Sunday, August 28, 2022

लम्पि बीमारी में कम प्लेटलेट्स के लिए इलाज (Post3)

  *Lump​​y Skin Disease*

*Down Platelets के लिए*
१. Merc sol 200
२. Rhus Tox 200
३. Calcarea Flour 200
30 ml distil wtr में 20  बून्द daalni he .
देने से पूर्व 50 बार हिलाना है और दिन में चार बार 1-1 ml देना है।


*जिन्होंने वैक्सीन या एंटीबायोटिक दिला रखी है।, प्लेल्ट्स बहुत कम होने से गौ माता कमजोर हो गयी है, और  बैठ नहीं पा रही हो तब
१. Epotorium perf  30
२. Gelsemium 30
दिन मे  चार बार 10 बून्द.


*RBC बढाने के लिए* जब ज्यादा कमजोरी हो, भूख ना लग रही हो तब देना है।
१. FERRUM PHOS 30 दिन में 2  बार 10 बून्द
२. CHINA 30 दो बार .
*जिनका लीवर खराब हुआ हो, उन्हें Liv Syrup या होम्योपैथ
Chelidonium 30 ...3 बार 10 बून्द। 
Cardus q .....iski 40 बून्द दिन में तीन बार दे। 

👉 गायों पर बैक्सीन व एंटीबॉयोटिक्स लगाने से गायों की लीवर, किडनी ज्यादा खराब हो रहे हैं। अतः अनावश्यक रूप से अप्रामाणिक चिकित्सा ना करे।



Tag- लम्पि लंपि lumpy lsd lumpy skin disease

लम्पि बीमारी के विभिन्न इलाज (Post2)

 लम्पि बीमारी के विभिन्न इलाज (Post2)

​​गायो मे लमपी नाम की जानलेवा बिमारी फैल रही है कही भी सेवा की जरुरत हो हमे बताए

गाय माता में आजकल ये बिमारी काफी फ़ैल चुकी है , जिस गाय में ये लक्षण हो इस घरेलू ईलाज को जरूर प्रयोग में लाए

1लीटर पानी
100ग्राम गिलोय
30ग्राम भोय इमली, (भुई आंवला) 
50ग्राम नागोड 

सबको पानी के साथ उबाले और बाद में उसे सुबह शाम को आधा आधा लिटर जो पशु बीमार हे उनको , भूसे मिक्ष करके या अन्य तरीके से पिलाए। 5/10 दिन तक ये  कर सकते ।जो गौ वंश बीमार नही है उन्हे भी 3/4 दिन इस काढ़े को पिलाए। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

*नंबर 2*
यदि गौ माता को पैरो मे कमकमाहट हो रही हो तो साथ में पेरासिटामोल 500mg की तीन गोली सुबह शाम को रोटी के साथ
तीन दिन खिलाए

*नंबर 3*
यदि ज्यादा तकलीफ हो तो 
नंबर 1की दवा देने के आधे घंटे बाद 
1लिटर पानी,
100ग्राम सॉफ
250ग्राम पतासा (मिसरी) 
सब का शरबत बनके पीला दे।

*नंबर 4*
यदि गौ माता को शरदी हे तो 3नंबर की दवा का प्रयोग न करे। 
उसकी जगह कंतान बोरी को जलाए और ऊपर अजवाइन रखके धूवा करे के उन्हे नाक के बाजू में दे।

*नंबर 5*
गौ माता के ऊपर पड़े फोड़े पर हल्दी और ऐलोवेरा मिक्स करके लेप करे।

*नंबर 6*

काली मरी 50ग्राम
हल्दी 50ग्राम
घी 100ग्राम
शक्कर 100ग्राम
इन सब को मिक्स करके गौ माता को खिलाए जिससे उनके शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ती में फायदा हो

*नंबर 7*

गौ माता स्वस्थ हो इस लिए

फिटकरी 250gm
पानी 50ग्राम
दोनों को मिक्स करके हाथो से या हैंड पंप की मदद से उन पे छिटकाव करे। जिससे उनके ऊपर पड रहे जख्म पर मरहम का काम करेगा।
।।धन्यवाद।। वंदे गौ मातरम।।

श्री गणपति का ध्यान कर जपो गौ मात के नाम।
इनके सुमिरन मात्र से खुश होवेंगे श्याम।।

