Sunday, July 26, 2020

अधर्मी के साथ अधर्म करना

यदि अर्जुन, निहत्थे कर्ण पर बाण नही चलाता तो कर्ण का मरना असंभव था...! कर्ण का कवच भी मांग लिया गया !
गदा युद्ध मे नियमों के विरुद्ध भीम जंघा पर वार नही करता तो दुर्योधन का मरना असंभव था...!

रणभूमि मे गंगापुत्र भीष्म के सामने शिखंडी को ढाल नही बनाया जाता तो भीष्म का मरना असंभव था....!

"अश्वथामा मारा गया" कहते वक्त शंखनाद करके युद्धिष्ठिर के वचन को दबाया नही गया होता तो द्रोणाचार्य का वध नही होता....

यदि  वासुदेव के कहने पर सूर्यदेव समय से पहले सूर्यास्त का नाटक नही करते तो जयद्रथ नही मरता....!

अधर्मी के साथ अधर्म करना , छल करना,कपटपूर्ण व्यवहार करना सब नीतिसंगत है...!

यही धर्मयुद्ध है, धर्म की जीत हुई है.........!!! ❤️❤️
जय श्री कृष्ण 🙏

पांच प्रकार की कपिला गाय

*शास्त्र के अनुसार गौमाता की **नाम और उसकी महिमा*  सूर्य के सात किरण है ।उन सभी किरणों के रंग की पता आसमान में कभी-कभी दिखाई देने  वाला इंद्रधनुष के रंग से पता चलता है। क्योंकि इंद्रधनुष का रंग सूर्य से निकलने वाले 7  किरणों के रंग पर ही आधारित रहता है।
उसी तरह इस संसार में जितने प्राणी है। उन सभी प्राणियों में गाय ही एकमात्र ऐसी प्राणी है। जिसका सूर्यकेतु नाड़ी के माध्यम से सीधा संबंध सूर्य से होने के कारण वह भी सात रंग की होती है।
बाकी मानव सहित अन्य सभी जितनी प्राणी इस संसार में है वह सभी दो रंग या तीन रंग के ही होते हैं।
 गाय के वह सात रंग इस  प्रकार है :-
(१) कुछ गाय ताम्र यानी लाल अर्थात स्वर्णिम रंग की होती है।(२) कुछ गाय काली रंग की होती है।
(३) कुछ गाय श्यामा रंग की होती है।
(४) कुछ गाय नीलवर्ण की होती है ।
५)कुछ गाय सफेद रंग की होती है।
(६) कुछ गाय आपस में मिलाजुला दो रंग की होती है । जैसे :-काला और सफेद का धब्बा या सफेद पर लाल रंग की धब्बा वाली गाय।
 इस तरह  से सात वर्ण की गाय इस धरती पर पाई जाती है ।

इन सभी रंगों के गायकी शास्त्र अनुसार अपना अलग अलग महत्व होता है ।
उसी तरह  इन सभी गायों में कपिला रंग की गायों का विशेष महत्व होता है।
 कपिला का अर्थ है :-
वह गाय जिस के समस्त शरीर के साथ उसके सींग, उसके ओट, उसके आंख, उसके पूछ का बाल तथा उसके पांव के नाखून यानी  खुर  यह सभी अंग एक ही रंग का हो ।
उसी तरह  से पांच रंगो के आधार पर पांच प्रकार के कपिला गाय की वर्णन शास्त्र में आता है। (१)सफेद कपिला:- जिसका ऊपर वर्णित शरीर के सभी अंग  उसके सिंह ,आंख, स्थान, पूछ के बाल तथा पांव के नाखून यानी खुर  यह सभी अंग सफेद रंग का हो  वही सफेद कपिला गाय कहती हैं (२)उसी तरह  से जिस गाय के सभी अंग काला हो वह कालावर्ण कपिला गाय कहलाती है ।(३)उसी तरह  से जिस गाय के सभी अंग श्यामवर्ण का हो वही श्याम कपिला गाय कहलाती है उसी में जिस गाय के मस्तक पर चक्र या मोरपंख का चिन्ह रोम कूप में अंकित हो वही कृष्ण कपिला  गाय कहलाती है।(४) उसी तरह से जिस गाय का सभी अंग नीलवर्ण का हो वह नीलवर्ण कपिला गाय कहलाती है।(५) उसी तरह से जो गाय लाल  यानी ताम्र  अर्थात स्वर्णिम कलर का हो वह स्वर्ण कपिला गाय कहलाती है।
 उसी तरह भगवान श्री कृष्ण ने कहा :- हे पार्थ समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से जो मात्री सरूपा 5 गाय उत्पन्न हुई है उसके नाम इसप्रकार है । (१)नंदा:- अर्थात( आनंद देने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो  जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो और वह अपने स्थान के पांच छीमरा से दूध देती हो अर्थात  उस के स्थान मैं पांच छीमरा हो वही नंदा गाय कहलाती है।(२) सुभद्रा:- अर्थात (कल्याण करने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो जिसके दोनों सिंह नीचे की ओर लटका हुआ और हिलता हो वही सुभद्रा गाय कहलाती ।(३) सुरभी:- अर्थात (सभी मनोकामना पूर्ण करने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो और जिसके मस्तक पर सूर्य और चांद के चिन्ह अंकित हो   वही सुरभि गाय कहलाती है। (४)सुशीला:- अर्थात( दिव्य शक्ति प्रदान करने वाली) यानी जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर  सुगंध निकलता हो और दिन में चाहे जितनी बार दूध देती हो वही सुशीला गाय कहलाती है। (५)बहुला:-( सभी  कष्टों को दूर करने वाली) यानी  जो गाय कपिला गाय के समान हो जिसके शरीर से गूगल के समान सुंदर सुगंध निकलता हो और उसके पूछ भूमि से स्पर्श करता हो वही बहुला गाय कहलाती है। संतोष सुभाष महराजमो०-9926363485

पैर की मोच और छोटी सोच

पैर की मोच और छोटी सोच
हमें आगे बढ़ने नहीं देती,

टूटी कलम और औरों से जलन
खुद का भाग्य लिखने नहीं देती,

काम का आलस और पैसों का लालच
हमें महान बनने नहीं देता,

#गौमाता_राष्ट्रीयमाता
#गौहत्या_बंद_करो_सरकार

In Japan God Ganesha is Known as 'Kangiten' or 'Vinayakaten'.

Did you know... Friends ?
In Japan God Ganesha is Known as 'Kangiten' or 'Vinayakaten'.

‪Ganesha has been worshiped in Japan for 1000s of years & he was the family deity of Emperors of Northern court.‬

‪This Vigraha was installed as the presiding deity of Unryuin Temple in 1372 CE by Japanese Emperor Gokogon.

As per Hindu scriptures Long Ganesha resides in Cowdung (गौमय गणेश, गोबर गणेश)

गायें, ब्राह्मण, वेद, सती स्त्री, सत्यवादी, लोभरहित और दानशील संत-महापुरुष


गायें, ब्राह्मण, वेद, सती स्त्री, सत्यवादी, लोभरहित और दानशील संत-महापुरुष
*🌞🚩सनातन सारथी🚩🌞*
*12/07/2020*
🚩🌞सनातन सारथी🌞🚩
धर्म का प्रचार प्रसार

*स्कन्द पुराण में कहा गया है👇👇*
*_गोभिर्विप्रैश्च_वेदैश्च_सतीभिः_सत्यवादिभिः_*
*_अलुब्धैर्दानशीलैश्च_सप्तभि_धार्यते_मही_*
*गायें, ब्राह्मण, वेद, सती स्त्री, सत्यवादी, लोभरहित और दानशील संत-महापुरुष—इन सातों के द्वारा यह पृथ्वी धारण की जाती है अर्थात् इन पर पृथ्वी टिकी हुई है*
*इस देश में--*
*1.नित्य 35000 गाय कत्लखानों में कटती है। गौमाता केवल बछिया को जन्म दे ~ ऐसी व्यवस्था की जा रही हैं , गोधन , नंदी वर्षभ जिस पर गौमाता निर्भर हैं , उसे खत्म किया जा रहा है , गौमाता की देशीनस्लें खत्म करके विदेशी वर्णसंकर गायों को बढ़ावा दिया जा रहा है*
*2.ब्राह्मणत्व की रक्षा 
*3. वर्तमान में सारा विकास वेद विरुद्ध है।वेदों को अपने कथित विकास में रोड़ा समझा जा रहा है। कतिथ समाज-सुधारकों ने वेदों की ऋचाओं का ऐसे कुअर्थ किये हैं जिनकी आज्ञा स्वयँ वेद नहीं देते*
*4.कोई भी सती स्त्री पतिव्रता ना रहे इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने ही धारा 498 को निरस्त करके व्यभिचार को मान्यता दे दी है।प्रचार तंत्र , मीडिया तंत्र के द्वारा स्त्रियों को भोग की वस्तु बना दिया गया है । और खान-पान , वातावरण भी ऐसा ही है , फिर कहाँ से कोई स्त्री पातिव्रता रहेगी ।*
*5.कोई भी सत्यवादी न रहें ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया गया है।शिक्षा,रक्षा,न्याय,स्वास्थ्य सबमें झूठ का ही बोल बाला है। आज की सारी की सारी व्यवस्थाएं जिनमे बाहरी आकर्षण दिखता हैं अंदर से पूरी तरह खोखली और झूठी हैं । आज हर मंत्री,व्यापारी, नेता,मीडिया बेहिसाब झुठ बोलते हैं ।*
*6.प्रत्येक मनुष्य को ऐसी शिक्षा ही दी जा रही है ताकि वो अर्थ और कामका ही किंकर(दास) बन कर रह जाए,लोभ उनके चित्तों में सवार है।विश्व सत्ता के इशारे पर आज हर मनुष्य लोभी बन चुका है ~ जोकि पाप की जड़ है*
*7.दानशील सन्त महापुरुष तो मिलने ही दुर्लभ है वर्तमान में क्योंकि अधिकांश में सभी अपनी पेटियां भरने में ही लगे है*
*दानशील तो छोड़ो आज* *कालनेमियो को ही समाज ने* *संत , महापुरुष या साक्षात* *भगवान ही मान लिया है*
*अरे मूर्खों! पृथ्वी के इन स्तम्भों को ही नष्ट कर दोगे तो पृथ्वी पर जीवन किस प्रकार धारण कर सकोगे*
*जय श्री राम*
*चलते रहिये🏃‍♂🏃‍♂🏃‍♂।,नमस्कार...✍”॥*
                              🚩
           ▁▂▄▅▆▇██▇▆▅▄▂▁
                     *सनातन सारथी*

HOW TO IMPROVE CHANTING ?

