसे टूथपेस्ट ,शैम्पू ,अगरबत्ती ,हैंडवॉश,हेयर आयल,साबुन ,जैसे अनेक प्रोडक्ट बनती है.और सब से बेस्ट है. **केमिकल युक्त मच्छर अगरबत्ती से २० सिगरेट जितना खतरनाक धुँआ निकलता है.पर गोबर और नीम से बनी अगरबत्ती संपूर्ण निर्दोष होती है.और १००% रिजल्ट है *
और गोबर से बनी अगरबत्ती से वातावरण में पॉजिटिव ऊर्जा फैलती है और देवी-देवता भी प्रस्सन रहते है.
*यह सब प्रोडक्ट गृह उद्योग के द्वारा बनाई जा सकती है.इससे बेरोजगारी हटाई जा सकती है.और विदेशी कंपनी द्वारा चलाई जा रही लूट से देश को बचाया जा सकता है.**में ज्यादातर इससे बनी प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहा हु
आप भी इस टाइप की प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करके एवं सबको प्रेरित करके गौमाता को स्वावलम्बित करके उसे बचाने में सहयोग करे.क्यों की बैठे बैठे खिलाना हमारी मूर्खता ऐवम गौहत्या की मुख्य वजह है.
**इस उपयोगी जानकारी को पूरी ताकत से समाज में फैलाये.अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान हो.**
**गौहत्या रोकने का उपाय नंबर ५ **
*पंचगव्य और गौमूत्र से भयंकर रोगो से मुक्ति.*
भगवन श्री कृष्ण ने गीता में कहा है की कौन सा शारीरिक या मानसिक रोग है जो पंचगव्य से नहीं मिटता .अरे इससे तो आदमी के पापो का भी नाश होता है और सात्विक बुद्धि बढ़ती है.भगवान को युही सबसे प्यारी गौमाता नहीं थी.
आप जानते हो की गाय के दूध+ दही + घी+ गौमूत्र + गोबर के सब के अपने अलग गुण होते है.अगर इनसब को मिला कर पंचगव्य बनाया जाये तो कितना शक्तिशाली औषध बनेगा.
इनसे बना पंचगव्य घृत & महापंचगव्य घृत कैंसर,(एड्स )जैसे अनेक बीमारी में उपयोगी है.पंचगव्य के बहुत सारे सेंटर पुरे देश में खुल रहे है.**यह भविष्य की चिकित्सा पद्धति होगी.क्यों की विलायती एलोपैथी के
एंटीबायोटिक & स्टेरॉयड्स के बहुत साइड इफ़ेक्ट है.और यह रोगो के कारन को जानकर उसको मिटाने की जगह रोगो को दबाने का काम करती है.
**अपने आयुर्वेद में गौमाता को चलता फिरता औषधालय कहा गया है.**
चारागाह का चारा खाने वाली गौमाता का सिर्फ धारोष्ण( दोहने के बाद तुरंत का )दूध पर रहने वालो का ३० से १८० दिनों में कायाकल्प हो जाता है.
# # गौजरन (सुबह का पहला गौमूत्र) सुबह खाली पेट पिने से भयंकर बीमारी मिटती है.जो नहीं पि सकते उनके लिए गौमूत्र से बना पाउडर भी अभी उपलब्ध है.उनका फायदा उठाये. बहुत सारी आयुर्वेदिक औषधि में गौमूत्र मिलाने से उसका गुण अनेक गुना बढ़ जाता है.##
## सार-पंचगव्य दैवी चिकित्सा है.यह भविष्य की चिकित्सा पद्धति होगी.research के रिजल्ट बाद दुनिया सलाम करेगी.##
गौमाता की सभी पोस्ट को पूरी ताकत से शेयर करे अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान है.
**गौहत्या को रोकने का उपाय नंबर ४ **
**गोबर(bio) गैस प्लांट्स & आर्गेनिक खाद ,गौमूत्र पेस्टिसाइड से सजीव खेती **
लेटेस्ट संसोधन से मालूम हुवा है की १ ही गौमाता के पुरे गोबर को गोबर गैस प्लांट्स में इसतमाल किया जाये तो २२५ लीटर पेट्रोल के बराबर गैस १ साल में प्राप्त किया जा सकता है.सोचिये हमारे पास ५० करोड़ गौवंश हो तो कितना गैस मिल सकता है.