1- कपिला, 2- गौतमी, 3- सुरभी, 4- गौमती, 5- नंदनी, 6- श्यामा, 7- वैष्णवी, 8- मंगला, 9- सर्वदेव वासिनी, 10- महादेवी, 11- सिंधु अवतरणी, 12- सरस्वती, 13- त्रिवेणी, 14- लक्ष्मी, 15- गौरी, 16- वैदेही, 17- अन्नपूर्णा, 18- कौशल्या, 19- देवकी, 20- गोपालिनी।21- कामधेनु, 22- आदिति, 23- माहेश्वरी, 24- गोदावरी, 25- जगदम्बा, 26- वैजयंती, 27- रेवती, 28- सती, 29- भारती, 30- त्रिविद्या, 31- गंगा, 32- यमुना, 33- कृष्णा, 34- राधा, 35- मोक्षदा, 36- उतरा- 37- अवधा, 38- ब्रजेश्वरी, 39- गोपेश्वरी, 40-कल्याणी।
41- करुणा, 42- विजया, 43- ज्ञानेश्वरी, 44- कालिंदी, 45- प्रकृति, 46- अरुंधति, 47- वृंदा, 48- गिरिजा, 49- मनहोरणी, 50- संध्या, 51- ललिता, 52- रश्मि, 53- ज्वाला, 54- तुलसी, 55- मल्लिका, 56- कमला, 57- योगेश्वरी, 58- नारायणी, 59- शिवा, 60- गीता।
61- नवनीता, 62- अमृता अमरो, 63- स्वाहा, 64- धंनजया, 65- ओमकारेश्वरी, 66- सिद्धिश्वरी, 67- निधि, 68- ऋद्धिश्वरी, 69- रोहिणी, 70- दुर्गा, 71- दूर्वा, 72, शुभमा, 73- रमा, 74- मोहनेश्वरी, 75- पवित्रा, 76- शताक्षी, 77- परिक्रमा, 78- पितरेश्वरी, 79- हरसिद्धि, 80- मणि।81- अंजना, 82- धरणी, 83- विंध्या, 84- नवधा, 85- वारुणी, 86- सुवर्णा, 87- रजता, 88- यशस्वनि, 89- देवेश्वरी, 90- ऋषभा, 91- पावनी, 92- सुप्रभा, 93- वागेश्वरी, 94- मनसा, 95- शाण्डिली, 96- वेणी, 97- गरुडा, 98- त्रिकुटा, 99- औषधा, 100- कालांगि।
101- शीतला, 102- गायत्री, 103- कश्यपा, 104- कृतिका, 105- पूर्णा, 106- तृप्ता, 107- भक्ति, 108- त्वरिता।

अनंत नाम गौ मात के सब देवो का वास।
सब भक्तो का आपके चरणों में विश्वास।।
इन नामो को नित्य पठन से रिद्धि सिद्धि घर आयेगी।
श्री कृष्ण राम कृपा से, सर्व देव कृपा हो जायेगी।।

#गौ_माता #श्री_कृष्ण #हिन्दू


Lumpy लम्पि लंपि

लम्पि बीमारी के विभिन्न इलाज (Post1)

 लम्पि बीमारी के विभिन्न इलाज 


​1) लम्पि स्किन बीमारी का इलाज (रमेश जी, गुजरात)



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2) लम्पि स्किन बीमारी का देसी इलाज  (आचार्य मनीष शर्माजी और  बाबा कैलाश पूरी , माँ कलावती गौशाला ,वज़ीरपुर गौशाला गुरुग्राम )




Lampi disease lampi skin

#lampi #lsd #लंपी #लम्पि #lumpy

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3) आयुर्वेद के जानकार वैद्यों के अनुसार लम्पि वायरस की आयुर्वेदीय औषधि

महासुदर्शन चूर्ण १०gm
संजीवनी वटी १gm
हल्दी चूर्ण १०gm
गुड़ १०gm

इनको आटे में इस मात्रा में मिलाकर खिलाना चाहिए । ऐसे दिन में ३ बार खिलाना चाहिए।

बछड़ों के लिए इस औषधि की मात्रा आधी रखी जाए ।

Pls forward to indian contacts as much as possible as a new deadly disease is growing among desi cows in India these days, spreaded by "lampi virus".

