Friday, March 1, 2019

सभी गोसेवा किस प्रकार कर सकते है


सभी गौसेवा किस प्रकार कर सकता है

गौमाता भगवान कृष्ण को इतनी प्यारी थी कि वो नंगे पैर गाय चराते थे । तभी तो उनका नाम गोपाल, गोविंद पड़ा ।अगर हम कृष्णजी की भक्ति करना चाहते है तो उनकी प्राणों से भी प्यारी गाय की भी भक्ति करनी पड़ेगी । अगर हम कृष्ण की तो भक्ति करे पर उनके प्राणों की भी प्यारी गाय की भक्ति न करे तो वो भक्ति नही होगी । तभी तो महाभारत में कृष्ण ने कहा है - 
गवां मध्ये वसाम्यहं ( महाभारत, अनुशाशन पर्व )
 (भगवान कहते है मैं गायो के बीच मे रहता हूं )


गौसेवा से ही भारत की धरती सोना उगलती थी, और इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था ।भारत ही विश्व मे एकमात्र ऐसा देश हुआ है जहा सोने का सिक्का चलता था, और यहा के लोगो के पास सोने के सिक्के गिनने का समय नही होता था, वो उनका वजन करते थे । आज वही देश विश्व का सबसे बड़ा गोमास उत्पादक बन गया है और परिणाम हमारे सामने है - गरीबी, भुखमरी, प्राणघातक बीमारिया , प्रदूषण , धरती खाने की जगह जहर उगल रही है ( क्योंकि गोबर की जगह रासायनिक खादों का प्रयोग किया जा रहा है ).


एक अनुमान के मुताबिक हर साल भारत मे 1.5 करोड़ गोवंश की हत्या हो रही है ।और अभी भारत मे केवल 6 करोड़ गोवंश बचा है । आने वाले समय मे हमे गोवंश देखने को नही मिलेगा । हम रोज सैकड़ो रुपये गुटका , बीड़ी में लगा देते है , लेकिन जब गोसेवा की बात आती है तो अपने आप को असमर्थ दिखाते है । हम गाड़ी रखते है, उसकी पार्किंग की जगह बनाते है, उसको साफ करने का एक आदमी भी रखते है , लेकिन एक गोवंश ( जिसका लगभग एक दिन का खर्चा 50 रु है) की सेवा नही कर सकते। 

कई रिहाइशी इलाको में गौमाता को रखने पर प्रतिबंध है , वे लोग किसी किसान ,या गाव में किसी जानकार के पास गौसेवा कर सकते है , या गौशाला में भी दान दे सकते है ।

शास्त्र अनुसार यदि आप गौमाता के शरीर को खुजला देते ,सहला देते है तो आपको गौशव नामक यज्ञ का फल मिलता है । गौसेवा इतनी सस्ती है । लेकिन हमारे अंदर गोसेवा की भावना नही है ।

जो गोचर भूमि को कब्जाता है उसे हर रोज लाखों गौहत्या का पाप लगता है । हमारे पूर्वज हर गाँव मे गोचर भूमि , जहा सबकी गाय स्वंत्रता से विचरती थी, छोड़ कर गए थे लेकिन आज सरकारों ने , भूमाफियाओं ने उसे कब्जा लिया है । 

यदि गाय आपके घर आये , द्वार पर आए तो उसे भगाये नही की वो गोबर कर देगी, बल्कि उसे थोड़ा पानी ही पिला दे । गोवर - गाय का वरदान , गाय के गोवर में लक्ष्मी होती है ( भैस के मल को गोवर नही कहा जाता ) । दक्षिण के कई राज्यो में तो जब मकान का मोहरत,उद्घाटन करते है तो गाय को घर मे घुमाया जाता है ।

कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है , इस लिए यह जानना जरुरी है की हम गौ सेवा निम्न प्रकार से कर सकते है :-