HOW TO IMPROVE CHANTING ?

1. Keep the cell phone away during the japa. (the world will not drown)

2. PAUSE after the first line and second line of Hare Krishna maha mantra so that the Hare doesn't overlap.

3. Focus on proper PRONUNCIATION. (Don't eat words in between)

4. Focus on 5 / 10 mantras at a time.

5.  LISTEN to the holy name.

6. VARY the intensity of chanting (before mind takes you away, you take away the mind)

7. Fake it till you make it. Act enthusiastically. STRUGGLE for Krishna

8. DON'T BE LAZY (Remember DEATH - Today is my last round)

9. Krishna is listening to you. Krishna is dancing on the tongue on the chanter.

10. Chant with PRAYERFUL MOOD (Please pick me up from this ocean of death and place me as one of the atoms at Your lotus feet; please don't let me fall into the material world's trap)

11. PPP - Posture Position Pace

12. Ideal time to chant is Brahma mahurata - early morning time- (sleep early - get up early)

13.  READ the Hare Krishna mantra to gain more attention

14.  You can use Srila Prabhupad's japa🙏🏻

#SriPadmanabhaswamy Temple. Judgement

1. A few preliminary points on the #SriPadmanabhaswamyTemple judgement - Details of parties and counsels are spelt out in Para 38. The summaries of submissions of pro-Temple counsels are captured in Paragraphs 39-42, and of counsels on the Opposite Side in Paragraphs 43-45.

https://twitter.com/jsaideepak/status/1282666296920825857?s=19

Padmanabha Swami temple judgement



गोचर भूमि का गाय के लिए सदुपयोग करे सरकार


असली गौभक्त इसी गाँव के लोग है पूरे देश मे 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ गोचर भूमि (चारागाह) की ज़मीन इसका 2 गुना ज़मीन पंचायती भी है। अगर इन दोनों ज़मीनों पर सभी गाँव के लोग घास उगा दे और फलदार पेड़ लगा दे। तो पूरे देश का कुपोषण खत्म हो जायेगा। ये काम सरकार भी सरकारी ज़मीनों पर जंगलो में फलदार पेड़ लगाकर औए घास उगाकर जंगल के अंदर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों दोनों जानवरो को बचा सकती है। लेकिन न ये काम सरकार करेगी न गाँव वाले करेगे। महँगा चारा होने का रोना रो लेगे  और भूखमरी बेरोजगारी और कुपोषण का रोना रो लेंगे। किसी भी जानवर को फ़सल खाने पर डंडे से पीटते हैं फसल बचाने के लिये बिजली के तारो से घेराव करते है। कितनी बार खुद भी मर जाते है। कितनी बार जानवर मर जाते हैं । लेकिन जानवर कैसे जिंदा बचे इस दिशा में कोई प्रयास नही करते है। कुछ समझदार लोग गौशाला बनाते है गाय बचाने के लिये लेकिन गाय फिर सड़क पर कम नही होती।  क्योंकि जितनी गाय गौशाला में होती है उसका कई गुना हर साल नया पैदा हो जाती है। इसलिए दिन प्रतिदिन गौशालाओं की संख्या बढ़ने का सिलसिला जारी है।  लेकिन गौवंश के पालन की समस्या जस की तस बनी हुई है। कई जगह सरकार खुद गौशाला बना दे रही है
 लेकिन उनकी सही से देखभाल न होने बजह से  लाखों गौवंश गौशाला में ऐसे ही मर जाते है। क्योंकि इन गौशालाओं में जगह कम है और गौवंश ज्यादा है। इस दशा में कुछ गौवंश तो चारा खा लेते है और कुछ कमजोर होने की बजह चारा खा ही नही पाते। इसके कारण गौवंश की सेवा के नाम पर सिर्फ नूराकुश्ती हो रही है। गाय सहित सभी  जीव बचेंगे चारागाह और जंगल से। लेकिन न जनता ही इस पर ध्यान दे रही  न ही सरकार। अब तो भगवान ही आकर गौवंश  को भूखा मरने से बचा सकते है।

 #देशी_आंदोलन
देशी अपनाओ देश बचाओ
जयहिंद

गोमय युक्त राखियां

#राखी_गमले_में_डालें_पेढ_उगाएं #गौमय_युक्त
     7 #औषधि_वाली_वैदिक_इम्युनिटी_बूस्टर_राखी
*राखियां घर बैठे मंगाए वाह्टस्प करें ~8755560666 Starting From Only 20Rs*

*इस साइट पर 70% तक ऑफ है स्वदेशी राखियां*
*Or Purchase from our site:*
www.originalbucket.com
www.prana24x7.in

*इन राखियों की शुद्धतम कमाई गौशाला हेतु उपयोग की जायेगी।। और जिन जरुरतमंद बच्चों ने राखियां बनाई है उन्हें भी बल मिलेगा।।*

इस रक्षाबंधन अपने *भाई की कलाई* पर राखी नहीं *पेड़ बांधे।।*
         जी हां एक *ऐसी राखी* जिसे आप फेंके नहीं *गमले में डालें* और आप देखेंगे *गमला* तुलसी गेंदा भिंडी टमाटर आदि *पौधों से भर जायेगा।।*

*आप ही हमारी शक्ति है सोशल मीडिया आर्मी*
*कृपया* आप हमारे इस *मैसेज को सभी तक पहुंचाएं* क्योंकि हमारा *प्रोमोशन *बाॅलीवुड नही करेगा।।*

*वैदिक* राखी क्या है.. *?*
                 जो राखी *7 जड़ी-बूटियों* से मिलकर बनी है
वैदिक राखी 🙏🏻🙏🏻
1- केसर
2-हल्दी
3-रोली
4-दूर्वा (घास)
5-चावल
6-चन्दन
7-तुलसी जी

और उसका *स्पर्श* हमारी कलाई की *नब्ज* पर बना रहे जिससे *भाई का आयु बल बुद्धि बढ़े और बहन की रक्षा कर सकें।।*

*आपको आज समझ आया होगा एक धागा भाई की आयु कैसे बढ़ाता है और भाई बहन की रक्षा कैसे कर पाता है।।*

*आजकल* लोग अपनी *साइंटिफिक संस्कृति को भूल* छोटाभीम, शिनचैन आदि *प्लास्टिक चायना की राखी* को बांधकर अपना स्टेटस सिंबल समझते है
             इसलिए हमने अपनी साइंटिफिक *संस्कृति को दोबारा जागृत* करने के लिए
         कुछ *बीजों और 7 जड़ी-बूटियों को मिलाकर* एक हैंडमेड इको-फ्रेंडली *राखी बनाई* है

👉🏻 जिससे हम *आत्मनिर्भर भारत सर्वसमर्थ भारत* की तरफ बढ़ सकें
👉🏻 भारत को फिर से *हरा भरा* कर सकें।।
👉🏻 भारत की खोई *संस्कृति को पुनः स्थापित* कर सकें
👉🏻 जड़ी-बूटी के देश को *फिर सें स्वस्थ* कर सकें

*इस मैसेज को भारत के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं*
      *सभी वाहट्स्प  फेसबुक ग्रुप पर पोस्ट कर जागृति लाएं*

*अधिक मात्रा में राखियां लेने के लिय संपर्क करें*
*9717131212, 7037101888*

https://www.facebook.com/Prana24X7/

https://www.facebook.com/groups/894463567275803/permalink/3032322506823221/

पेड़ लगाए -स्कन्द पुराण

स्कन्द पुराण में एक अद्भुत श्लोक है:

अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्
न्यग्रोधमेकम्  दश चिञ्चिणीकान् ।

कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च
पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।।

अश्वत्थः = पीपल
पिचुमन्दः = नीम
न्यग्रोधः = वट वृक्ष
चिञ्चिणी = इमली
कपित्थः =Wood apple
बिल्वः = बेल
आमलकः = आंवला
आम्रः = आम
उप्ति = पेड़/पौधे लगाना

जो भी इन सारे वृक्षों का वृक्षारोपण करता है उसे कभी भी नर्क का दर्शन नहीं होता है। अर्थात उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि एक पेड़ बरसात मैं  अवश्य लगाएं

Tree plantation

2 रुपये/किलो गोबर खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार

2 रुपये/किलो गोबर खरीदेगी भूपेश सरकार, कैबिनेट बैठक में फैसला

जी मीडिया ब्‍यूरो Tue, 14 Jul 2020-7:02 pm

छत्तीसगढ़ सरकार की आज कैबिनेट बैठक हुई. इस दौरान गोधन न्याय योजना को हरी झंडी दिखाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी दिखाई गई.