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4) लम्पि बिमारी का पक्का घरेलू इलाज , साभार विक्की पंसारीजी

Video -


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5) लम्पि बीमारी का होमियोपैथी इलाज 

कैल्केरिया सल्फ 200
कैल्केरिया फ्लोर 200
बेलाडोना 200
आर्सेनिक 200
20-20 बूंद सुबह शाम
फिटकरी ओर नीम के पानी से धुला कर नीम के तेल में हल्दी पाउडर मिलाकर पेस्ट बना ले और जहाँ जहाँ फोले फुट रहे है वहाँ लगाये। गुनगुने पानी मे हल्दी मिलाकर पिला दे। सुबह शाम 8 दिन में फुल आराम लग जायेगा।

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6) लम्पि बीमारी का इलाज- साभार- राजीव दीक्षित राजपाल भारत 

Video Link -


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7) शंकराचार्य महाराज द्वारा लम्पि बीमारी का इलाज 












Tag  lumpy lampi lumpy skin disease एलएसडी lsd 

Sunday, May 15, 2022

हिन्दू रक्षा की बात करने वाले भाई पहले जान ले की हिन्दू कौन है और भारत कहा है

 हिन्दू रक्षा की बात करने वाले भाई पहले जानले की हिन्दू कोन है और भारत कहा है


माधव दिग्विजय में भी हिन्दू शब्द को कुछ इस प्रकार उल्लेखित किया गया है :-


 ओंकारमन्त्रमूलाढ्य

 पुनर्जन्म द्रढ़ाश्य: ।

 गौभक्तो भारत:

 गरुर्हिन्दुर्हिंसन दूषकः ।


अर्थात : वो जो " ओमकार " को ईश्वरीय धुन माने , कर्मों पर विश्वास करे , *गौ-पालक रहे* , तथा बुराइयों को दूर रखे, वो हिन्दू है !


हिंदु धर्म /सनातन धर्म के 5 स्तंभ है (गकार, ग से शूरू होने वाले) - गीता,गंगा,गायत्री,गुरु,गाय


और पाँचो खतरे में है - 

#गीता के बारे में कोई जानता नही,

#गंगा का प्रदूषण होरहा है,

# गायत्री का कोई जाप नही करता,

#गुरु में वैसे ही मीडिया ने विश्वास उठा दिया है और 

#गौमाता ख़त्म होने की कगार पर है (केवल 2 करोड़ वेद लक्षणा देसी गोवंश बचा है भारत मे, गाय के खत्म होने से मनुष्य जाति खत्म होजाएगी)


गीता, गंगा (गंगा की उत्पत्ति गो-मुख से होती है), गायत्री (गाय +त्रि ) ,गुरु (गुरु गाय है,गाय गुरु है) को भी गाय का ही रूप बताया है


गीता - सर्वोपनिषदो गावो , दोग्धा   गोपाल नन्दन:, पार्थो वत्स: सुधीर्भोक्ता , दुग्धं  गीतामृतं महत् || 

सभी उपनिषद गायों के समान हैं ; गोपाल नन्दन (श्री कृष्ण ) इन गायों के रखवाले के समान हैं ; बुद्धिमान अर्जुन बछड़े के समान हैं जो इन गायों का दुग्धपान करते हैं और भगवद् गीता इन गायों के दूध के समान है ।


जन्म लेने से मृत्यु तक हिन्दु धर्म के 16 संस्कार गाय के बिना पूरे नही होते । यहां तक कि पूजा,हवन, ज्योति में भी गाय का घी ही प्रयोग में लेना होता है (शास्त्र अनुसार, भैस बकरी के घी से पूजा हवन निषेध है शाश्त्रो में)..अगर हम बाजार में जाकर पूजा के घी के खरीदे (सस्ते से सस्ता), तो वो गाय की चर्बी का ही घी होगा.. हैम अंदाजा लगा सकते है हिंदुओ का कितना पतन होगया है..


हिन्दू अगर 1 रु भी गौरक्षा में रोज नही लगा सकता तो उसपर धिक्कार है ..एक गाय पर रोज 50 रु का खर्च होता है, जो हिन्दू घर मे नही रकह सकते गाय वो गोसेवा करे ..


