Sunday, July 26, 2020

पांच प्रकार की कपिला गाय

*शास्त्र के अनुसार गौमाता की **नाम और उसकी महिमा*  सूर्य के सात किरण है ।उन सभी किरणों के रंग की पता आसमान में कभी-कभी दिखाई देने  वाला इंद्रधनुष के रंग से पता चलता है। क्योंकि इंद्रधनुष का रंग सूर्य से निकलने वाले 7  किरणों के रंग पर ही आधारित रहता है।
उसी तरह इस संसार में जितने प्राणी है। उन सभी प्राणियों में गाय ही एकमात्र ऐसी प्राणी है। जिसका सूर्यकेतु नाड़ी के माध्यम से सीधा संबंध सूर्य से होने के कारण वह भी सात रंग की होती है।
बाकी मानव सहित अन्य सभी जितनी प्राणी इस संसार में है वह सभी दो रंग या तीन रंग के ही होते हैं।
 गाय के वह सात रंग इस  प्रकार है :-
(१) कुछ गाय ताम्र यानी लाल अर्थात स्वर्णिम रंग की होती है।(२) कुछ गाय काली रंग की होती है।
(३) कुछ गाय श्यामा रंग की होती है।
(४) कुछ गाय नीलवर्ण की होती है ।
५)कुछ गाय सफेद रंग की होती है।
(६) कुछ गाय आपस में मिलाजुला दो रंग की होती है । जैसे :-काला और सफेद का धब्बा या सफेद पर लाल रंग की धब्बा वाली गाय।
 इस तरह  से सात वर्ण की गाय इस धरती पर पाई जाती है ।

इन सभी रंगों के गायकी शास्त्र अनुसार अपना अलग अलग महत्व होता है ।
उसी तरह  इन सभी गायों में कपिला रंग की गायों का विशेष महत्व होता है।
 कपिला का अर्थ है :-
वह गाय जिस के समस्त शरीर के साथ उसके सींग, उसके ओट, उसके आंख, उसके पूछ का बाल तथा उसके पांव के नाखून यानी  खुर  यह सभी अंग एक ही रंग का हो ।
उसी तरह  से पांच रंगो के आधार पर पांच प्रकार के कपिला गाय की वर्णन शास्त्र में आता है। (१)सफेद कपिला:- जिसका ऊपर वर्णित शरीर के सभी अंग  उसके सिंह ,आंख, स्थान, पूछ के बाल तथा पांव के नाखून यानी खुर  यह सभी अंग सफेद रंग का हो  वही सफेद कपिला गाय कहती हैं (२)उसी तरह  से जिस गाय के सभी अंग काला हो वह कालावर्ण कपिला गाय कहलाती है ।(३)उसी तरह  से जिस गाय के सभी अंग श्यामवर्ण का हो वही श्याम कपिला गाय कहलाती है उसी में जिस गाय के मस्तक पर चक्र या मोरपंख का चिन्ह रोम कूप में अंकित हो वही कृष्ण कपिला  गाय कहलाती है।(४) उसी तरह से जिस गाय का सभी अंग नीलवर्ण का हो वह नीलवर्ण कपिला गाय कहलाती है।(५) उसी तरह से जो गाय लाल  यानी ताम्र  अर्थात स्वर्णिम कलर का हो वह स्वर्ण कपिला गाय कहलाती है।
 उसी तरह भगवान श्री कृष्ण ने कहा :- हे पार्थ समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से जो मात्री सरूपा 5 गाय उत्पन्न हुई है उसके नाम इसप्रकार है । (१)नंदा:- अर्थात( आनंद देने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो  जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो और वह अपने स्थान के पांच छीमरा से दूध देती हो अर्थात  उस के स्थान मैं पांच छीमरा हो वही नंदा गाय कहलाती है।(२) सुभद्रा:- अर्थात (कल्याण करने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो जिसके दोनों सिंह नीचे की ओर लटका हुआ और हिलता हो वही सुभद्रा गाय कहलाती ।(३) सुरभी:- अर्थात (सभी मनोकामना पूर्ण करने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो और जिसके मस्तक पर सूर्य और चांद के चिन्ह अंकित हो   वही सुरभि गाय कहलाती है। (४)सुशीला:- अर्थात( दिव्य शक्ति प्रदान करने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर  सुगंध निकलता हो और दिन में चाहे जितनी बार दूध देती हो वही सुशीला गाय कहलाती है। (५)बहुला:-( सभी  कष्टों को दूर करने वाली) यानी  जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो और उसके पूछ भूमि से स्पर्श करता हो वही बहुला गाय कहलाती है। संतोष सुभाष महराजमो०-9926363485

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