Sunday, November 29, 2015

गौ रक्षा एक वृहद विचार


गौ रक्षा एक वृहद विचार : - ( विश्वाश कुमार शुक्ल )
आज गौ रक्षा का अर्थ अधिकांश लोग सिर्फ़ गौ माता को बचाने से समझ्ते है और अधिकतर लोगो के लिए सिर्फ़ एक धार्मिक मुद्दा है, जबकि ऐसा नही है, गौ रक्षा सिर्फ़ किसी एक धर्म या संप्रदाय से जुड़ा विषय नही है बल्कि ये पुरे मानव समाज के अस्तित्व की लड़ाई है. गौ रक्षा सिर्फ़ किसी एक प्राणी के बचाव का मुद्दा नही है, ये सिर्फ़ हम सनातनी लोगो की माता के प्राणों की रक्षा की लड़ाई नही है, ये पुरे मानव समाज, राष्ट्र और प्रत्येक वयक्ति के जीवन मरण का प्रश्न है. गौ रक्षा भारत वर्ष की कृषि आधारित अर्थ्व्यस्था को बचाने की लड़ाई है गौ रक्षा प्रत्येक व्यक्ति को बचाने की लड़ाई है, जब समाज में गौ माता की रक्षा होगी, गौ आधारित कृषि और व्यापार होंगे, गौ माता के दूध, दही, घी और पंचगव्य से निर्मित चीजों का सेवन करने से व्यक्ति के सद्चरित्र का निर्माण होगा, सद्चरित्र लोगो से एक सभ्य और सुसंस्किरित समाज का निर्माण होगा, एक सभ्य और सुसंस्क्रीत समाज एक समृद्ध और चरित्रवान राष्ट्र का निर्माण करेगा और ऐसे चारित्रिक और वास्तविक प्रगतिशील राष्ट्र से एक सुखी, भेदभाव रहित दुनिया बनेगी और उससे हमारे सनातन धर्म के मूल वाक्य की सार्थकता सिद्ध होगी - वसुधैवा कुटुम्बकम्
इसलिए ध्यान रहे गौ रक्षा सिर्फ़ एक प्राणी की नही वरन् पुरे समाज, राष्ट्र और संसार के रक्षा की लड़ाई है

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