सभी युगों में युद्ध गाय बचाने के लिए ही हुआ है -


# परशुराम ने गौसेवा के लिए ही, पृथ्वी से गौहत्यारे राजाओं को हटाया .

#*सीता* धरती की बेटी है .शास्त्र अनुसार पृथ्वी गाय का रूप लेकर हमेशा भगवान के पास जाती है. तो इस प्रकार सीता भी गाय की बेटी के कारण गाय हुई .और उसकी सुरक्षा के लिए ही राम रावण का युद्ध हुआ

#*महाभारत* का युद्ध जमीन के बंटवारे पर हुआ, धरती गाय का ही प्रतीक है

#यहा तक की *आजादी की लड़ाई* भी गाय से शुरू हुई जब मंगल पांडे ने कहा कि वो गाय की चर्बी मुह में नही दे सकता ..याद रहे कहा गाय की चर्बी के कारण आजादी की लड़ाई शुरू होगई, और अंग्रेजो को भारत से निकाला..नही तो हम *वसुधैव कुटुम्बकम* में विश्वास रखते है.. वही दूसरी तरफ़ आज हिन्दू भारत वासी गाय के खून को शरीर मे लगवाकर गौरवान्वित हो रहे है ..


भारत कहा है

जब अज्ञात वास में दुर्योधन के ढूढने पर भी पांडव न मिले तो दुर्योधन ने *गंगा पुत्र भीष्म पितामह* से पूछा की *भारत (अर्जुन)* कहा मिलेगा. तब भीष्म पितामह ने उत्तर दिया *जहा कि गाय स्वस्थ है वही भारत (अर्जुन) मिलेगा* ..ये उत्तर हम सब हिंदुओ और भारत वासियों के लिए है , की भारत बचाना है तो गाय बचानी पड़ेगी..दुर्योधन को पता चलागया की विराट राज्य की गाय स्वस्थ है वही अर्जुन भारत मिलेगा


तब दुर्योधन ने गाय को मारना शुरू किया,ताकि अर्जुन उसे बचाने आये और वो फिर पांडवो को वनवास भेजदे..जैसे ही ये समाचार अर्जुन के पास पहुचा तो उनकी नपुंसकता खत्म होगई (अर्जुन को श्राप मिला था नपुंसकता का और वो नाच सिखाते थे विराट राज्य में) और वो गाय को बचाने की तैयारी करने लगे. लोगो ने अर्जुन को समझाया कि आज आखिरी दिन है अज्ञातवास का आप काल दुर्योधन से युद्ध करलेना ..पर अर्जुन ने कहा कि गाय को बचाने के लिए वो ऐसे कई वनवास कर सकता है ..

उसके बाद जब अर्जुन गाय को बचाने के लिए दुर्योधन से युद्ध करने लगा तो दुर्योधन ने अज्ञात वास टूटने का हवाला दिया ..फिर भीष्म ने कहा कि कुछ क्षण पहले ही अज्ञातवास खत्म होगया है ..


*बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार।*

*निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार॥ 192॥रामचरितमानस बालकाण्ड*


भावार्थ-

ब्राह्मण, गो, देवता और संतों के लिए भगवान ने मनुष्य का अवतार लिया। 

भगवान गाय को बचाने के लिए धरती पर अवतार लेते है ..

राम का जन्म गाय की खीर से हुआ (श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया..गौभक्ति के कारण श्रृंगी ऋषि के सिर पर सींग थे)


भगवान कृष्ण ने नंगे पैर गाय चराई .. और भगवान कृष्ण गौव्रती थे- पहले गाय को खिलाते फिर खुद खाते, जब गाय बैठती तब वो खुद बैठते, गाय पानी पीती जब वो पानी पीते. भगवान कृष्ण रोज 1 लाख गाय का दान देते, जब वो द्वारका में थे . भगवान कृष्ण ने ही गोवर्धन (गाय का वर्धन करना,बढ़ाना) का नारा दिया और गौरक्षा के लिए प्रेरित किया.उन्होंने सब पूजा छोड़ कर गौवर्धन/गौसेवा करने की ही प्रेरणा दी.

और आज हम गाय को पशु समझ बैठे है..


