Saturday, March 23, 2019

अमेरिका से जॉब छोड़कर लौटा इंडिया; 2 गायों से शुरू किया था करियर-आज डेयरी में हैं 80 गायें, यह देखने पूरी टीम के साथ यहां पहुंचे डीएम Dainik BhaskarDec 29, 2018, 05:06 PM IST


अमेरिका से जॉब छोड़कर लौटा इंडिया; 2 गायों से शुरू किया था करियर-आज डेयरी में हैं 80 गायें, यह देखने पूरी टीम के साथ यहां पहुंचे डीएम

Dainik Bhaskar

Dec 29, 2018, 05:06 PM IST



शाहजहांपुर (यूपी). आज हम आपको एक ऐसे गो-सेवक से मिलवा रहे हैं, जिसने अमेरिका की जॉब छोड़कर गायों में अपना रोजगार तलाशा। आज यह शख्स उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादन करने वाला किसान बन गया है। इनका काम देखने के लिए खुद डीएम तमाम अफसरों के साथ यहां पहुंचे। बात हो रही है शरद गंगवार की। जिनका कहना है कि अपने हुनर का इस्तेमाल अपने वतन के लिए करना चाहिए।
2 गायों की सेवा से शुरु किया व्यापार, आज हैं 80 गायें...
- तिलहर तहसील के रामपुर गांव निवासी शरद गंगवार ने दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई की है। 2009 में उन्हें यूएस के न्यूयॉर्क में 'अमेरिकन एक्सप्रेस' नाम की कंपनी में जॉब मिली थी। लेकिन 5 साल बाद ही उन्हें देश की मिट्टी अपने वतन और अपने गांव खींच लाई।
- 2014 में भारत लौटने के बाद उन्होंने गांव में ही रहकर दो गायों की सेवा से अपने करियर की शुरुआत की। आज उनके पास लगभग 80 गाये हैं, जो उनके लिए सबसे बड़ा रोजगार बन चुकी है। इनसे रोजाना 200 लीटर दूध का उत्पादन होता है। यही वजह है कि आज वह पूरे जिले के सबसे बड़े दूध उत्पादक हैं।
- उनका कहना है, डॉक्टर-इंजीनियर बनने के बाद लोग अपनी काबलियत विदेशों को बेच देते हैं। लेकिन अगर अपनी योग्यता और हुनर अपने देश के लिए इस्तेमाल करें, तो देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकती हैं।
पत्नी भी देती हैं साथ
- शरद की जिंदगी अपनी गायों और इसी गौशाला में गुजरती है। इसमें उनकी पत्नी भी उनका साथ देती हैं। इतना ही नहीं, उनकी इस गौशाला से 8 और लोगों को भी रोजगार मिला है। शरद के इसी जज्बे को देखने डीएम व उनके अफसर गौशाला देखने पहुंचे। अफसर भी इस अमेरिका रिटर्न के जज्बे को सलाम करते हैं।
- डीएम अमृत त्रिपाठी ने बताया, हमें पता चला कि अमेरिका में जॉब छोड़कर शरद अपने घर लौटे और गायों की सेवा कर उसमें ही रोजगार तलाश लिया है। जब हमने उनकी डेयरी देखी, तो लगा इनके जज्बे को सलाम करना चाहिए।
- उनकी ही तरह जिले के 25 ऐसे किसानों को हमने चिह्नित किया है, जिन्होंने बिना सरकारी मदद के इतना बड़ा काम किया है। हम उन किसानों के घर-घर जाकर उनकी हौसला अफजाई करेंगे और उन्हें जो सरकारी मदद मिलनी चाहिए वो उन्हें दी जाएगी।

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