रायपुर :  छत्तीसगढ़ सरकार की आज कैबिनेट बैठक हुई. इस दौरान गोधन न्याय योजना को हरी झंडी दिखाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण योजनाओं को हरी झंडी दिखाई गई. बैठक में फैसला लिया गया कि गाय और भैंस पशुपालकों से परिवहन व्यय के साथ सरकार 2 रुपये प्रति किलो गोबर खरीदेगी.


मंत्रिमंडलीय उप समिति ने 1.50 रुपये प्रति किलो का प्रस्ताव दिया था, गोबर से उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर किसानों को 8 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाएगा.


गोधन न्याय योजना
राज्य के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के स्वीकृत गोठानों को रोजगारों बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाएगा. प्रदेश में हरेली पर्व से इस योजना की शुरूआत होगी. प्रदेश में अब तक 5300 गोठान स्वीकृत किए जा चुकें है.


https://zeenews.india.com/hindi/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/bhupesh-government-will-buy-2-rupees-per-cow-dung-from-cattle-ranchers/711353

ब्राजील में देशी गाय

एक शोधपूर्ण सच्चाई #ब्राजील की !!

ब्राजील देश ने हमारी #देशी_गायों का आयात कर अब तक 65 लाख गायों की संख्या कर ली है और इससे भी दोगुनी भारतीय देसी नस्ल की गायें उन लोंगो ने दूसरे देशों में निर्यात की है ! #google पर #Indian_Cow_in_Brazil सर्च कर सकते हैं

उन लोगों ने हृदय से इन #गौवंश (सांडो सहित) की सेवा कर आज औसत में एक गाय से दिनभर में करीब 40 लीटर दूध पाने की शानदार स्थिति बना ली !

अब सुनिए दूसरी बात :-

ब्राजील इन भारतीय देसी गायों के दूध से पाउडर बना कर #ऑस्ट्रेलिया, #ड़ेनमार्क को निर्यात करता है ! जबकि डैनमार्क जैसे देश में आदमी से अधिक वहाँ उनके देश की गाय हैं लेकिन वो अपनी गायों का दूध नहीं पीते ! वहाँ #milk_is_white_poison वाली बात प्रचलित है ! वहां ब्राजील से आने वाला भारतीय नस्ल की गायों का दूध,और दूध पाउडर का ही उपयोग किया जाता हैं।डेनमार्क में ही नहीं आस्ट्रेलिया और आस पास के देशों में भी ब्राजील से आने वाले भारतीय नस्ल की गायों के दूध का उपयोग किया जाता है,

और तो और ऑस्ट्रेलिया, डैनमार्क आदि देश अपनी #जर्सी_होलस्टीन_युवान (जिन्हें हम गाय कहते नहीं थकते) के दूध से पाउडर निकाल कर हमारे देश भारत को भेजता है और हम बड़े शौक से इस #जहर का उपयोग करते हैं जबकि इस पाउडर को  ऑस्ट्रेलिया में उपयोग में लाने पर कड़ा #प्रतिबन्ध है | वे सिर्फ ब्राजील के दूध पाउडर को ही उपयोग में लाते हैं !

क्यों ?

क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, डैनमार्क आदि देशो की #जर्सी_गायों के दूध से #डायबिटीज़, #कैंसर जैसी भयंकर बीमारी फैलती है ! जबकि ब्राजील से आने वाला भारतीय गायो का दूध इन बीमारियों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आज हमारा भारत डायबिटीज़ व कैंसर की बीमारी की विश्व राजधानी बनता जा रहा है ! भारत की प्रत्येक डेयरी में हुए सम्पूर्ण दूध में से फैट निकालकर और उसमे इस आयातित दूषित ऑस्ट्रेलियन, ड़ेनमार्क का दूध पाउडर मिलाकर प्रोसेस किया जहर थैलियों के माध्यम से हमारी रसोई तक पहुंचाया जाता है !

ये कैसा दुष्चक्र है !!!!

भारत की देसी गाय ब्राजील में । वहाँ से दूध और दूध का पाउडर आस्ट्रेलिया और डेनमार्क में।

ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क का दूषित दूध पाउडर भारत में और फिर होता है दवाइयों का आयात।।

https://www.facebook.com/100001320475689/posts/3092964780757507/

गौ भस्म का चमत्कार

*गौ भस्म का चमत्कार* 

 गोबर और #गौ_मूत्र पर आपने अनेक लेख पढ़े  होंगें लेकिन अगर आप #गौ_भस्म को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ-भस्म ( राख ) आपके लिए कितनी उपयोगी है।*
*साधू -संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे।*
*जब गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी यह आप सोच सकते है।*

*आपको एक लीटर पानी में 10-15 ग्राम  यानि 3-4 चम्मच भस्म मिलाना है , उसके बाद भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये फिर इसे पी लेना है।* 
*इससे सारे पानी की अशुद्धि दूर हो जाएगी और आपको मिलेगा इतने पोषक तत्व।*
*यह लैबोटरी द्वारा प्रमाणित है।*
#तत्व_रूप / #ELEMENT_FORM
१. ऑक्सीजन  O = 46.6 %
२. सिलिकॉन  SI  = 30.12 %
३. कैल्शियम Ca = 7.71 %
४. मैग्नीशियम Mg = 2.63 %
५.  पोटैशियम K = 2.61 %
६. क्लोरीन CL = 2.43 %
७. एल्युमीनियम Al  = 2.11 %
८. फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
९. लोहा Fe = 1.46 %
१०. सल्फर S =1.46 %
११. सोडियम Na = 1 %
१२. टाइटेनियम Ti = 0.19 %
१३. मैग्नीज Mn =0.13 %
१४. बेरियम Ba = 0.06 %
१५. जस्ता Zn = 0.03 %
१६. स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 %
१७. लेड Pb = 0.02 %
१८. तांबा Cu = 80 PPM
१९. वेनेडियम V=72 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. ज़िरकोनियम Zr 38 PPM
 *आक्साइड_रूप* :-
१. सिलिकाँन डाइऑक्साइड -
              SIO2 = 64.44%
२. कैल्शियम ऑक्साइड
            CaO =10.79 %
३. मैग्नीशियम ऑक्साइड
       MgO = 4-37 %
४. एल्युमीनियम ऑक्साइड
        AI2O3 = 3.99%
५. फास्फोरस पेंटाक्साइड
        P2O5 = 3.93%
६. पोटेशियम ऑक्साइड
       K2O = 3.14 %
७. सल्फर ऑक्साइड
       SO3 = 2.79%
८. क्लोरीन  CL=2.43 %
९.  आयरन ऑक्साइड
      Fe2O3=2.09%
१०. सोडियम ऑक्साइड
       Na2O = 1.35 %
११.  टाइटेनियम ऑक्साइड
        TiO2 = 0.32%
१२. मैंगनीज ऑक्साइड
      MnO = 0.17 %
१३.  बेरियम ऑक्साइड
        BaO = 0.07 %
१४.  जिंक ऑक्साइड 
       ZnO = 0.03%
१५.  स्ट्रोंटियम ऑक्साइड
        SrO = 0.03%
१६. लेड ऑक्साइड
      PbO = 0.02%
१७. वेनेडियम ऑक्साइड
      V2O5 = 0.01 %
१८. कॉपर ऑक्साइड
       CuO = 0.01%
१९. जिरकोनियम ऑक्साइड
         ZrO2 =52 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१.  रुबिडियम ऑक्साइड
      Rb2O = 32 PPM
     शायद आपको मेरी बात समझ में आ चुकी होगी कि शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह गोबर की भस्म कितनी उपयोगी है।
  इसको बनाने का तरीका है यह प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के बाद देशी गाय के गोबर बिना जमीन पर स्पर्श किये किसी कुचालक टोकरी ( प्लास्टिक को छोड़कर ) सूर्योदय से  पूर्व गाय के नीचे से लेना होता है। इसके बाद इसे किसी और सुचालक बांस की टोकरी या घास की टोकरी से दबाकर पतला  करके तीन घंटे के लिए छोड़ दें जब इसका रस सूख जाए। तो इसके सूखे उपले को घी की बत्ती से जलाकर भस्म बनायीं जाती है।

हिंदू कौन है?

अब प्रश्न है कि हिंदू कौन है? हिन्दू का क्या अर्थ है? तो इसका उत्तर है- "हीनम नाशयति इति हिन्दू।" जो आपको सीमित करता है, बाँधता है, हीनता का बोध देता है, उससे मुक्त होना है। हिंदू होने का अर्थ ही है कि आपने अपनी हीनताओं को विनष्ट कर दिया है, आप अमृत के पुत्र हो गए हैं-  अमृतस्य पुत्र: !