*#गाय बचेगी हिन्दू बचेगा,देश बचेगा*

*#गौमाता_राष्ट्रमाता*

Wednesday, January 26, 2022

FBS in Corona Vaccine

RTI showing FBS in Corona Vaccine




 

पूरी शंकराचार्य निश्चलानंद जी महाराज गौ हत्या का विरोध करते हुए

 पूरी शंकराचार्य निश्चलानंद जी महाराज गौ हत्या का विरोध करते हुए. श्री पथमेड़ा गौधाम से महाराज जिनकी गर्जना

https://www.facebook.com/329897217672111/posts/534976777164153/?sfnsn=wiwspwa&extid=e4ONqADKwPKmMu7s&d=w&vh=e

पू . कौशिक जी महाराज वैक्सीन का विरोध करते हुए

 पू . कौशिक जी महाराज वैक्सीन का विरोध करते हुए.. न खुद वैक्सीन लगवाया न शिष्यों को लगवाने दिया..कहा अगर विदेश जाने के लिए वैक्सीन अनिवार्य किया तो विदेश नही जायेगे

https://www.facebook.com/GopalManiMaharaj/videos/499619778010662/

द्वारका पीठ के शंकराचार्य के मुख्य शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने वैक्सीन का विरोध किया

 द्वारका पीठ के शंकराचार्य के मुख्य शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने वैक्सीन का विरोध किया


https://www.facebook.com/100064916598965/videos/788518888434237/

पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी वैक्सीन के बारे में बताते हुए

 पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी वैक्सीन के बारे में बताते हुए


https://www.facebook.com/329897217672111/videos/477739296587683/

This is why blood from newborn cattle is being used to develop Indian Covid vaccine

 This is why blood from newborn cattle is being used to develop Indian Covid vaccine

https://theprint.in/science/this-is-why-blood-from-newborn-cattle-is-being-used-to-develop-indian-covid-vaccine/503388/

Blood serum from newborn cattle is a key ingredient in biological research, such as the development of vaccines, and is widely available for import.


MOHANA BASU16 September, 2020


New Delhi: In a research paper recently released by the Indian Council of Medical Research and Bharat Biotech about Covaxin, the Covid-19 vaccine they are developing, scientists have mentioned that one of the ingredients used is blood serum from newborn cattle.

The Covid vaccine is not the first to use this ingredient; blood serum from newborn cattle is a vital part of biological research, and is usually imported from other countries.


And though there are some artificial replacements now available, the wide availability of imported cattle serum products makes it a key part of the Covid vaccine development process. ThePrint explains how.

Also read: Phase-I trials of 2 Indian Covid candidate vaccines show excellent safety, says MoS Choubey


The science behind the use of newborn cattle blood


Covaxin falls in the category of inactivated vaccines, in which the pathogen is deactivated so that it can no longer cause infection. However, parts of the virus can still be identified by the body’s immune system, triggering a reaction.

To produce the vaccine, vero CCL-81 cells — a line of cells from the kidney of a normal adult African green monkey — are grown in the lab. These cells are then exposed to the SARS-CoV-2 virus in bioreactors under controlled conditions. The virus is then harvested after about 36 hours and inactivated.


The inactivated virus is mixed with adjuvants — substances known to enhance immune response. In the case of Covaxin, the adjuvants used are alum and a molecule known as imidazoquinoline, which helps the body better recognise RNA from viruses.

To grow cells in the lab, scientists need to provide conditions that allow cells to divide and turn into specific cell types required for their experiments.

अब गाय के गोबर से तैयार होगी बिजली

 *अब गाय के गोबर से तैयार होगी बिजली, एक गाय के गोबर से पूरे साल जगमग होंगे 3 घर* 


https://awesomegyan.co/electricity-produce-by-cow-dung/

Electricity produce by cow dung – भारत में गाय के गोबर (Cow dung) को कई अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें उबले यानी कंडे बनाने से लेकर गोबर को खाद के रूप में खेतों में डालना शामिल है। इसके अलावा गाय के गोबर का इस्तेमाल बायोगैस, गोबर गैस और दिए आदि बनाने के लिए भी किया जाता है।


लेकिन क्या आपने कभी गाय के गोबर से बिजली बनाने (Electricity produce by cow dung) के बारे में सोचा है, अगर नहीं… तो आज इस प्रक्रिया के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। गाय के गोबर से तैयार बिजली से न सिर्फ बिल में कमी आएगी, बल्कि कई गाँव और कस्बे भी रोशन हो जाएंगे।