**बड़े गोबर गैस (सामूहिक )पर तो कार्बन क्रेडिट मिलती है जिस से विदेशी मुद्रा भी प्राप्त की जा सकती है .
*गोबर गैस की राबड़ी उत्तम खाद है.उसमे आर्गेनिक वेस्टेज +तालाब की मिटटी+ बैक्टीरिया कल्चर + केंचुए मिला कर बेस्ट खाद(black gold)बनती है.विदेशी संसोधन के हिसाब से २-३ साल भर में रासायनिक खाद से बढ़िया उत्पादन मिलता है.गौवंश के मूत्र से कुदरती जंतुनाशक को ३-३ अमेरिकी पेटेंट मिले है.मृत गाय के सिंग ऐवम शरीर से उत्तम खाद बनती है.
*सरकार को अपने अल्प शिक्षित किशानो को इस प्रकार की जाग्रति फैला कर इस तरह से खेती को प्रोत्साहन देना चाहिए .क्योकि इससे रासायनिक खाद + केमिकल जंतुनाशक के पीछे होने वाले खर्च को सुन्य किया जा सकता है.ऐवम इसके पीछे होने वाली बीमारियो के खर्च में कटौती आ सकती है.कैंसर ट्रैन बंध हो सकती है.
*पर अपने बड़े बड़े कोंग्रेसी नेताओ के कतलखाने (गौमाँश एक्सपोर्ट के लिए) चलते है इसलिए यह लोग इसको प्रोत्साहित नहीं करते है.मोदीजी इसको बंध करवा सकते है.
*रासायनिक खाद और केमिकल जंतुनाशक धरती माता पर बलात्कार समान है.यह बंध होना चाहिए.
*हर गौशाला जो बूढ़े गौवंश को संभाल रहा है वह आसपास की बड़ी सिटी का आर्गेनिक कचरे को फ़र्टिलाइज़र बना कर सिटी के कचरे में से पैसे कमा सकता है.गौवंश गौधन है उसको बोज़ मत बनाओ.
*गोबर में ज़हर सोखने की अदभुत शक्ति है तो रिसर्च कर के ज़हरीला इंडस्ट्रियल कचरे को न्यूट्रल बनाया जा सकता है.सोचिये
## सार-ऑर्गेनिक खाद से उत्पादन बढ़ने के इलावा १/५ पानी की खपत होती है.और भयंकर बीमारिया से नहीं मरना चाहते हो तो इसका प्रचार करो.##
इस उपयोगी जानकारी को पूरी ताकत से समाज में फैलाये.अगर आप सच्चे हिन्दू की संतान हो.
*गौमाता व भैंस में अंतर*
भैंस ने पूछा दूध तो मैं भी देती हूँ फिर गाय को ही माँ क्यों कहा गया? मुझे चाची ताई का भी पद नही मिला।हमने भैंस को समझा दिया कि चांदी और सोने के भाव में दिन रात का अन्तर होता है ।अब आप भी समझ लो गाय में जो गुण हैं वही गुण उसके दूध में है।जिस माँ ने हमें जन्म दिया उसके बराबर की ममता हमें गाय से मिलती है!!
भैंस अपने बच्चे से पीठ फेर कर बैठती है चाहे उसके बच्चे को कुत्ते खां जायें वह नही बचायेगी जबकि गाय के बच्चे के पास अनजान आदमी तो क्या शेर भी आ जाये तो जान दे देगी परन्तु जीते जी बच्चे पर आंच नही आने देगी।उसके दूध में स्नेह का गुण भरपूर होता है।
गाय के दूध से बुद्धि का विकास होता है लेकिन भैंस का दूध पियो ओर डोबा बनो भैंसे जैसी बुद्धि पैदा होती है!!