हाँ, इसके अलावा आर्य (श्रेष्ठ) का प्रयोग होता था जो हिन्दू के अर्थ का ही पर्यायवाची है। एक अन्य शब्द 'सनातनी' का भी प्रयोग होता रहा जिसका अर्थ भी वही है- जो सदा रहे, हीन न हो, नष्ट न हो।

बृहस्पति आगम में तो हिंदुस्तान की परिभाषा तक दी गई है जिसे उन मार्क्सवादी इतिहासकारों को अवश्य पढ़ना चाहिए जो इसे अरबों की देन बताते रहे-  "हिमालयात् समारंभ्य भावत् इन्दु सरोवरम् । तद्देव निर्मितम् देशम् हिंदुस्तानम् प्रचक्षते।।"- इसका अर्थ है- हिमालय से प्रारंभ होकर इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक यह देव-निर्मित देश हिन्दुस्थान कहलाता है। यह एक बड़ा प्रमाण है।

बृहस्पति आगम के एक श्लोक में वर्णित है:-
ॐकार मूलमंत्राढ्य: पुनर्जन्म दृढ़ाशय: 
गोभक्तो भारतगुरु: हिन्दुर्हिंसनदूषक:।
हिंसया दूयते चित्तं तेन हिन्दुरितीरित:।

इसका अर्थ भी हर हिन्दू को समझना चाहिए- 'ॐकार' जिसका मूल मंत्र है, पुनर्जन्म में जिसकी दृढ़ आस्था है, जो गौभक्त है, भारत ने जिसका प्रवर्तन किया है तथा हिंसा की जो निंदा करता है, वह हिन्दू है। यह है हिन्दू धर्म जो हिंसा में विश्वास नहीं रखता। यह अलग बात है जिन अरबी-फ़ारसी लुटेरों ने हमें लूटा उन्होंने ही हिन्दू का विकृत अर्थ अपने शब्दकोशों में दिया।

गाय पर प्रश्नावली

*प्रश्नावली* ५० प्रश्नों की
१) क्या हम और हमारे बच्चे *गौभक्त हैं?*
२) क्या हम और हमारे बच्चे  *गौमाता की पूजा करते हैं?*
३) क्या हम और हमारे बच्चे *गौरक्षा चाहते हैं?*
४) क्या हम और हमारे बच्चों को पता है कि बंगाल में *बकरीद पर गौवंश की कुर्बानी के नाम पर हमारी अति पूज्यनीय गोमाता की निर्मम हत्या होती है?*
५) क्या हम और हमारे बच्चों को पता है कि *सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 16-11-94 के अनुसार बकरीद पर गौमाता की हत्या (कुर्बानी) कानूनन जुर्म है*?
६) क्या हम और हमारे बच्चे *इस गैरकानूनी काम को रोकने के लिए कुछ नेताओं और अधिकारियों को पत्र लिख सकते हैं?*
७) क्या हम और हमारे बच्चों को पता है कि संविधान का निर्देश है कि *दूध देने और भार ढोने वाले पशुओं की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है*?
८) क्या हम और हमारी संतान को पता है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार *गौवंश अंतिम सांस तक बेकार नहीं होता क्योंकि वह गोबर, गौमूत्र देता है जो सर्वोत्तम और उच्च श्रेणी की खेती के द्वारा रसायन मुक्त और रोग प्रतिरोधक अन्न उपजाने में काम आता है?*
९) क्या हम और हमारी संतान को पता है कि *भारत से १ किलो गोमांस भी निर्यात नहीं हो सकता है क्योंकि यह गैरकानूनी है*?
१०) क्या हम और हमारी संतान को पता है कि *भारत से लाखों टन बीफ निर्यात होता है*?
११) क्या हम और हमारी संतान को पता है कि *भैंस के मांस के नाम से गोमांस का निर्यात हो रहा है*?
१२) क्या हम और हमारी संतान को पता है कि *बड़ी संख्या में गौ माताओं की तस्करी बंग्लादेश को हो रही है*?
१३) क्या हम और हमारी संतान *गोव्रती बन कर गौरक्षा के साथ साथ अपने आयु आरोग्य की भी रक्षा कर सकते हैं।*
१४) क्या *अधिकांश सांसद गौरक्षा चाहें तो गोमाता की रक्षा आसानी से हो जायेगी।*
१५) क्या उन सांसदों को वोट देने वाली *अधिकांश जनता गौरक्षा चाहती है*?
१६) क्या भारत में पूर्ण गौरक्षा संभव है?
१७) क्या हमें पता है कि *भारत में 3600 कत्लखाने लाइसेंस लेकर चल रहे हैं?*
१८) क्या किसी *सरकार को कत्लखानों को लाइसेंस देने का अधिकार होना चाहिये*?
१९) क्या सरकार चाहे तो तत्काल सारे लाइसेंस रद्द कर सारे कत्लखाने बंद करवा सकती हैं?
२०) क्या सरकार चाहे तो *गैरकानूनी मांस निर्यात और तस्करी को रोक सकती हैं?*
२१) क्या भारत की *अधिकांश जनता गौरक्षा होने से खुश होगी?*
२२) क्या अपने *"बंगाल में बकरीद पर गौरक्षा कैसे हो" इसका चिंतन + चर्चा* कर सकते हैं?
२३) क्या *बकरीद पर गौरक्षा करने के लिए सेना आये तो गौरक्षा हो सकती है*?
२४) क्या *तुष्टीकरण की राजनीति के कारण गौमाता का भारत में वध हो रहा है*?
२५) क्या *तुष्टिकरण की राजनीति* सारी पार्टियां  करती आ रही हैं?
२६) क्या अपने ही देश *भारतवर्ष में अपनी ही गोमाता को न बचा सकें तो हम आजाद हैं?*
२७) क्या *गौरक्षा बिन स्वतंत्रता अधूरी* नहीं है? और पूर्ण गौरक्षा से ही स्वतंत्रता पूरी होगी।
२८) क्या आजाद होते ही *कलम की नोक से पूर्ण गौरक्षा होनी चाहिये थी*?
२९) जब *अधिकांश जनता गौरक्षा चाहती है,* तो बंगाल में *बड़ी संख्या में गौमाता की हत्या= गौ कुर्बानी क्यों हो रही है*?
३०) क्या *पूर्ण गौरक्षा संविधान, कानून, और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश सम्मत है?*
३१) क्या *गौरक्षा देश हित में है*?
३२) क्या *गोधन के संवर्धन से भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी?*
३३) क्या *1947 में भारत में गोवंश 120 करोड़ और मानव संख्या 30 करोड़ थी* और अब *मानव संख्या 130 करोड़ और गोवंश संख्या 10 करोड़* से भी कम हो गई है और *मानव संख्या निरंतर बढ़ रही है और गौमाता की संख्या निरंतर घट रही है*। फलस्वरूप भारत के भविष्य, यानी *बच्चों को शुद्ध दूध नहीं मिल रहा है*।
३४) क्या 100-200 गोभक्त जी जान से लग जाएं तो *यह संदेश २५ करोड़ भारतीयों तक पहुंचाया जा सकता है?*
३५) क्या इससे जनजागरण/जनक्रांति  होगी?
३६) क्या *भारत की २५ करोड़ जनता जग जाये तो गौरक्षा हो जायेगी*?
३७) क्या गौरक्षा होने का *समय पक गया है*?
३८) क्या इसीलिये *इतनी आत्माएं, इतने सज्जन, इतने सक्रिय* हो गये हैं। नाना प्रकार से *इस संदेश को फैला पुण्यार्जन* कर रहे हैं।
३९) क्या *८०% भारत वासी पूर्ण गौरक्षा चाहते हैं? १००% संत भी १००% गौरक्षा चाहते हैं*।
४०) क्या जनतंत्र में *जो ज्यादा जनता चाहे, वही काम होना चाहिये?* वही काम शासकों को करना चाहिए?
४१) *गाय बची तो मरता कौन?* *गाय मरी तो बचता कौन?* लाला हरदेव सहाय, भारत गोसेवक समाज, दिल्ली ।
४२) क्या आप जानते हैं कि *गाय एक चलता-फिरता औषधालय है।*
४३) क्या आप जानते हैं कि *गाय की परिक्रमा करने से तत्काल आभा मंडल बढ़ जाता है।*
४४) क्या आप जानते हैं कि *गौ के पीठ पर हाथ फेरने से रक्तचाप संतुलित हो जाता है।*
४५) क्या आप जानते हैं कि संत शिरोमणि हनुमान प्रसाद जी पोद्दार ने कहा है कि *गोसेवा से चारों पुरूषार्थ सिद्ध हो जाते हैं*
४६) क्या आप जानते हैं कि *गोबर में माता लक्ष्मी का वास होता है*
४७) क्या आप जानते हैं कि *गौमूत्र में धन्वंतरि रहते हैं।*
४८) *गौमूत्र महौषधि है*, सैकड़ों रोग ठीक कर सकती है।
४९) क्या आप जानते हैं कि *गौ माता के थनों को सागर (समुद्र) की संज्ञा* दी गई है।
५०) गाय के बछड़े बछड़ी को पिलाने के बाद बाकी बचे हुए *दूध को धरती का अमृत* माना गया है।

फिर देरी किस बात की है? हम सब लग जाए अपनी *गोमाता की रक्षा* के लिए, सबको यह संदेश *वॉट्सएप* के द्वारा जन जन तक पहुंचाने के लिए और नेताओं अधिकारीयों को पत्र लिखने के लिए।

*कृपया सभी ग्रुपों में अग्रेषित करें*
अग्रिम धन्यवाद
सुदर्शन ढंढारिया, कलकत्ता, 9433023999
*सर्वोदय विचार परिषद*, कलकत्ता

मदिरा पीने वाले एक बार जरूर सुने

मदिरा पीने वाले एक बार जरूर सुने फिर आगे निर्णय ले -

https://www.facebook.com/rajendradasjiMaharaj/videos/504065470308634/

Jadhav - The Forest Man of India

Jadhav - The Forest Man of India

इन 35 सालो में जाधव ने 1360 एकड़ का जंगल बिना किसी सरकारी मदद के लगा डाला ...... क्या आप भरोसा करेंगे के एक अकेले आदमी के लगाये जंगल में 5 बंगाल टाइगर,100 से ज्यादा हिरन,जंगली सुवर, 150 जंगली हाथियों का झुण्ड , गेंडे और अनेक जंगली पशु घूम रहे हैं,अरे हाँ सांप भी जिससे इस अद्भुत नायक को जन्म दिया।
“ब्रह्मपुत्र” नदी को पूर्वोत्तर का अभिशाप भी कहा जाता है। जब यह आसाम तक पहुँचती है तो अपने साथ लम्बी दूरी से बहा कर लायी हुई मिटटी, रेत औरपहाड़ी पथरीले अवशेष विशाल “द्रव मलबे” के रूप में लाती है, जिससे नदी की गहराई अपेक्षाकृत कम हो चौड़ाई में फैल किनारे के गांवो को प्रभावित करती है। मानसून में इसके चौड़े पाट हर साल पेड़ पौधो, हरियाली और गांवो को अपने संग बहा ले जाते है। ब्रह्मपुत्र नदी का विशालता से फैला हरियाली रहित, बंजर रेतीला तट लगभग रेगिस्तान लगता था।
अब आते हैं हमारे कहानी के नायक “जाधव पियेंग” पर।वर्ष 1979 में जाधव 10 वी परीक्षा देने के बाद अपने गाँव में ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का पानी उतरने पर इसके बरसाती भीगे रेतीले तट पर घूम रहे थे।

