एक शोधपूर्ण सच्चाई #ब्राजील की !!
ब्राजील देश ने हमारी #देशी_गायों का आयात कर अब तक 65 लाख गायों की संख्या कर ली है और इससे भी दोगुनी भारतीय देसी नस्ल की गायें उन लोंगो ने दूसरे देशों में निर्यात की है ! #google पर #Indian_Cow_in_Brazil सर्च कर सकते हैं
उन लोगों ने हृदय से इन #गौवंश (सांडो सहित) की सेवा कर आज औसत में एक गाय से दिनभर में करीब 40 लीटर दूध पाने की शानदार स्थिति बना ली !
अब सुनिए दूसरी बात :-
ब्राजील इन भारतीय देसी गायों के दूध से पाउडर बना कर #ऑस्ट्रेलिया, #ड़ेनमार्क को निर्यात करता है ! जबकि डैनमार्क जैसे देश में आदमी से अधिक वहाँ उनके देश की गाय हैं लेकिन वो अपनी गायों का दूध नहीं पीते ! वहाँ #milk_is_white_poison वाली बात प्रचलित है ! वहां ब्राजील से आने वाला भारतीय नस्ल की गायों का दूध,और दूध पाउडर का ही उपयोग किया जाता हैं।डेनमार्क में ही नहीं आस्ट्रेलिया और आस पास के देशों में भी ब्राजील से आने वाले भारतीय नस्ल की गायों के दूध का उपयोग किया जाता है,
और तो और ऑस्ट्रेलिया, डैनमार्क आदि देश अपनी #जर्सी_होलस्टीन_युवान (जिन्हें हम गाय कहते नहीं थकते) के दूध से पाउडर निकाल कर हमारे देश भारत को भेजता है और हम बड़े शौक से इस #जहर का उपयोग करते हैं जबकि इस पाउडर को ऑस्ट्रेलिया में उपयोग में लाने पर कड़ा #प्रतिबन्ध है | वे सिर्फ ब्राजील के दूध पाउडर को ही उपयोग में लाते हैं !
क्यों ?
क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, डैनमार्क आदि देशो की #जर्सी_गायों के दूध से #डायबिटीज़, #कैंसर जैसी भयंकर बीमारी फैलती है ! जबकि ब्राजील से आने वाला भारतीय गायो का दूध इन बीमारियों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आज हमारा भारत डायबिटीज़ व कैंसर की बीमारी की विश्व राजधानी बनता जा रहा है ! भारत की प्रत्येक डेयरी में हुए सम्पूर्ण दूध में से फैट निकालकर और उसमे इस आयातित दूषित ऑस्ट्रेलियन, ड़ेनमार्क का दूध पाउडर मिलाकर प्रोसेस किया जहर थैलियों के माध्यम से हमारी रसोई तक पहुंचाया जाता है !
ये कैसा दुष्चक्र है !!!!
भारत की देसी गाय ब्राजील में । वहाँ से दूध और दूध का पाउडर आस्ट्रेलिया और डेनमार्क में।
ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क का दूषित दूध पाउडर भारत में और फिर होता है दवाइयों का आयात।।
https://www.facebook.com/100001320475689/posts/3092964780757507/
ब्राजील देश ने हमारी #देशी_गायों का आयात कर अब तक 65 लाख गायों की संख्या कर ली है और इससे भी दोगुनी भारतीय देसी नस्ल की गायें उन लोंगो ने दूसरे देशों में निर्यात की है ! #google पर #Indian_Cow_in_Brazil सर्च कर सकते हैं
उन लोगों ने हृदय से इन #गौवंश (सांडो सहित) की सेवा कर आज औसत में एक गाय से दिनभर में करीब 40 लीटर दूध पाने की शानदार स्थिति बना ली !
अब सुनिए दूसरी बात :-
ब्राजील इन भारतीय देसी गायों के दूध से पाउडर बना कर #ऑस्ट्रेलिया, #ड़ेनमार्क को निर्यात करता है ! जबकि डैनमार्क जैसे देश में आदमी से अधिक वहाँ उनके देश की गाय हैं लेकिन वो अपनी गायों का दूध नहीं पीते ! वहाँ #milk_is_white_poison वाली बात प्रचलित है ! वहां ब्राजील से आने वाला भारतीय नस्ल की गायों का दूध,और दूध पाउडर का ही उपयोग किया जाता हैं।डेनमार्क में ही नहीं आस्ट्रेलिया और आस पास के देशों में भी ब्राजील से आने वाले भारतीय नस्ल की गायों के दूध का उपयोग किया जाता है,
और तो और ऑस्ट्रेलिया, डैनमार्क आदि देश अपनी #जर्सी_होलस्टीन_युवान (जिन्हें हम गाय कहते नहीं थकते) के दूध से पाउडर निकाल कर हमारे देश भारत को भेजता है और हम बड़े शौक से इस #जहर का उपयोग करते हैं जबकि इस पाउडर को ऑस्ट्रेलिया में उपयोग में लाने पर कड़ा #प्रतिबन्ध है | वे सिर्फ ब्राजील के दूध पाउडर को ही उपयोग में लाते हैं !
क्यों ?
क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, डैनमार्क आदि देशो की #जर्सी_गायों के दूध से #डायबिटीज़, #कैंसर जैसी भयंकर बीमारी फैलती है ! जबकि ब्राजील से आने वाला भारतीय गायो का दूध इन बीमारियों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आज हमारा भारत डायबिटीज़ व कैंसर की बीमारी की विश्व राजधानी बनता जा रहा है ! भारत की प्रत्येक डेयरी में हुए सम्पूर्ण दूध में से फैट निकालकर और उसमे इस आयातित दूषित ऑस्ट्रेलियन, ड़ेनमार्क का दूध पाउडर मिलाकर प्रोसेस किया जहर थैलियों के माध्यम से हमारी रसोई तक पहुंचाया जाता है !
ये कैसा दुष्चक्र है !!!!
भारत की देसी गाय ब्राजील में । वहाँ से दूध और दूध का पाउडर आस्ट्रेलिया और डेनमार्क में।
ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क का दूषित दूध पाउडर भारत में और फिर होता है दवाइयों का आयात।।
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