भैंस के दो बेटे बड़े होकर यानि दो झोटे एक गांव में मिलकर नही रह सकते।आमना सामना होते ही एक दूसरे को मारेंगे।भाई भाई का दुश्मन परन्तु गाय के 10 साण्ड इकट्ठे रह सकते हैं ये भाईचारे का प्रमाण है।
भैंस गन्दगी पसन्द है कीचड़ में लथपथ रहेगी पर गाय अपने गोबर पर भी नही बैठेगी वह स्वच्छता प्रिय है।
भैंस को घर से 2किमी दूर तालाब में छोड़कर आजाओ वह घर नही आ सकती,उसकी यादास्त जीरो है।गाय को घर से 50 किमी दूर छोड़ दो वह घर आ जायेगी । गाय के दूध मे स्मृति तेज है।
10भैंस बान्धकर 20 फुट दूर से उनके बच्चों को छोड़ दो एक भी बच्चा अपनी मां को नही पहचान सकता जबकि गोशालाओं मे दिन भर गाय व बच्चे अलग अलग शैड मे रखे जाते हैं सायंकाल जब सबका मिलन होता है तो सभी बच्चे हजारों की स॔ख्या में अपनी अपनी मां को पहचान कर दूध पीते हैं ये है गोदुग्ध की मैमोरी।
जब भैंस का दूध निकालते हैं तो भैंस सारा दूध दे देती है परन्तु गाय थोड़ा सा दूध ऊपर चढ़ा लेती है ।जब बच्चे को छोड़ेंगे तो उस चढाये दूध को उतार देती है ये गुण माँ के है जो भैंस मे नही हैं ।
गली में बच्चे खेल रहे हों और भैंस भागती आ जाये तो बच्चों पर पैर अवश्य रखेगी लेकिन गाय आ जाये तो कभी भी बच्चों पर पैर नही रखेगी।
भैंस धूप और गर्मी सहन नही कर सकती जबकि गाय मई जून मे भी धूप मै बैठ सकती है।
भैंस का दूध तामसिक होता है और गाय का सात्विक ।
भैंस का दूध आलस्य भरा होता है उसका बच्चा दिन भर ऐसे पड़ा रहेगा जैसेे अफीम या भांग खाकर पड़ा है! जब दूध निकालने का समय होगा तो मालिक उसे ठोकरें मारकर उठायेगा परन्तु गाय का बछड़ा इतना उछलेगा कि आप रस्सा खोल नही पायेंगे ठीक से।
*गाय के गुण लिखने में पूरी पुस्तक लिखी जा सकती है* !!!
राष्ट्रप्रथम की भावना के साथ वन्दे गौमातरम।
नोट- गाय यानी भारतीय नस्ल की देसी गाय ,,ना की जर्सी सूअर
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
सिर्फ सच्चे भारतीय हिन्दू ध्यान दे🚩🚩🚩🚩
भगवा हमारे शौर्य का स्वरूप है,,
ओर गौ हमारी माँ का रूप है ।।
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
#गौमाता_राष्ट्रमाता
https://www.facebook.com/100008121482102/posts/2810031749277514/
सतयुग में परशुराम ने सहस्रबाहु (जिसके हजारो भुजाएं-सत्ता ) से युद्ध कर गौमाता को बचाया, त्रेता में राम ने युद्ध कर गौ (सीता ) को बचाया, द्वापर में पांडवों ने युद्ध कर गौ (द्रौपदी ) को बचाया, और अब कलयुग में गौ आंदोलन (शांतिप्रिय युद्ध) से गौमाता को बचाये - 7नवम्बर2021 #गौमाता_राष्ट्रमाता
भगवान की सेवा, पृथ्वी का भ्रमण, सदा सत्यव्रत धारण करना, जितनी भी शिक्षा दीक्षा जगत में
जहाँ तक है, यह सारा पुण्य गौ माता को तृण देने मात्र से मिल जाता है।
जय गौमाता राष्ट्रमाता... माँ
❗ *6 पेटेंट गौमूत्र के जिससे पूरी दुनिया में भारतीय गौमाता की ताकत गूंजती है - शेयर करें।*❗
भारतीय गाय पर यह 6 पेटेंट जो कैंसर से लेकर DNA तक को ठीक करने के लिए अमेरिका और चीन ने ले रखे इस बात का प्रमाण है कि भारत के लोगो से लेकर यहाँ की सरकार गाय की हत्या होने दे रही है ताकि अंतराष्ट्रीय माफिया गौ के गव्यों के आधार पर दवा से लेकर बाजार खड़ा करें।