तब ही उनकी नजर लगभग 100 मृत सापो के विशाल गुच्छे पर पड़ी। आगे बढ़ते गए तो पूरा नदी का किनारा मरे हुए जीव जन्तुओं से अटा पड़ा एक मरघट सा था। मृत जानवरों के शव के कारण पैर रखने की जगह नही थी।इस दर्दनाक सामूहिक निर्दोष मौत के दृश्य ने जाधव के किशोर मन को झकझोर दिया।
हज़ारो की संख्या में निर्जीव जीव जन्तुओ की निस्तेज फटी मुर्दा आँखों ने जाधव को कई रात सोने न दिया।गाँव के ही एक आदमी ने चर्चा के दौरान विचलित जाधव से कहा जब पेड़ पौधे ही नही उग रहे है तो नदी के रेतीले तटो पर जानवरों को बाढ़ से बचने आश्रय कहाँ मिले? जंगलो के बिना इन्हें
भोजन कैसे मिले?
बात जाधव के मन में पत्थर की लकीर बन गयी कि जानवरों को बचाने पेड़ पौधे लगाने होंगे।

50 बीज और 25 बांस के पेड़ लिए 16 साल का जाधव पहुंच गया नदी के रेतीले किनारे पर रोपने।ये आज से 35 साल पुरानी बात है।उस दिन का दिन था और आज का दिन क्या आप कल्पना कर सकते है कि
इन 35 सालो में जाधव ने 1360 एकड़ का जंगल बिना किसी सरकारी मदद के लगा डाला।

क्या आप भरोसा करेंगे के एक अकेले आदमी के लगाये जंगल में 5 बंगाल टाइगर,100 से ज्यादा हिरन,जंगली सुवर, 150 जंगली हाथियों का झुण्ड , गेंडे और अनेक जंगली पशु घूम रहे हैं,अरे हाँ सांप भी जिससे इस
अद्भुत नायक को जन्म दिया।
जंगलो का क्षेत्रफल बढाने सुबह 9 बजे से पांच किलोमीटर साइकल से जाने के बाद,नदी पार करते और दूसरी तरफ वृक्षारोपण कर फिर सांझ ढले नदी पार कर साइकल 5 किलोमीटर तय कर घर पहुँचते। इनके लगाये पेड़ो में कटहल, गुलमोहर,अन्नानाश, बांस, साल, सागौन, सीताफल, आम,
बरगद, शहतूत, जामुन, आडू और कई औषधीय पौधे हैं।लेकिन सबसे आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि इस असम्भव को सत्य कर दिखाने वाले साधक से महज़ पांच साल पहले तक देश अनजान था।ये लौहपुरुष अपने धुन में अकेला आसाम के जंगलो में साइकल में पौधो से भरा एक थैला लिए
अपने बनाए जंगल में गुमनाम सफर कर रहा था।सबसे पहले वर्ष 2010 में देश की नजर में आये जब वाइल्ड फोटोग्राफर “#जीतू_कलिता” ने इन पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई “The Molai Forest”
यह फिल्म देश के नामी विश्वविद्यालयों में दिखाई गयी। दूसरी फिल्म #आरती_श्रीवास्तव की “#Foresting_Life”
जिसमें जाधव की जिन्दगी के अनछुए पहलुओं और परेशानियों को दिखाया। तीसरी फिल्म “#Forest_Man” जो विदेशी फिल्म महोत्सव में भी काफी सराही गई।
एक अकेला व्यक्ति वन विभाग की मदद के बिना, किसी सरकारी आर्थिक सहायता के बगैर इतने पिछड़े इलाके से कि जिसके पास पहचान पत्र के रूप में
“राशन कार्ड” तक नहीं है ने हज़ारो एकड़ में फैला पूरा जंगल खड़ा कर दिया।जानने वाले सकते में आ गए उनके नाम पर आसाम के इन जंगलो को “मिशिंग जंगल” कहते हैं (जाधव आसाम की मिशिंग जनजाति से हैं)। जीवन यापन करने के लिए इन्होने गाय पाल रखी हैं। शेरों द्वारा आजीविका के साधन उनके
पालतू पशुओं को खा जाने के बाद भी जंगली जानवरों के प्रति इनकी करुणा कम न हुई। शेरों ने मेरा नुकसान किया क्योंकि वो अपनी भूख मिटाने के लिए खेती करना नहीं जानते।

आप जंगल नष्ट करोगे वो आपको नष्ट करेंगे।एक साल पहले महामहिम “राष्ट्रपति” द्वारा देश के चतुर्थ
सर्वोच्च नागरिक सम्मान “पद्मश्री” से अलंकृत होने वाले जाधव आज भी आसाम में बांस के बने एक कमरे के छोटे से कच्चे झोपड़े में अपनी पुरानी में दिनचर्या लीन हैं। तमाम सरकारी प्रयासों, वृक्षारोपण के नाम पर लाखो रुपये के पौधों की खरीदी करके भी ये पर्यावरण, वन-विभाग वो मुकाम हासिल
न कर पाये जो एक अकेले की इच्छाशक्ति ने कर दिखाया। साइकल पर जंगली पगडंडियों में पौधों से भरे झोले और कुदाल के साथ हरी-भरी प्रकृति की अनवरत साधना में ये निस्वार्थ पुजारी।
ढेर सारी शुभकामनायें जाधव जी आपने अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता कहावत गलत साबित कर दी
अब तो हम कहेंगे
“अकेला चना भाड़ फोड़ सकता है“

निवेदन करते हैं पर्यावरण के लिए असीम स्नेह से भीगी इस भारत माँ के लाल के बारे में जानकारी को दूसरों तक भी पहुंचा कर सजग बनाएं।
साभार

गिलोय

*💪स्वस्थ भारत🇮🇳*

      *गिलोय*
*गिलोय एक ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।*

*इसका वानस्पतिक नाम ( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia) है।*
*इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती।*
*इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं ।*

  *रोग प्रतिरोधी क्षमता*

*गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर  बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं।*
 *यह खून को साफ करती है और  बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती है। लीवर और किडनी की  कार्य क्षमता  को बढ़ाती है।*

         *बुखार*

*अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसीलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।*

        *डायबिटीज*

*गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।*

     *पाचन शक्ति*

*यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।*

    *तनाव (स्ट्रेस)*

*प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।*

    *आंखों की रोशनी*

*गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।*

           *अस्थमा*

*मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।*

            *गठिया*

*गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।*

          *एनीमिया*

*भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीड़ित रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।*

     *कान का मैल*

*कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।*

        *पेट की चर्बी*

*गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

        *खूबसूरती*

*गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है।*
*गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा  पा सकते हैं।*

          *घाव*

*अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।*

     *बालों की समस्या*

*अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।*
 *गिलोय का प्रयोग कैसे करें*

      *गिलोय जूस*

*गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।*

           *काढ़ा*

*चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।*

           *पाउडर*

*यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।*

        *गिलोय वटी*

*बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।*

*अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।चीनी के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।*

*🙏साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान🙏*

*वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए।*

 *🙏गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दे।🙏*

            *🙏निवेदन🙏*

*अभी वर्षाऋतु का काल है अपने घर में बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय  वरदान है।

संजय कुमार पतंजलि योगपीठ हरिद्वार उत्तराखंड

Cow Protector Neha Patel ji & Agniveer Team

Cow Protector Neha Patel ji

https://www.facebook.com/632897132/posts/10157106488277133/

Vadodara  : A container carrying 56 cows was going to MH 4m RJ. Based on satish bhai soni info. the Gaurakshaks of Surat, Bardoli, Baroda Dahod, Bhavnagar kept watch at diff. places. At around 10A.M. team spotted vehicle. Butchers starting fleeting. 3 caught. 56 cows rescued.

Aahuti

1 UPI/GPay- agniveerupi@sbi

2 Card/PayTM/Wallets/NEFT
http://janswabhiman.org/help

3 Only Ind (80G tax rebate)
Jan Swabhiman Welfare Society
Savings A/C-000701254577
IFSC-ICIC0000007

4 Outside Ind http://agniveer.com/paypal

Pls mail payment details at agniveeryajna@gmail.com

🙏🏻🙏🏻 જીવદયા ન્યુઝ🙏🏻🙏🏻

  આજ રોજ 19/07/2020 ના બારડોલી ના ગૌ રક્ષક સતિષભાઈ સોની ને બાતમી મળી હતી કે રાજસ્થાન થી એક કન્ટેનર જેનો નંબર HR 38 U 6571 માં ગૌ વંશ  ભરી ને મહારાષ્ટ્ર કતલ ખાને જવાનો છે

   જે માહિતી ના આધારે સુરત, બારડોલી, બરોડા, દાહોદ અને ભાવનગર ના ગૌ રક્ષકો એ અલગ અલગ જગ્યા પર વૉચ રાખી ને બેઠા હતા. સવારે 10વાગ્યા ની આસપાસ બાતમી વાળી ગાડી દેખાતા ગૌ રક્ષકો એ કંટ્રોલ માં જાણ કરી પીછો કરતા નેશનલ હાઇવે પર ગાડી મૂકી કસાઈ ઓ ભાગવા લાગેલા જેમાંથી 3 કસાઈ ઓ પકડાઈ ગયેલા છે અને 1 ફરાર થઈ ગયો હતો.