Kamdhenu Aayog claims Panchgavya & ayurveda treatment cured 800 COVID-19 patients in clinical trials

 Kamdhenu Aayog claims Panchgavya & ayurveda treatment cured 800 COVID-19 patients in clinical trials (5Jan2021,By PTI)


https://www.cnbctv18.com/healthcare/kamdhenu-aayog-claims-ayurveda-treatment-cured-800-covid-19-patients-in-clinical-trials-7906701.htm

Rashtriya Kamdhenu Aayog (RKA) Chairman Vallabhbhai Kathiria on Tuesday claimed that 800 COVID-19 patients have been cured through 'panchgavya and ayurveda' treatment in a clinical trial conducted in four cities across the country.

Announcing the first-ever national exam on 'gau vigyan' (cow science) to be held next month, Kathiria said the clinical trials were conducted on 200 patients each in Rajkot and Baroda (Gujarat), Varanasi (Uttar Pradesh) and Kalyan (Maharashtra) between June and October 2020 in partnership with state governments and some NGOs.

The RKA, which comes under the Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying, was set up by the Centre in February 2019 for the "conservation, protection and development of cows and their progeny". "Kamdhenu Aayog was a knowledge partner in the clinical trial... Soon, we are going to submit the data of clinical trials to the Ayush Ministry," Kathiria told reporters.

The treatment entailed doses of 'panchgavya' granules (mixture of cow urine, cow dung, milk, ghee and curd), herb 'Sanjeevani booti' and herbal concoction 'khada', he said. Stating that the clinical trials were conducted as per the Ayush Ministry's norms, Kathiria said the COVID-19 positive patients volunteered to participate in the trials and signed the required documents. They were admitted to medical colleges in the respective places where the trials were held.


कामधेनु आयोग का दावा- पंचगव्य और आयुर्वेद से ठीक हुए कोरोना के 800 मरीज़

 कामधेनु आयोग का दावा- पंचगव्य और आयुर्वेद से ठीक हुए कोरोना के 800 मरीज़

https://www.abplive.com/news/india/kamadhenu-commission-claims-800-patients-of-coronavirus-recovered-from-panchagavya-and-ayurveda-ann-1710565


डॉ कथेरिया ने बताया कि इस अनुसंधान को आयुष मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार ही चलाया गया और आयोग की ओर से जल्द ही एक रिपोर्ट आयुष मंत्रालय को सौंपी जाएगी.


प्रशांतLast Updated: 05 Jan 2021 10:25 PM (IST)


नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वैक्सीन को मंज़ूरी दी जा चुकी है और अगले 10 दिनों में इसकी ख़ुराक दिए जाने की शुरुआत भी हो सकती है. इस बीच सरकार की एक संस्था ने चौंकाने वाला दावा किया है. केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने दावा किया है कि कोरोना काल में पंचगव्य और आयुर्वेद के माध्यम से देशभर में 800 कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक किया गया.


कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर वल्लभभाई कथेरिया के मुताबिक सभी मरीजों का इलाज गाय द्वारा प्रदत्त उत्पादों से किया गया. आपको बता दें कि पंचगव्य में दूध, दही, घी,गोबर और गोमूत्र शामिल होता है. कथेरिया के मुताबिक़ किसी भी मरीज़ में कोई कॉम्प्लिकेशन देखने में नहीं आया.

आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि देश के 4 शहरों में कुल 800 कोरोना मरीजों का इलाज किया गया. इनमें राजकोट, बड़ोदरा, बनारस और महाराष्ट्र के कल्याण में 200-200 मरीज़ ठीक किए गए. डॉक्टर कठेरिया ने दावा किया कि इन मरीजों को बिना किसी एलोपैथिक दवा के ही ठीक कर दिया गया. उनके मुताबिक इसे एक अनुसंधान के तौर पर किया गया और इनमें केवल 4 मरीज़ ऐसे थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत पड़ी.


डॉ कथेरिया ने बताया कि इस अनुसंधान को आयुष मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार ही चलाया गया और आयोग की ओर से जल्द ही एक रिपोर्ट आयुष मंत्रालय को सौंपी जाएगी.