और जो मूर्ख मैकॉले मानस की औलादें गौमूत्र ओर हँसा करती है है वो इन पेटेंट को सर्च कर अपना फफूंद वाला मुहँ बंद रखे।
*सर्च करें -* *_इन भारतीय गाय पर इन 6 पेटेंट को_*
1️⃣ US Patent - 6896907 BE
https://patents.google.com/patent/US6896907B2/en
2️⃣ US patent - 6410059
https://patents.google.com/patent/US6410059B1/en
3️⃣ US patent - 7718360
https://patents.google.com/patent/US7718360B2/en
4️⃣ US patent - 7235262
https://patents.google.com/patent/US7235262B2/en
5️⃣ US patent - 7297659
https://patents.google.com/patent/US7297659B2/en
6️⃣ China patent - 100475221
https://patents.google.com/patent/CN100475221C/en
जय #गौमाता #राष्ट्रमाता... वन्दे मातरं...
जिस धरा पर ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत ही गौ माता के रक्त से होती हो!
उस धरा पर भला रामराज्य कैसा?
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
भाग 1
कोरोना या किसी भी आधुनिक वैक्सीन का मुख्य घटक
"फीटल बोवाइन सीरम"- FBS
*******************
बार-बार यह कहने पर की कोई भी आधुनिक वैक्सीन लगवाने से शरीर दूषित और धर्म भृष्ट होता है से बहुत से लोगों को विश्वास नही होता क्योंकि आज प्रमाण का जमाना है।
लेकिन 1857 की क्रांति के मुख्य नायक महान मंगल पांडे ने कारतूस पर गाय माता की चर्बी होने के लैब टेस्ट करा कर क्रांति नही शुरू की,बस पता चला की चर्बी है तो उस घोर धर्म-पालक के लिए यही बहुत था।
आज दुर्भाग्य से हिन्दू-सनातन धर्म रक्षक कहे जाने वाले नेता-धर्म प्रचारक, धर्म गुरु वैक्सीन में गाय की चर्बी नही अपितु गाय माता के जीवित भ्रूण से निर्मम विधि से निकाले खून का प्रमाण होने पर भी मौन धारण किये हुए हैं।
"वैक्सीन सिद्धान्त: कैसे काम करती है वैक्सीन"
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किसी भी वैक्सीन को बनाने के लिए उस संक्रमित बीमारी के वायरस को छोटी मात्रा में अन्य स्वस्थ शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है,यही सूक्ष्म मात्रा का निष्क्रिय वायरस शरीर में जाता है तो शरीर इससे लड़ने के लिए एंटीबाडीज(वायरस से लड़ने वाली शरीर की शक्ति) तैयार करता है(ऐसा आधुनिक विज्ञान की मान्यता है)
वैक्सीन निर्माण: कैसे बनती है वैक्सीन
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इसी वायरस की डोज़ को तैयार करने के लिए बीमारी के वायरस की सूक्ष्म मात्रा को बनाने के लिए एक शरीर जैसा जीवंत वातावरण चाहिए जिसे अंग्रेजी में कल्चर करना कहते हैं,समझने के लिए दही जमाने के लिए दूध चाहिए और जामन(जमी हुई दही या छाछ के बहुत छोटी मात्रा)।
अब दही जमाने का दूध उसका कल्चर करने वाला माध्यम है और जामन उसका वायरस हुआ।
तो वैक्सीन बनाने वाला कल्चर है "फीटल बोवाइन सीरम" FBS। करोड़ों डोज़ बनाने के लिए लाखों लीटर कल्चर चाहिए होगा जिसमे वायरस जीवित रह सके। तो वैक्सीन का एक मुख्य अंग हुआ कल्चर और वैक्सीन का कल्चर है FBS।
FBS फीटल बोवाइन सीरम क्या है??????