   કન્ટેનર માં ચેક કરતા ડબલ પાટેશન બનાવીને લઈ જતા ટોટલ # 56 ગૌ વંશ ને  બચાવવા માં આવેલ છે અને પાંજરાપોળ માં મુકવામાં આવેલ છે

બાપોટ પોલીસ સ્ટેશનના પીઆઇ  શ્રી વી પી ચૌહાણ સાહેબ અને પોલીસ સ્ટાફ નો ખુબ સારો સહયોગ મળી આવ્યો હતો.

વડોદરા ક્રાઈમ બ્રાન્ચ ના પોલીસ ઇસ્પેક્ટર શ્રી રાજેશ કાનમીયા સાહેબ નો ખુબ સારો સહયોગ મળી આવ્યો હતો......

ભરત ભાઈ ભરવાડ અને જય ભાઈ પટેલ સારો સહયોગ મળી આવ્યો હતો

પ્રાણીન ફાઉન્ડેશન બરોડા અને અગ્નિવિર બરોડા નો ખુબ ખુબ આભાર

સુરત ના ગૌ રક્ષકો

સતીશ ભાઈ સોની
ભરત ભાઈ વૈષ્ણવ
કિશન ભાઈ ખેની
તુષાર ભાઈ આપા
મિહિર ભાઈ પટેલ
અંકુર ભાઈ પટેલ

બરોડા ના ગૌ રક્ષકો

નેહાબેન પટેલ
શૈલેષભાઇ પવાર
ચિરાગ ભાઈ સાકર
યંકિત ભાઈ પંચાલ
મયુર ભાઈ મોરે

દાહોદ ના ગૌ રક્ષકો

પિન્ટુ ભાઈ કલાલ
સંદીપદાન ગઢવી (ભાવનગર)
હિરલ ભાઈ કંથારીયા
વિશાલ ભાઈ મંગલાણી (ધીરુ)
કનુભાઈ ભરવાડ
વિજય ભાઈ ભરવાડ

અમદાવાદ ના ગૌ રક્ષકો

અશોકભાઈ મકવાણા
ભૂરાભાઈ રાજપૂત
કના ભાઈ રાજપૂત
પિન્ટુ ભાઈ શામળાજી

क्या आप गौ गव्य चिकित्सा/पंचगव्य चिकित्सा/एडवांस डिप्लोमा इन पंचगव्य थेरेपी व प्राकर्तिक एवं योग चिकित्सा सिखना चाहते हैं

नमस्कार मेरा नाम गायुर्वेदाचार्य डॉ जोराराम खोजा है। मैं आपके साथ watsapp ग्रुप में जुड़ा हूआ हूँ। यदि आप *फ़्री ऑनलाइन कोर्स बेसिक पंचगव्य चिकित्सा* एवं अन्य कोर्स :- *गौ गव्य चिकित्सा/पंचगव्य चिकित्सा/एडवांस डिप्लोमा इन पंचगव्य थेरेपी व प्राकर्तिक एवं योग चिकित्सा सिखना चाहते हैं तो इस मेसेज को ध्यान पुर्वक पुरा पढें*
इन कोर्सो में पंचगव्य चिकित्सा, नाड़ि देखना, नाभि सेट करना, गौ मूत्र अर्क, गौ मूत्र गनवटी, गौ मूत्र आशव, धूपबत्ती, पंचगव्य साबून आदि लग-भग 100 प्रकार के उत्पाद बनाना पूरे प्रक्टिकल के साथ व प्राकर्तिक एवं योग चिकित्सा करना सिखाया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद आप अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं।
*नोट* : यदि आप इनमें से कोइ भी कोर्स करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके फॉर्म भरें। फॉर्म प्राप्त होने के बाद हमारी टीम आपसे सम्पर्क करेगी एवं पूरी जानकारी दी जायेगी।
*इस लिंक पर क्लिक करके आप अपना फॉर्म भरें:-*
https://forms.gle/n7Qi99SxofZmjD7UA

       आधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें :-
*गायुर्वेद ( गौ परिषद) जोधपुर राजस्थान* 9414494759
धन्यवाद
आपसे सविनय निवेदन है कि आप अपने वाटसप,फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि जो भी सोशल मीडिया यूज करते हैं उन पर सेयर जरुर करें।

बैल अपने आप खेत जोतते हुए

बैल अपने आप खेत जोतते हुए


https://www.facebook.com/SandeepBhartiOnline/videos/268848631038287/

आयुर्वेद महान क्यो

🚩 * आयुर्वेद महान क्यों हैं? जिसको स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना में अपनाने की सलाह दे रहा है*

www.azaadbharat.org

*🚩कोरोना वायरस के कारण दुनिया के कई देशों में महामारी चल रही है उससे बचने के लिए अनेक कारगर उपाय किये जा रहे है लेकिन अभी तक कोई सफलता नही मिल पा रही है वही भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आर्युवेदिक काढा पीने और आर्युवेदिक तरीके से खान-पान की सलाह दी है। कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए आर्युवेद पर रिचर्स भी किया जा रहा है पूरी दुनिया की नजर भारतीय आर्युवेद पद्धति पर टिकी हुई हैं।*

*आइये आपको बताते है कि आयुर्वेद क्यो महान है?*

*🚩आयुर्वेद एक निर्दोष चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा पद्धति से रोगों का पूर्ण उन्मूलन होता है और इसकी कोई भी औषध दुष्प्रभाव (साईड इफेक्ट) उत्पन्न नहीं करती। आयुर्वेद में अंतरात्मा में बैठकर समाधिदशा में खोजी हुई स्वास्थ्य की कुंजियाँ हैं। एलोपैथी में रोग की खोज के विकसित साधन तो उपलब्ध हैं लेकिन दवाइयों की प्रतिक्रिया (रिएक्शन) तथा दुष्प्रभाव (साईड इफेक्टस) बहुत हैं। अर्थात् दवाइयाँ निर्दोष नहीं हैं क्योंकि वे दवाइयाँ बाह्य प्रयोगों एवं बहिरंग साधनों द्वारा खोजी गई हैं। आयुर्वेद में अर्थाभाव, रूचि का अभाव तथा वर्षों की गुलामी के कारण भारतीय खोजों और शास्त्रों के प्रति उपेक्षा और हीन दृष्टि के कारण चरक जैसे ऋषियों और भगवान अग्निवेष जैसे महापुरुषों की खोजों का फायदा उठाने वाले उन्नत मस्तिष्क वाले वैद्य भी उतने नहीं रहे और तत्परता से फायदा उठाने वाले लोग भी कम होते गये। इसका परिणाम अभी दिखायी दे रहा है।*

*🚩हम अपने दिव्य और सम्पूर्ण निर्दोष औषधीय उपचारों की उपेक्षा करके अपने साथ अन्याय कर रहे हैं। सभी भारतवासियों को चाहिए कि आयुर्वेद को विशेष महत्त्व दें और उसके अध्ययन में सुयोग्य रूचि लें। आप विश्वभर के डॉक्टरों का सर्वे करके देखें तो एलोपैथी का शायद ही कोई ऐसा डॉक्टर मिले जो 80 साल की उम्र में पूर्ण स्वस्थ, प्रसन्न, निर्लोभी हो। लेकिन आयुर्वेद के कई वैद्य 80 साल की उम्र में भी निःशुल्क उपचार करके दरिद्रनारायणों की सेवा करने वाले, भारतीय संस्कृति की सेवा करने वाले स्वस्थ सपूत हैं।*

*एलोपेथी के मुकाबले आयुर्वेद श्रेष्ठ क्यों है ? :-*

*▪️(1) पहली बात आयुर्वेद की दवाएं किसी भी बीमारी को जड़ से समाप्त करती है, जबकि एलोपेथी की दवाएं किसी भी बीमारी को केवल कंट्रोल में रखती है।*

*▪️(2) दूसरा सबसे बड़ा कारण है कि आयुर्वेद का इलाज लाखों वर्षो पुराना है, जबकि एलोपेथी दवाओं की खोज कुछ शताब्दियों पहले हुआ।*

*▪️(3) तीसरा सबसे बड़ा कारण है कि आयुर्वेद की दवाएं घर में, पड़ोस में या नजदीकी जंगल में आसानी से उपलब्ध हो जाती है, जबकि एलोपेथी दवाएं ऐसी है कि आप गाँव में रहते हो तो आपको कई किलोमीटर चलकर शहर आना पड़ेगा और डॉक्टर से लिखवाना पड़ेगा।*

*▪️(4) चौथा कारण है कि ये आयुर्वेदिक दवाएं बहुत ही सस्ती है या कहे कि मुफ्त की है, जबकि एलोपेथी दवाओं कि कीमत बहुत ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक एक आदमी की जिंदगी की कमाई का लगभग 40% हिस्सा बीमारी और इलाज में ही खर्च होता है।*

*▪️(5) पांचवा कारण है कि आयुर्वेदिक दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, जबकि एलोपेथी दवा को एक बीमारी में इस्तेमाल करो तो उसके साथ दूसरी बीमारी अपनी जड़े मजबूत करने लगती है।*

*▪️(6) छटा कारण है कि आयुर्वेद में सिद्धांत है कि इंसान कभी बीमार ही न हो। और इसके छोटे छोटे उपाय है जो बहुत ही आसान है। जिनका उपयोग करके स्वस्थ रहा जा सकता है। जबकि एलोपेथी के पास इसका कोई सिद्दांत नहीं है।*