1.) अपने या अपने परिवारजनों के जन्मदिन पर, पूर्वजों की स्मृति में , स्वजनों की पुण्यतिथि पर गौशाला दर्शन करके गौ सेवा करें । 

2.) गौ माता पर हो रहे अत्याचारों को रोकने में अपना सहयोग प्रदान करें । 

3.) ऐसी वस्तु इस्तेमाल करने से बचें जिसको बनाने हेतु गौ को कष्ट व पीडा पहुंचाई गयी हो । 

4.) निजी स्वार्थ पूर्ति हेतु कुछ लोग गौ हत्या करते हैं ऐसा होने से रोकें ।

 5.) रोज अपनी कमाई का कुछ अंश गौ माता के लिए निकालें व इसे गौ माता के लिए ही खर्च करें, जैसे हरा चारा , आदि खरीद के गौ को दे सकते हैं. 

6.) अपने घर में छोटे बच्चों को भी ये सीख दें कि वो अपनी पॉकेट मनी (जेब खर्च ) में से कुछ पैसा बचा के गौ माता के लिए निकालें , उन्हें भी गौ माता का महत्व समझाएं । 

7.) घर में गौ ग्रास जरुर निकालें । 

8.) हरी सब्जी जैसे पालक , मैथी, सरसों , बथुआ , चौलाई, मटर , हरा चना, इत्यादि का उपयोग करने के उपरांत जो हरा चारा निकलता है उसे कूड़ा दान में न डालते हुए गौ माता को खिलाएं । 

9.) गौएँ बेचीं ही इसीलिए जाती है क्यूंकि वे बूढी होने के बाद दूध देना बंद कर देती हैं, और किसान या गौपालक को उसे खिलाना पिलाना तथा पालना बोझ सा लगता है । वैसे जब हमारी जन्म देने वाली मा ने जब दूध देना बंद कर दिया तो क्या हमने उन्हें घर से बाहर निकाला क्या ??? गाय को  केवल दूध के लिए न पालें , आज तो विज्ञान भी सिद्ध कर चुका है की गोमूत्र में सोना हैै, और गाय गोमूत्र गोवर से खाद और गोबर गैस तो मरते दम तक देती है ।1 लीटर गोमूत्र आज बाजार में लगभग 80 रु का मिलता है शा गाय केेआ  मेंने ईडन का  जि गौआ 50 रु है ।  गाय की परिक्रमा से ही हमारी औरा , और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है , जिससे किसी भी घर की बीमारियों का और दवाइयों का खर्चा स्वाभाविक ही कम होता है ।

अगर किसान किसी भी स्थिति में गोवंश रख नही सकता है तो बेचे नही , गौशाला में गोवंश को रखे  ।

10. आप किसी भी व्यवसाय से जुड़े ,उस व्यवसाय से जुड़े रहते हुए गौसेवा कर सकते है । यदि आप IT क्षेत्र से जुड़े हो तो गौमाता का प्रचार प्रसार करे, लोगो को बताया गौ चिकित्सा से कैसे लाभ लिया जा सकता है.
यदि आप मीडिया, समाचार पत्रिका से जुड़े है तो मीडिया, अखबार आदि में गौमाता से जुड़ी खबरों का प्रकाशन करे।
यदि आप वैज्ञानिक है तो गौमाता के पंचगव्यों का वैज्ञानिक लाभ लोगो को बताए। यदि आप वकील है तो गौमाता के पक्ष का केस लडे, गोचर भूमि को गाय को दिलवाए , पूरे देश मे गोहत्या पर प्रतिबंध लगवाए ।  इस तरह हर क्षेत्र के लोग गौमाता के लिए कुछ न कुछ कर सकते है।
ऐसा करके देखें, ऐसा करने से न केवल गौ माता की सेवा तथा रक्षा होगी बल्कि आत्म सुख तथा शांति भी प्राप्त होगा । धन्यवाद ….

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