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फीटल माने भ्रूण
बोवाइन माने गाय
सीरम माने रक्त का वह जलीय अंश जिसमे फिब्रिनोजन(रक्त को जमाने वाला) नही हो
अर्थात गाय के भ्रूण का रक्त जिसे बाद में फिब्रिनोजन एवं कुछ अन्य कोशिकाओं को निकालकर संशोधित किया जाता है
FBS का उत्पादन कैसे होता है???
**********************
कसाईखानों में गर्भवती गायों की हत्या करके जीवित भ्रूणों को निकाला जाता है और जीवित भ्रूण के हृदय में पंक्चर(छेद करके) उसका रक्त निकाला जाता है क्योंकि जीवित जीव का रक्त ही सजीव होता है और उसी में वायरस कल्चर किया जा सकता है।
यह रक्त निकालने में सबसे पहले गायों को निर्मम यातनाएं देकर मारा जाता है फिर उससे बड़ा आघात उसके अजन्मे बच्चे को दिया जाता है।
पूरी प्रक्रिया मानवता के नाम पर कलंक है और शर्मसार से भी नीचे कोई शब्द हो तो कम है।
खतरनाक प्रीसरवेटिव
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Thimersol(थाईमरसोल)(ethyl mercury): मरकरी युक्त
Formaldehyde
एल्युमीनियम
मुख्य रूप से उपरोक्त तीन preservative लगभग सभी वैक्सीन में डाले जाते हैं और उस वैक्सीन को बेहद ठंडे तापमान पर रखा जाता है जो शून्य से कई डिग्री कम होता है जिससे सीरम(fbs) सड़े न जाए अन्यथा fbs सड़ कर खराब हो जाएगा।
उपरोक्त तीनों preservative मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं और उनके गंभीर परिणाम आ रहे हैं।
Gelatin(जीवों की अंतड़ियों का रस)
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यह भी वैक्सीन में preservative और स्टेबलाइजर का काम करता है
इसके अलावा बहुत सी अन्य केमिकल इसमे डाले जाते हैं जो शरीर के लिए पूर्णतया अप्राकृतिक हैं और उनके बेहद गंभीर परिणाम हैं।
क्यों है खतरनाक
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खतरनाक,अप्राकृतिक एवं निर्मम जीव हिंसा से तैयार घालमेल को वैक्सीन कहते हैं और बिना लीवर,आंतों,किडनी का सहयोग लिए सीधे रक्त में इंजेक्शन के माध्यम से डाली जाती है।
हम जब भी कोई वस्तु खाते हैं, चाहे उसमे कितनी खतरनाक मात्रा में जहर हो लेकिन शरीर के अंगों-आमाशय,छोटी आंत,लीवर,किडनी एवं बड़ी आंत के माध्यम से दूषित एवं जहरीली चीजों को शरीर बाहर निकालने का भरसक प्रसास करते हुए शुद्ध रस बनाने का प्रयास करता है(लेकिन विष की मात्रा सीमा से अधिक होने पर ही रस दूषित होता है अन्यथा सभी अंग शरीर को अप्राकृतिक हानिकारक वस्तुओं को बाहर करता है) आगे चलकर उससे रक्त,मांस,मेद,अस्थि,मज्जा और शुक्र का निर्माण होता है।
अगर रक्त को सीधे ही विष से भर दिया जाए तो उससे आगे चलकर बनने वाली मांस धातु दूषित हो जाएगी(खतरनाक त्वचा रोग आएंगे क्योंकि रक्त से आगे बनने वाली धातु मांस ही है और ब्रिटैन में वैक्सीन लगते ही 2 लोगों को भयंकर त्वचा रोगों की पुष्टि हुई है जिसे एलर्जी कहकर लोगों के डर को कम करने का झूठा प्रयास हुआ है), मांस दूषित हुआ तो मेद का दूषित होना तय है जिसका प्रभाव और कुछ दिनों में दिखाई !!