*▪️(7) सातवा बड़ा कारण है कि आयुर्वेद का 85% हिस्सा स्वस्थ रहने के लिए है और केवल 15% हिस्सा में आयुर्वेदिक दवाइयां आती है, जबकि एलोपेथी का 15% हिस्सा स्वस्थ रहने के लिए है और 85% हिस्सा इलाज के लिए है ।*

*स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से क्या निर्देश है...*

*🚩गुनगुना पीना पिएं, आंवला, एलोवेरा, तुलसी, गिलोय, नींबू आदि का जूस पीना चाहिए।*

*🚩गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।*

*🚩इम्यून सिस्टम की बेहतरी के लिए आप अष्टादसांग काढ़ा, गुडूच्यादि काढ़ा , अमृतउत्तरम काढ़ा या सिरिशादी काढ़ा का सेवन करना उत्तम रहेगा।*

*🚩घर और आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए आप नियमित तौर पर नीम की पत्तियों, गुग्गल, राल, देवदारु और दो कपूर को साथ में जलाएं। उसके धुएं को घर और आस-पास में फैलने दें।*

*🚩इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आप नियमित तौर पर तुलसी की 5 पत्तियां, 4 काली मिर्च, 3 लौंग, एक चम्मच अदरक का रस शहद के साथ ले सकते हैं।*

*🚩चाय पीने के शौकीन हैं, तो आपको नियमित रूप से 10 या 15 तुलसी के पत्ते, 5 से 7 काली मिर्च, थोड़ी दालचीनी और उचित मात्रा में अदरक डालकर बनाई गई चाय पीनी चाहिए। य​ह आपको रोगों से बचने में मदद करेगी।*

*अंग्रेजी दवाइयों की गुलामी कब तक ?*

*🚩सच्चा स्वास्थ्य यदि दवाइयों से मिलता तो कोई भी डॉक्टर, कैमिस्ट या उनके परिवार का कोई भी व्यक्ति कभी बीमार नहीं पड़ता। स्वास्थ्य खरीदने से मिलता तो संसार में कोई भी धनवान रोगी नहीं रहता। स्वास्थ्य इंजेक्शनों, यंत्रों, चिकित्सालयों के विशाल भवनों और डॉक्टर की डिग्रियों से नहीं मिलता अपितु स्वास्थ्य के नियमों का पालन करने से एवं संयमी जीवन जीने से मिलता है।*

*🚩अशुद्ध और अखाद्य भोजन, अनियमित रहन-सहन, संकुचित विचार तथा छल-कपट से भरा व्यवहार – ये विविध रोगों के स्रोत हैं। कोई भी दवाई इन बीमारियों का स्थायी इलाज नहीं कर सकती। थोड़े समय के लिए दवाई एक रोग को दबाकर, कुछ ही समय में दूसरा रोग उभार देती है। अतः अगर सर्वसाधारण जन इन दवाइयों की गुलामी से बचकर, अपना आहार शुद्ध, रहन-सहन नियमित, विचार उदार तथा व्यवहार प्रेममय बनायें रखें तो वे सदा स्वस्थ, सुखी, संतुष्ट एवं प्रसन्न बने रहेंगे। आदर्श आहार-विहार और विचार-व्यवहार ये चहुँमुखी सुख-समृद्धि की कुंजियाँ हैं।*

*🚩सर्दी-गर्मी सहन करने की शक्ति, काम एवं क्रोध को नियंत्रण में रखने की शक्ति, कठिन परिश्रम करने की योग्यता, स्फूर्ति, सहनशीलता, हसमुखता, भूख बराबर लगना, शौच साफ आना और गहरी नींद – ये सच्चे स्वास्थ्य के प्रमुख लक्षण हैं।*

*🚩डॉक्टरी इलाज के जन्मदाता हेपोक्रेटस ने स्वस्थ जीवन के संबंध में एक सुन्दर बात कही हैः*

*पेट नरम, पैर गरम, सिर को रखो ठण्डा।*
*घर में आये रोग तो मारो उसको डण्डा।।*

*🚩अतः हे भारतवासियो ! हानिकारक रसायनों से और कई विकृतियों से भरी हुई एलोपैथी दवाइयों को अपने शरीर में डालकर अपने भविष्य को अंधकारमय न बनायें। शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार-पद्धति और भगवान के नाम का आश्रय लेकर अपना शरीर स्वस्थ व मन प्रसन्न रखो।*

जाने समयसूचक AM और PM का वास्तविक अर्थ

जाने समयसूचक AM और PM का वास्तविक अर्थ

इन शब्दों का उद्गम भारत ही था। पर हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :

AM : एंटी मेरिडियन (ante meridian)
PM : पोस्ट मेरिडियन (post meridian)

एंटी यानि पहले, लेकिन किसके?
पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?

यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।

हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को अपनी आंधियों में उड़ा दिया और अब, सब कुछ साफ-साफ दृष्टिगत है।

कैसे?
देखिये...

AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya
PM = पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya
----------------------------
सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसीको गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस 'मतलब' को नहीं इंगित करते जो कि वास्तव में है।

आरोहणम् मार्तण्डस्य Arohanam Martandasaya यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव)।
पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasaya यानि सूर्य का ढलाव।

दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है - 'आरोहनम मार्तण्डस्य' (AM)।
बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है - 'पतनम मार्तण्डस्य' (PM)।

पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को मुगालता हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है।

शायद आपको ये बात समंझ आ जाये....

जानकारी अच्छी लगी तो शेयर अवश्य कीजिये.....

मंदिर में दर्शन कैसे करे

मंदिर में दर्शन कैसे करे

बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जब भी किसी मंदिर में दर्शन के लिए जाएं तो दर्शन करने के बाद बाहर आकर मंदिर की पेडी या ऑटले पर थोड़ी देर बैठते हैं । क्या आप जानते हैं इस परंपरा का क्या कारण है?

आजकल तो लोग मंदिर की पैड़ी पर बैठकर अपने घर की व्यापार की राजनीति की चर्चा करते हैं परंतु यह प्राचीन परंपरा एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई । वास्तव में मंदिर की पैड़ी पर बैठ कर के हमें एक श्लोक बोलना चाहिए। यह श्लोक आजकल के लोग भूल गए हैं । आप इस लोक को सुनें और आने वाली पीढ़ी को भी इसे बताएं । यह श्लोक इस प्रकार है -

अनायासेन मरणम् ,बिना देन्येन जीवनम्।

देहान्त तव सानिध्यम्, देहि मे परमेश्वरम् ।।

इस श्लोक का अर्थ है अनायासेन मरणम्...... अर्थात बिना तकलीफ के हमारी मृत्यु हो और हम कभी भी बीमार होकर बिस्तर पर पड़े पड़े ,कष्ट उठाकर मृत्यु को प्राप्त ना हो चलते फिरते ही हमारे प्राण निकल जाएं ।

बिना देन्येन जीवनम्......... अर्थात परवशता का जीवन ना हो मतलब हमें कभी किसी के सहारे ना पड़े रहना पड़े। जैसे कि लकवा हो जाने पर व्यक्ति दूसरे पर आश्रित हो जाता है वैसे परवश या बेबस ना हो । ठाकुर जी की कृपा से बिना भीख के ही जीवन बसर हो सके ।

देहांते तव सानिध्यम ........अर्थात जब भी मृत्यु हो तब भगवान के सम्मुख हो। जैसे भीष्म पितामह की मृत्यु के समय स्वयं ठाकुर जी उनके सम्मुख जाकर खड़े हो गए। उनके दर्शन करते हुए प्राण निकले ।

देहि में परमेशवरम्..... हे परमेश्वर ऐसा वरदान हमें देना ।

यह प्रार्थना करें गाड़ी ,लाडी ,लड़का ,लड़की, पति, पत्नी ,घर धन यह नहीं मांगना है यह तो भगवान आप की पात्रता के हिसाब से खुद आपको देते हैं । इसीलिए दर्शन करने के बाद बैठकर यह प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए ।
यह प्रार्थना है, याचना नहीं है । याचना सांसारिक पदार्थों के लिए होती है जैसे कि घर, व्यापार, नौकरी ,पुत्र ,पुत्री ,सांसारिक सुख, धन या अन्य बातों के लिए जो मांग की जाती है वह याचना है वह भीख है।

हम प्रार्थना करते हैं प्रार्थना का विशेष अर्थ होता है अर्थात विशिष्ट, श्रेष्ठ । अर्थना अर्थात निवेदन। ठाकुर जी से प्रार्थना करें और प्रार्थना क्या करना है ,यह श्लोक बोलना है।
#सब_से_जरूरी_बात
जब हम मंदिर में दर्शन करने जाते हैं तो खुली आंखों से भगवान को देखना चाहिए, निहारना चाहिए । उनके दर्शन करना चाहिए। कुछ लोग वहां आंखें बंद करके खड़े रहते हैं । आंखें बंद क्यों करना हम तो दर्शन करने आए हैं । भगवान के स्वरूप का, श्री चरणों का ,मुखारविंद का, श्रंगार का, संपूर्णानंद लें । आंखों में भर ले स्वरूप को । दर्शन करें और दर्शन के बाद जब बाहर आकर बैठे तब नेत्र बंद करके जो दर्शन किए हैं उस स्वरूप का ध्यान करें । मंदिर में नेत्र नहीं बंद करना । बाहर आने के बाद पैड़ी पर बैठकर जब ठाकुर जी का ध्यान करें तब नेत्र बंद करें और अगर ठाकुर जी का स्वरूप ध्यान में नहीं आए तो दोबारा मंदिर में जाएं और भगवान का दर्शन करें । नेत्रों को बंद करने के पश्चात उपरोक्त श्लोक का पाठ करें।

यहीं शास्त्र हैं यहीं बड़े बुजुर्गो का कहना हैं !

