Friday, October 27, 2023

हमारी माँ गौमाता रोज मर रही है और हम त्योहार मना रहे है

हमारी माँ गौमाता रोज मर रही है और हम त्योहार मना रहे है !!

पूजनीय गोपाल मणि महाराज ,प्रवचन - 


वीडियो-

https://youtu.be/-zgh5tTvU5U?si=Bm4jGrBNA9StNAu2


हमारी मां रोज मर रही है और सहज मौत से नहीं... बेटा खाना तब नहीं खाता है जब उसकी मां सहज मौत से मरे, लेकिन मेरी मां तड़प तड़प करके इस देश के अंदर मारी जाती है कई कई दिनों तक भूखी रखी जाती है ,उसकी टांगे तोड़ दी जाती है जहां कत्ल खानो में वह जाती है वहां भी कई दिनों तक भूखा रखा जाता है ,मशीनों के पास ले जाकर मशीनों से जकड़ करके उल्टा टांगा जाता है .खोलता हुआ पानी उसके ऊपर डाला जाता है ,जीते जी चमड़ा उसका निकाला जाता है और तड़प तड़प करके मारा जाता है. इसलिए जन्माष्टमी शिवरात्रि मनाने का हम सबको अधिकार ही नहीं है जिस घर में मुर्दा मरा पड़ा हो ,उस घर के लोग जन्माष्टमी मनाते हैं ?? जवाब दो, घर मे मा मरी पड़ी है- रामनवमी का त्यौहार मनाएंगे ?? घर में मां मरी पड़ी हो शिवरात्रि का त्योहार मनाएंगे , घर में मां मरी पड़ी हो होली का त्योहार मनाओगे , घर में मां मरी पड़ी हो दिवाली मनाओगे ??? इस देश के अंदर कोई भी त्यौहार मनाने की तब तक अनुमती नहीं है जब तक यहां गौ हत्या पूरी तरह बंद ना हो . एक लाख गाय यहां रोज कटती है हम मंदिरों में जाकर घंटे बजाते हैं ,छप्पन भोग लगाते हैं यह सब ढोंग करते हैं और अपने आप को धार्मिक होने का ढोंग रचा करते है . भाई बहनों ध्यान से सुनो यह ऋषियों का संदेश है ,हिमालय से आया है शास्त्र के द्वारा जो प्रमाणिक बातें हैं वह निवेदन है- सबसे पहले हमें अपनी माँ को बचाना चाहिए फिर जन्माष्टमी मना लेना रामनवमी मना लेना, फिर चले जाना त्रंबकेश्वर,फिर चले जाना सोमनाथ, फिर चले जाना बद्रीनाथ, फिर चले जाना गंगोत्री ,फिर चढ़ा देना गंगा जल चढ़ा देना रामेश्वरम जब तक मां का कत्ल हो रहा है तब तक यह सब करने की अनुमति नहीं है ,यह सवाल है इस देश के लोगों का, जो धार्मिक लोग है धार्मिक लोगों से सवाल है - कैसे धार्मिक है गउवे कट रही है जो धर्म की मूल है, आध्यात्म की जड़ है ,धर्म अर्थ काम मोक्ष चारों जिसके चरणों में रहते हैं, बद्रीनाथ से जगन्नाथ तक जिसके पैर की धूल चाटते हैं. इसलिए भाई बहनों चिंतन करो विचार करो कहीं हम ढोंग और पाखंड में तो नहीं फंसे हुए हैं ,कहीं हमारा धर्म दिखावा तो नहीं हो गया है ,कहीं हम धर्म के नाम पर व्यापार तो नहीं कर रहे हैं ,कहीं हम धर्म के नाम पर अपनी पूजा तो नहीं करवा रहे हैं. माला इसलिए तो नहीं पहन रहे कि लोग मेरी प्रशंसा करें, प्रतिष्ठा दे यह चिंतन का विषय है . नामदेव या तो मरी हुई गाय को जिंदा कर या कल सुबह तेरे सारे शरीर पर लिख दिया जाएगा ढोंगी भक्त ,तेरी गर्दन काट दी जाएगी ,तेरे शरीर मे हवा भरके चौराहे पर टांग दिया जाएगा और बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा जाएगा ढोंगी भक्त .और नामदेव अगर तू सच्चा भगत है कृष्ण का तो मरी हुई गाय को जिंदा कर, क्योकि कृष्ण भक्त में इतनी क्षमता होनी चाहिए कि वो मरी हुई गाय को जिंदा कर सके.


आप मरी हुई गाय को जिंदा मत करो आप इतना ही संकल्प लेलो की आप जहां रहते हो उस स्थान के 1 किलोमीटर के अंदर कोई गौहत्या नही होने दोगे !!!


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