प्रतिलिपि कृत
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
गाय हिंदुओं के लिए अब सिर्फ कुछ ही मौकों पर मां होती है जैसे अमावस,गोपाष्टमी,तेहरवीं या फिर हो मकर सक्रांति!
भूख भी गाय को सिर्फ आज ही लगती है बाकी दिन तो शायद इसको भूख लगती ही नहीं!
#जर्सी_भगाओ_देश_बचाओ
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बन्द_करो_सरकार
भारत पीले सोने से नही..
काले सोने से सम्रृद्ध होगा.
जो देसी गाय के गोबर से बनता है.
"खाद"
जो मानव को आरोग्य,आयुष्य,ऐश्वर्य देगा!!
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
हम अंग्रेजियत के ढोंग पाल बैठे हैं!
न जाने कैसे कैसे रोग पाल बैठे हैं !
चार डिग्रियां लेकर घरों में गाय छोड़ कुत्ते पाल बैठे
हैं!
#गौमाता_राष्ट्रमाता
हमारी सबसे बड़ी ताकत देसी गाय और जैविक कृषि है!
इन दोनों को खत्म कर दो पूरा भारत हमारे अधीन और भारतीय लोग सदा के लिए हमारे गुलाम बन जाएंगे।आज पूरे जोर शोर से इन दोनों को खत्म किया जा रहा है अंग्रेजों के मानस पुत्रों द्वारा!
#जर्सी_भगाओ_देश_बचाओ #जर्सी_सूअर_है #गौमाता_राष्ट्रमाता #गौहत्या_बंद_करो_सरकार #गोचर_भूमि_खाली_करो
*72वे गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं*
भारत की आजादी की लड़ाई गाय से शुरू हुई जब क्रांतिकारी मंगल पांडे ने गाय की चर्बी की गोलियों को मुह में लेने से मना किया. भारतीय *वसुधैव कुटुम्ब* (सारा विश्व एक परिवार) में विश्वास करते है, *फिर क्या कारण था कि उन्होंने अंग्रेजो को भारत से बाहर निकाला* - कारण था गौहत्या,अंग्रेज गौहत्या को बढ़ावा देते थे.
जब आखिरी गवर्नर जनरल *माउंटबैटन ने गांधीजी से पूछा कि आजाद भारत मे वो पहले क्या काम करेंगे तो गांधी जी ने कहा था गौहत्या बन्दी.*
स्वतंत्रता सेनानियों के कुछ उद्धरण -
*मुझे मारदो पर गाय को छोड़ दो -लोकमान्य तिलक*
*भारतीय संविधान का पहला खंड गोहत्या निषेध पर होना चाहिए - मदन मोहन मालवीय*
*गौ रक्षा भारत का सनातन धर्म है - डॉ राजेन्द्र प्रसाद, भारत के प्रथम राष्ट्रपति*
गाय को पूजने वाला भारत आज विश्व का सबसे बड़ा गौमांस निर्यातक बन गया है और आजादी के 72 सालों में गौहत्या बंदी नही हुई है .
आओ स्वतंत्रता सेनानियों के गौरक्षा ,गौसेवा के सपने को साकार करे और किसी न किसी रूप में गौसेवा का प्रण ले और भारतवर्ष में गौहत्या बंदी की सरकार से मांग करे!!
*#गौमाता_राष्ट्रमाता*
*#गौहत्या_बन्द_करो_सरकार*
वेदों ने गाया है तुझको, पुराणों में सजाया है तुझको ,
कृष्ण ने नंगे पैर चराया है तुझको,
राम ने रावण के आतंक से बचाया है तुझको, दिलीप ने प्राणों से भी अधिक चाहा है तुझको!
और कलयुग के दुष्टों ने कितना सताया है तुझको,
बांधकर रस्सी से गाड़ी में चढ़ाया है तुझको, क़त्ल खानों में उल्टा लटकाया है तुझको,
उबलते पानी से जलाया है तुझको !
जिसे कृष्ण सीने से लगाते थे,,
बंसी की धुन पर चराते थे
उन्ही कृष्ण भक्तों ने सड़कों पर निकाला है तुझको ,,
जिसे जीवन भर दूध पिलाया तूने ,
आज उन्हें दुष्टों ने रक्त से नहलाया है तुझको!