#RashtriyaKamdhenuAayog के दिशा निर्देशन में 'गोमय गणेश' बनाने की प्रशिक्षण कार्यशाला

#RashtriyaKamdhenuAayog के दिशा निर्देशन में 'गोमय गणेश' बनाने की प्रशिक्षण कार्यशाला
प्रशिक्षक: जीतेन्द्र भाकने, नागपुर
दिनांक: 29 जुलाई 2020
समय: 12:00 PM
Google Meet:
https://t.co/qp3PtZ83Io

#GaneshUtsav2020 #EcoFriendlyGanesha
#CowEntrepreneurs #GomayeVasateLaxmi


https://twitter.com/DrKathiria/status/1287396628777668608?s=19



पाँच राज्यो से गौतस्करी की हैरान करने वाली तस्वीर , रजत शर्मा जी की रिपोर्ट


पाँच राज्यो से गौतस्करी की हैरान करने वाली तस्वीर , रजत शर्मा जी की रिपोर्ट

https://youtu.be/hBAU2vfcj9c

गोहत्या को हर हालत में रोका जाए- बकरीद पर गौतस्करी बढ़ी

 गोहत्या को हर हालत में रोका जाए

https://rajatsharma.in/cow-slaughter-must-be-prevented-2/

हमारे संविधान में गाय से जुड़े कानून सिर्फ राज्य विधानमंडल ही बना सकते हैं। अभी तक 20 राज्यों में गोहत्या के खिलाफ सख्त कानून है जबकि 8 राज्यों यानि पश्चिम बंगाल, केरल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में गोहत्या पर पाबंदी नहीं है।

Rajat Sharma | July 25, 2020

शुक्रवार रात को ‘आज की बात’ शो में इंडिया टीवी ने खबरें दिखाई कि कैसे पुलिस ने गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र और तेलंगाना में तस्करों से गाएं बरामद की। पुलिस के मुताबिक, अगले हफ्ते बकरीद पर कुर्बानी के लिए सैंकड़ों गायों को पिक-अप ट्रक और कंटेनर में भरकर ये तस्कर इन्हें ले जा रहे थे। सबसे ज्यादा शर्मनाक बात ये थी कि तस्करों ने अपनी गाड़ियों में गायों को अमानवीय तरीके से ठूंस कर रखा था। जब इन ट्रकों से गायों को उतारा गया तो उनमें बहुत सी गायें नीम बेहोशी की हालत में थी ।

ओडिशा के बालेश्वर जिले में पुलिस ने गुरुवार रात को 11 गोतस्करों के कब्जे से 77 गायों को बरामद किया, 8 पिकअप वैन में 77 गायों को भरा गया था, 20 गायों को ट्रक में भूसे की तरह भरा गया था। जिनमें कईं फर्श पर पड़ी थीं। इस सिलसिले में 11 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों ने कबूल किया कि बकरीद के मौके पर कुर्बानी के लिए गायों को ले जाया जा रहा था।

गुजरात में पुलिस ने स्थानीय एनजीओ की मदद से वडोदरा, भरूच और वलसाड में गायों को कसाइयों के चंगुल से छुड़ाया। भरूच में तस्कर गायों को कंटेनर में भरकर ले जा रहे थे । उन्हें जीव दया फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं की मदद से छुड़ाया गया। ड्राइवर ने हाईवे पर कंटेनर को भगाने के लिए स्पीड बढ़ाई तो पुलिस ने ट्रक का पीछा किया और फोर्स बुलाई। इसके बाद जाकर हाईवे पर गायों से भरे कंटेनर को पकड़ा गया। वलसाड में स्थानीय गोरक्षक दल ने पांच गायों और एक बछड़े को ले जाने वाले तस्करों को पकड़ने में पुलिस की मदद की। इन गायों को महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था।

महाराष्ट्र के अमरावती में स्थानीय बजरंग दल कार्यकर्ताओं को जैसे ही खबर मिली कि पिक-अप ट्रक में 12 गायों को भरकर ले जा रहे हैं तो उन्होंने सड़क रोक दी। रेहान नाम के ड्राइवर ने बचने के लिए ट्रक को डिवाइडर से भिड़ा दिया लेकिन पकड़ा गया। 22 जुलाई को अमरावती ग्रामीण पुलिस ने ट्रक में 12 गायों को भरकर ले जाते हुए 2 लोगों को मध्य प्रदेश सीमा के पास गिरफ्तार किया। इन गायों को गोकशी के लिए तस्कर नागपुर लेकर जा रहे थे। अमरावती जिले में ही पिछले 2 हफ्तों के दौरान 200 से ज्यादा गायों को कटने से बचाया गया है।

तेलंगाना के करीमनगर जिले में जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर ने मुस्लिम समुदाय के बीच एक ऑडियो क्लिप जारी किया है जिसमें मौलाना मुस्लिमों से बकरीद पर गाय नहीं काटने की अपील कर रहा है, क्योंकि गोकशी कानूनी जुर्म है। मौलाना मुसलमानों से कह रहे हैं कि वे बकरीद के समय हिंदू समुदाय की भावनाओं का आदर करें।

महाराष्ट्र में सरकार ने गाइडलाइन जारी कर मुस्लिम समुदाय से बकरीद की नमाज़ घर में पढ़ने के लिए कहा है क्योंकि कोरोना की वजह से धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी है। राज्य सरकार ने मुस्लिम समुदाय से कुर्बानी के लिए बकरे ऑनलाइन खरीदने की सलाह दी है क्योंकि पशु मंडी में भीड़ जुटाना प्रतिबंधित है। राज्य सरकार ने मुस्लिम समुदाय से बकरीद पर ‘प्रतीकात्मक कुर्बानी’ की अपील भी की है। हालांकि कांग्रेस के मंत्री नसीम खान ने इन गाइडलाइन पर आपत्ति जताई है और इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक मसलों में दखल बताया है। मुंबई की रजा अकेडमी के उपाध्यक्ष मौलाना सईद नूरी ने कहा कि बकरीद पर कुर्बानी होकर रहेगी, उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी सोसाइटी में बकरों की कुर्बानी देंगे, उन्होंने ऑनलाइन बकरों की खरीदारी पर भी सवाल खड़े किए।

हमारे संविधान में गाय से जुड़े कानून सिर्फ राज्य विधानमंडल ही बना सकते हैं। अभी तक 20 राज्यों में गोहत्या के खिलाफ सख्त कानून है जबकि 8 राज्यों यानि पश्चिम बंगाल, केरल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में गोहत्या पर पाबंदी नहीं है।

पिछले 4 साल के दौरान अधिकतर राज्यों ने गोहत्या के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू किया है और काफी हद तक गोहत्या पर लगाम लगी है। लेकिन बकरीद से पहले अचानक इस तरह से गौतस्करी का बढ़ना चिंता की बात है। ऐसे समय में प्रशासन को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि बड़ी बात ये है कि देश के कई बड़े मौलवियों और उलेमा ने बकरीद पर गाय की कुर्बानी न करके हिंदुओं की धार्मिक भावना का आदर करने की अपील की है।

देश में धार्मिक भाईचारा बनाए रखना समय की मांग है। लेकिन समाज में ऐसे असामाजिक तत्व हैं जो बकरीद के दौरान गोहत्या करके शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे प्रयासों को पैदा होने से पहले ही खत्म कर दिया जाना चाहिए। तर्क ये दिया जाता है कि बकरा बहुत महंगा होता है और जो गाय दूध देना बंद कर देती हैं, किसान उन्हें सस्ते में बेच देते हैं, इसलिए गोवध को मान्यता देनी चाहिए। मुंबई, हैदराबाद, भोपाल जैसे की बड़े शहरों में कई ऐसे नेता सामने आए, जिन्होने इस मसले पर सियासत करते हुए बकरीद के त्योहार को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की।

देश में बहुत सारे ऐसे मौलाना, उलेमा हैं जो इस बात से सहमत हैं कि कोरोना महामारी के कारण इस बार हालात असामान्य हैं और मुस्लिम समुदाय को भी असमान्य कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए, जैसे ईद के दिन घरों में नमाज़ पढ़ना, प्रतीकात्मक कुर्बानी देना, मस्जिदों में भीड़ न करना, आदि। मुसलमानों ने पिछले साल बकरीद मनाई थी और अगले साल भी मनाएंगे, लेकिन इस साल उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना चाहिए और बड़े सार्वजनिक समारोह से बचना चाहिए।

कोरोना महामारी की वजह से पहले ही जम्मू-कश्मीर में इस साल अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है, सालाना हज यात्रा भी रोक दी गई है। ऐसे हालात में जो नेता ये कह रहे हैं कि मुसलमानों को मस्जिद में जाकर ईद की नमाज पढ़नी चाहिए और सार्वजनिक तौर पर कुर्बानी देनी चाहिए , वे कतई मुसलमानों का, समाज का और मुल्क का भला चाहने वाले नहीं हो सकते। ऐसे लोग अपने ही समुदाय के साथ अन्याय कर रहे हैं।

खतरनाक कोरोना वायरस हिंदू, मुस्लिम, सिख या इसाई नहीं देखता। अपने हित के लिए मुस्लिम समुदाय बकरीद के दिन भीड़ में इकट्ठा होकर नमाज पढ़ने से परहेज करें। हम सब ऐहतियात बरतें, इसी में भलाई है। क्योंकि कोरोना से बच गए तो बकरीद अगले साल भी आएगी, अगले साल कुर्बानी भी दे पाएंगे। वरना ये बकरीद तो मना लेंगे, मनमानी कर लेंगे, लेकिन अपने साथ-साथ पूरे परिवार को, पूरे समाज को मुसीबत में डाल देंगे।