चारों वेदों में गोमाता का सन्दर्भ 1331 बार आया है. ऋग्वेद में 723 बार, यजुर्वेद में 87 बार, सामवेद में 170 बार और अथर्ववेद में 331 बार, गाय का विषय आया है. इन वेद मत्रों में गोमाता की महत्ता, उपयोगिता, वात्सल्य, करूणा और गोरक्षा के उपाय तथा गो से प्राप्त पंचगव्य पदार्थो के उपयोग और लाभ का वर्णन है.वेदों में गाय के लिए गो, धेनु और अघ्न्या ये तीन शब्द आये हैं. वेदों को समझने के लिये छः वेदांग शास्त्रों में से एक निरुक्त शास्त्र है. इसमें वैदिक शब्दों के अर्थो को खोलकर बताया गया है जिसे निर्वचन कहते हैं. ‘हन हिंसायाम् ’ धातु से हनति, हान आदि शब्द बनते हैं जिसका अर्थ हिंसा करना मारना है. गाय को अघ्न्या कहा है अर्थात् जिसकी कभी भी हिंसा न की जाये. शतपथ ब्राह्मण में (7/5/2/34) में कहा गया है-सहस्रो वा एष शतधार उत्स यदगौ: अर्थात भूमि पर टिकी हुई जितनी जीवन संबंधी कल्पनाएं हैं उनमें सबसे अधिक सुंदर, सत्य, सरस, और उपयोगी यह गौ है. इसमें गाय को अघ्न्या बताया गया है. तो अगर छोटे रूप में देखें तो यह वेदों में गाय का महत्व है. सभी ऋषियों ने बोला है कि गाय की हत्या नहीं करनी चाहिए किन्तु आज फिर भी देश में गाय अगर मर रही है तो उसके कुछ कारण हैं. आइये पढ़ते हैं उन्हीं 5 कारणों को जिनके कारण देश में गोहत्या कभी बंद नहीं हो पायेगी- 1.जब तक राजनीति और वोट का मुद्दा गाय रहेगी.. जब तक गाय को लेकर देश में राजनीति होती रहेगी तब तक गाय हत्या पर रोक लगनी देश में असंभव कार्य है. तो ना गोहत्या पर राजनीति कह्तं होगी और ना ही फिर गोहत्या कभी बंद होगी. 2.देश के सभी लोगों में जब तक क्रांति नहीं आएगी.. वैसे गोहत्या बंदी तो मात्र एक ही दिन में बंद हो सकती है जब अगर सभी हिन्दू गाय को माता सिर्फ बोले नहीं बल्कि मानें भी और सड़क पर आ जाए. लेकिन ऐसा होगा नहीं और गौ हत्या खत्म होगी नहीं. 3.लोकसभा में कानून कौन पेश करे.. बड़े शर्म की बात है कि अगर गो-हत्या का कानून बन जाएगा तो इससे किसी को क्या तकलीफ होने वाली है. अगर एक धर्म गाय को माता मानता भी है तो उसमें कौन सा वह पाप कर रहा है. लेकिन लोकसभा में कानून बनाने का जिम्मा कोई भी पार्टी नहीं लेगी. 4.हर हिन्दू का कर्तव्य एक गाय का पालन.. हर हिन्दू को यह जिम्मा उठाना पड़ेगा कि वह एक गाय को गोद लेगा और उसका बेड़ा वह उठायेगा. साथ ही साथ वह व्यक्ति दूध भी इसी गाय का पियेगा तो ऐसा करने से गाय सड़क पर नहीं रहेंगी और वहां से कटने नहीं जाएँगी. लेकिन ऐसा होगा नहीं और गाय हत्या खत्म नहीं होगी. 5.एक गाय करोड़पति बना सकती है.. यह जानकारी सबको देनी होगी कि एक गाय मरने तक अपने सेवक को हर महीने हजारों रुपैय दे सकती है. गाय का मूत्र और मॉल तक लोग खरीद रहे हैं. तो सबको पता होना चाहिए कि गाय करोड़पति बना सकती है. लेकिन इस बात को कौन लोगों तक पहुँचायेगा? तो यह 5 कारण हैं कि हम बोल सकते हैं कि भारत देश में कभी भी गो हत्या खत्म नहीं होगी लेकिन एक दिन हमारे देश से देशी गाय की नस्ल जरूर खत्म हो जायेगी.
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