आंसू की हर बूंद तेरी रक्त बन कर बह गई ।
राधे रानी की प्यारी गैया टुकड़ों में कटकर रह गई।।।
यह कैसा राष्ट्र है मेरा जहां के नेता बीफ खाते हैं ।
गाय के नाम पर वोट लेते हैं, और गाय को ही कटवाते हैं।!
नेताओं ने मेरे देश को बर्बाद कर दिया,
जिस देश में गाय के अपमान पर मृत्यु दंड का विधान था।
उसी देश में नेताओं ने बूचड़खाना का लाइसेंस जारी कर दिया!
रामकृष्ण के राज्य में जिसे रोज पूजा जाता था
उसी देश में राम की दुलारी को काटकर डिब्बों में पैक कर दिया!
लगे हैं राम मंदिर को बनाने मोदी जी ,
मंदिर भी बन जाएगा मूर्त भी सज जाएगी ,
अब तो यह विचारों मोदी जी
राम की दुलारी गैया कैसे बच पाएगी?
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
#गौमाता_राष्ट्रमाता
RTI से खुलासा
ICMR ने लिखित में माना Fetal bovine Serum का इस्तेमाल दवाई / वैक्सीन बनाने के लिए किया जाता है
नोट : मेडिकल भाषा में गाय के भ्रूण के ह्रदय से लिया गया रक्त
Fetal bovine serum कहलाता है
बडा सवाल : क्या अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत वैक्सीन के द्वारा हम भारतीयों का धर्म भ्रष्ट किया जा रहा है ?
क्या मेडिकल माफियाओं के द्वारा अप्राकृतिक तरीके से एकत्रित किए गए हानिकारक तत्त्वों के मिश्रण को हमारे शरीर में पहुंचाने का षडयंत्र किया जा रहा है ?
ICMR के द्वारा दिए गए लिंक पर क्लिक करके fetal bovine serum की ज्यादा जानकारी प्राप्त की जा सकती है 👇
https://bioresourcesbioprocessing.springeropen.com/articles/10.1186/s40643-015-0063-7
नोट : काले अंग्रेजो के मानसिक गुलामों से एडवांस में आग्रह है हमारी पोस्ट से दूरी बनाकर रखे अन्यथा साथ के साथ ब्लॉक किया जाएगा हम फिजूल के कचरे को साथ के साथ साफ करते चलते है ।
RTI by #advmohit_khatana
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=732858110751718&id=100020826073126
ऋग्वेद ने गाय को अघन्या कहा है!
यजुर्वेद कहता है कि गौ अनुपमेय है!
अथर्ववेद में गाय को संपतियों का घर कहा गया है!
#गौमाता_राष्ट्रमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार
कंधे वाली गाय का दूध पीने वाला पुत्र ही माता पिता के कंधे से कंधा मिलाकर चलता है व हजारों मील दूर होते हुए भी अंतिम समय में कंधा देने के लिए पहुंच जाता है!
#गौमाता_राष्ट्रमाता
गौकथा और धेनुमानस सदग्रंथ को प्रकट कर पूरे जीवन संघर्ष और गौ क्रांति की लहर लाने वाले पूज्य गुरुदेव के गोवर्धन के इस महाअभियान को पूर्ण करने हेतु आने वाली 7 नवंबर 2021 को चलो दिल्ली...
*गौमाता राष्ट्रमाता विराट महासंकल्प दिवस...*
जय गौमाता राष्ट्रमाता....
जिसने गौमाता का दूध पीया है जो गौमाता को राष्ट्रमाता बने चाहता है जो चाहता है कि देश से गौहत्या बन्द हो वो इस आंदोलन में भाग लेवे ।।।
गौमाता बने राष्ट्रमाता #_गौहत्या_बन्द_करो_सरकार
#हर_जिले_एक_अभ्यारण्य_हो #गौहत्या_मुक्त_भारत
https://www.facebook.com/100002442535085/posts/3739812292776818/